कोरोना संक्रमण व लाॅकडाउन के बावजूद ‘कर समाधान योजना’ के तहत 1,122 करोड़ के विवादित बकाए का समाधान-उपमुख्यमंत्री

कोरोना संक्रमण व लाॅकडाउन के बावजूद ‘कर समाधान  योजना’ के तहत 1,122 करोड़ के विवादित बकाए का समाधान-उपमुख्यमंत्री

योजना के अधीन करीब 30 वर्ष पूर्व के भी सैकड़ों बकायों का हुआ निपटारा
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पटना —— उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि विगत चार महीने से जारी कोरोना संक्रमण व लाॅकडाउन की चुनौतियों के बावजूद ‘कर समाधान योजना’ के तहत 30 वर्ष से पुराने सैकड़ों मामले सहित 1,122.33 करोड़ के विवादित बकाए का समाधान कर अंतिम रूप से 26,940 मामलों को समाप्त कर दिया गया है।

इस योजना के तहत कुल देय बकाए 323 करोड़ रुपये के विरूद्ध व्यावसायियों द्वारा योजना के पूर्व 166.87 करोड़ रुपये तथा बाद में 160.03 करोड रुपये जमा कराए गए। 01 जुलाई, 2017 से पूरे देश में लागू जीएसटी पर कर पदाधिकारियों का घ्यान केन्द्रित करने के उद्देश्य से पुराने कर विवादों के निपटारे के लिए यह समाधान योजना लाई गई थी।

श्री मोदी ने बताया कि जीएसटी लागू होने के पूर्व से वैट और अन्य अधिनियमों के तहत चले आ रहे बकाए कर के विवादों के समाधान के लिए इस साल 15 जनवरी से तीन महीने के लिए कर समाधान योजना लागू की गई थी। इसके अन्तर्गत व्यावसायियों को जुर्माने, शास्ति या ब्याज पर जहां 90 प्रतिशत की तो निर्धारित कर के मामले में 65 प्रतिशत तक की छूट दी गई थी।

योजना में यह प्रावधान किया गया था कि अगर किसी न्यायालय में विवाद लम्बित है तो भी व्यावसायी इसका लाभ ले सकते हैं।

यह भी कहा गया गया था कि समाधान किए जाने वाले बकाये के विरूद्ध व्यावसायी द्वारा पूर्व में कोई राशि जमा की गयी है तो उसे भी इस योजना के अधीन जमा की गयी राशि मान ली जाएगी।

कोरोना व लाॅकडाउन की चुनौतियों के बावजूद व्यावसायियों के सहयोग से वर्षों से चले आ रहे कर बकाए के हजारों विवादों को समाप्त करने में सरकार को बड़ी सफलता मिली है।

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