- August 9, 2020
कोविड-19 की समीक्षा – 27,975 एक्टिव मरीज–17 लाख 78 हजार 700 रूपये की राशि जुर्माने
पटना ———– सचिव, सूचना एवं जन-सम्पर्क श्री अनुपम कुमार ने बताया कि कोविड-19 एवं बाढ़ की वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए सरकार द्वारा पूरी तत्परता से सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री द्वारा कोविड-19 की स्थिति को लेकर सभी जिलों के जिलाधिकारियों, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं हॉस्पिटल्स के साथ समीक्षा की गयी थी, वहीं पिछले तीन दिनों में उन्होंने बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया और राहत एवं बचाव को लेकर किये जा रहे कार्यों की समीक्षा भी की है। सरकार द्वारा हर जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं।
श्री अनुपम कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 2,642 लोग स्वस्थ हुए हैं और अब तक 51,315 लोग कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं। बिहार का रिकवरी रेट 64.37 प्रतिशत है। टेस्ट की संख्या बढ़ने से पॉजिटिव मामले ज्यादा आ रहे हैं। पॉजिटिव व्यक्तियों के 14 दिन पूरे होने पर रिकवरी रेट के प्रतिशत में वृद्धि होगी। 08 अगस्त को कोविड-19 के 3,934 नये मामले सामने आये हैं। वर्तमान में बिहार में कोविड-19 के 27,975 एक्टिव मरीज हैं। एक दिन में 75 हजार से अधिक टेस्टिंग कर स्वास्थ्य विभाग ने एक नया माइलस्टोन हासिल किया है। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में बिहार राज्य में 75,628 सैंपल्स की जांच की गई है और अब तक की गयी कुल जांच की संख्या 10,21,906 है।
सचिव, सूचना एवं जन-सम्पर्क ने बताया कि नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 16 जिलों के कुल 125 प्रखंडों की 1,232 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं, जहाँ आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। बाढ़ से अब तक 74 लाख 19 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। प्रभावित इलाकों में अभी 07 राहत शिविर चलाये जा रहे हैं, जिनमें 11,849 लोग आवासित हैं।
उन्होंने बताया कि 1,267 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 9,46,513 लोग भोजन कर रहे हैं। सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में 33 एन0डी0आर0एफ0 और एस0डी0आर0एफ0 की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं और अब तक प्रभावित इलाकों से एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 और बोट्स के माध्यम से करीब 5,08,174 लोगों को निष्क्रमित किया गया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को ग्रेचुटस रिलीफ के अंतर्गत 6,000 रूपये की राशि दी जाती है और अभी तक 06 लाख 31 हजार 295 परिवारों के बैंक खाते में कुल 378.77 करोड़ रूपये जी0आर0 की राशि अनुग्रह अनुदान के रूप में भेजी जा चुकी है।
अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय श्री जितेन्द्र कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा 1 अगस्त से लागू अनलॉक-3 के तहत जारी गाइडलाइन्स का अनुपालन कराया जा रहा है।
पिछले 24 घंटे में 07 कांड दर्ज किये गये हैं और 04 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है। इस दौरान 753 वाहन जब्त किये गये हैं और 17 लाख 78 हजार 700 रूपये की राशि जुर्माने के रुप में वसूल की गई है। इस प्रकार 1 अगस्त से अब तक 35 कांड दर्ज किये गये हैं और 36 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है। कुल 6,298 वाहन जब्त किए गए हैं और 01 करोड़ 57 लाख 58 हजार 470 रुपए की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है।
उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने वाले लोगों पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है। पिछले 24 घंटे में मास्क नहीं पहनने वाले 4,860 व्यक्तियों से 02 लाख 43 हजार रूपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है। इस प्रकार 01 अगस्त से अब तक मास्क नहीं पहनने वाले 44,452 व्यक्तियों से 22 लाख 22 हजार 600 रूपये की जुर्माना राशि वसूल की गयी है। कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और नये दिशा-निर्देशों का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार सिंह ने बताया कि विभाग की ओर से आज बिहार पृथ्वी दिवस का कार्यक्रम पूरे बिहार में आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की पहल पर बिहार पृथ्वी दिवस की शुरूआत वर्ष 2011 में हुई थी। इसके पीछे सोच ये थी कि जिस तरह से हम 9 अगस्त को 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन की याद में अगस्त क्रांति दिवस मनाते हैं, उसी तरह से पर्यावरण की रक्षा के लिए एक दूसरी क्रांति की आवश्यकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए 9 अगस्त 2011 से बिहार पृथ्वी दिवस मनाया जाने लगा। इस दिन पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर सभी लोग संकल्प लेते हैं।
श्री दीपक कुमार सिंह ने बताया कि बिहार में हरित आवरण बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना की गई थी, इसके अंतर्गत 20 करोड़ से ज्यादा पौधे वन एवं वन क्षेत्र के बाहर लगाये गये हैं। इसी कड़ी में वर्ष 2019 में जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरूआत की गई। इस वर्ष विभाग ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के एक अवयव के रूप में 2.51 करोड़ पौधे लगाने का रखा था।
5 जून से प्रारंभ कर 9 अगस्त की अवधि में पूर्ण जन सहभागिता के साथ 2.51 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था। इस अभियान की खासियत ये थी कि संख्या के साथ ही जन सहभागिता पर जोर दिया गया ताकि पेड़ों की सुरक्षा भी हो सके। इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग ने इस अभियान में 70 लाख परिवारों का सहयोग प्राप्त किया। इसके अलावा 8 हजार से ज्यादा पंचायतों ने मनरेगा के तहत अभी तक 1 करोड़ 2 लाख पौधे लगाये हैं। वन विभाग ने अपनी योजनाओं के तहत वन क्षेत्र एवं वन क्षेत्र के बाहर करीब 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा पौधे लगाये हैं।
केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों सी0आर0पी0एफ0, आई0टी0बी0पी0, एस0एस0बी0 एवं सी0आई0एस0एफ0 ने भी पौधे लगाये हैं। केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में रेलवे ने 3 लाख 90 हजार और एन0टी0पी0सी0 ने 3 लाख पौधारोपण करने का लक्ष्य रखा था। इसके अलावा बड़ी संस्थाएं जैसे लायंस क्लब और रोटरी क्लब के साथ ही धार्मिक न्यास पर्षद, शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड, गुरुद्वारा प्रबंधन समिति और गौशाला समितियों को भी इस कार्यक्रम में जोड़ा गया।
एन0सी0सी0 और आर्मी का भी इसमें सहयोग मिला। 2012 में हरियाली मिशन की शुरूआत के बाद से ये जन सहभागिता से वृक्षारोपण का सबसे बड़ा कार्यक्रम था। इस बार लोगों को उनकी पसंद के मुताबिक पौधे उपलब्ध कराये गये। 1 करोड़ 40 लाख से ज्यादा फलदार पौधे लगाये गये हैं। 2 करोड़ 51 लाख पौधारोपण के विरुद्ध आज की तारीख तक 3 करोड़ 47 लाख वृक्ष लगाये गये हैं। ये कार्यक्रम अगस्त महीने के अंत तक चलता रहेगा। विभाग को उम्मीद है कि 4 करोड़ के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जायेगा।
श्री दीपक कुमार सिंह ने कहा कि आज पटना में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और पथ निर्माण मंत्री द्वारा आर-ब्लॉक गोलंबर के पास पौधारोपण किया गया। इसी तरह का कार्यक्रम आज पूरे बिहार में 10 हजार से ज्यादा जगहों पर हुआ। सभी पंचायतों में कम से कम एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रखंड मुख्यालयों, जिला मुख्यालयों, अनुमंडल मुख्यालयों के साथ ही विभिन्न विभागों खासकर कृषि विभाग ने अपने कार्यालयों एवं फर्मों पर पौधारोपण किया।
जल संसाधन विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार कोशी नदी में आज 12 बजे दिन में 1,66,625 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और इसकी प्रवृत्ति बढ़ने की है। कोशी नदी का जलस्तर बलतारा अवस्थित गेज स्थल के पास 35.78 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 33.85 मीटर से 1.93 मीटर उपर है। गंडक नदी का डिस्चार्ज 1,34,000 क्यूसेक है और इसकी प्रवृति स्थिर है।
सोन नदी में 29,703 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और इसकी प्रवृति बढ़ने की है। बागमती नदी का जलस्तर ढेंग, कटौंझा, बेनीबाद एवं हायाघाट गेज स्थलों पर खतरे के निशान से ऊपर है। सोनाखान, डूब्बाधार तथा कंसार/ चन्दौली गेज स्थलों पर जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर सिकन्दरपुर, समस्तीपुर रेल पुल, रोसरा रेल पुल एवं खगड़िया में खतरे के निशान से ऊपर है।
इस वर्ष बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण तटबंधों पर अत्यधिक दबाव बना हुआ है इसलिए तटबंध के कई बिन्दुओं पर सीपेज/पाईपिंग की समस्या परिलक्षित हुई है, जिसे क्षेत्रीय अभियंताओं द्वारा युद्धस्तर पर दिवा-रात्रि बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराकर सुरक्षित रखा गया है। विगत 24 घंटे में गंगा नदी के जलस्तर में बक्सर, भागलपुर एवं कहलगाँव में वृद्धि हुई है, जबकि हाथीदह में जलस्तर स्थिर है।
महानंदा नदी का जलस्तर झंझारपुर रेल पुल के डाउनस्ट्रीम के पास खतरे के निशान से ऊपर है। अधवारा नदी का जलस्तर सुन्दरपुर गेज स्थल पर खतरे के निशान से 0.20 मीटर ऊपर है। मुख्य अभियंता, गोपालगंज परिक्षेत्राधीन सारण तटबंध सारण, भैसही पुरैना छरकी, बंधौली शीतलपुर फैजुल्लाहपुर जमींदारी बाँध एवं बैकुंठपुर रिटायर्ड लाईन तथा मुख्य अभियंता, मुजफ्फरपुर परिक्षेत्राधीन चंपारण तटबंध के क्षतिग्रस्त भाग को छोड़कर शेष बिहार राज्य में विभिन्न नदियों पर अवस्थित तटबंध सुरक्षित है। सतत निगरानी एवं चैकसी बरती जा रही है।