- December 4, 2014
कॉलोनाइजरों को गरीबों के लिये 6% भूखण्ड आरक्षित करना होगा – मंत्रि-परिषद् के निर्णय
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सम्पन्न मंत्रि-परिषद् की बैठक में निर्णय लिया गया कि शहरी सीमा के निकट स्थित ग्राम-पंचायत क्षेत्र के गाँव में कॉलोनाइजरों को विक्रय योग्य आवासीय क्षेत्र में कुल निर्मित क्षेत्र का 6 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर तथा निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिये आरक्षित करना होगा। निर्मित आवासीय इकाइयों के मामले में भी कुल निर्मित क्षेत्र का 6 प्रतिशत आरक्षण करना अनिवार्य होगा। इससे इन वर्ग के परिवारों को कम दर पर व्यवस्थित आवास उपलब्ध होंगे। कॉलोनाइजर द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर एवं निम्न वर्ग के लिये भूखण्ड/भवन आरक्षित न किये जाने की दशा में आश्रय शुल्क जमा करना होगी। आश्रय शुल्क की राशि संबंधित जिला पंचायत में जमा होगी। इस राशि से ईडब्ल्यूएस/एलआईजी वर्ग के ग्रामीण आवासहीन व्यक्तियों के लिये आवास निर्मित किये जायेंगे। इसके अलावा कॉलोनी के बाह्य विकास कार्य के लिये कॉलोनाइजर को आश्रय शुल्क जमा करना होगा। इस कार्य में सड़कों, जल-निकास तथा मल-प्रवाह प्रणाली का संधारण शामिल है। ग्राम-पंचायतों में कॉलोनियों के निर्माण के लिये कॉलोनाइजर को 50 हजार रुपये रजिस्ट्रीकरण शुल्क जमा करना होगा। पहले यह शुल्क 5000 रुपये थी। कॉलोनी के विकास के लिये अनुज्ञा शुल्क में वृद्धि कर उसे 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है। मकानों की क्षति पर राहत में वृद्धि मंत्रि-परिषद् ने मकान क्षति के मामलों में दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि की है। इसके अनुसार इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान (आईएपी) वाले जिलों में पक्के मकान के पूरी तरह नष्ट हो जाने पर दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि को 70 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है। वर्तमान में भारत सरकार के गृह मंत्रालय के नक्सल मेनेजमेंट डिवीजन के अनुसार प्रदेश के बालाघाट, अनूपपुर, डिण्डोरी, मण्डला, सिवनी, शहडोल, सीधी, उमरिया, छिन्दवाड़ा और सिंगरोली जिले आईएपी डिस्ट्रिक्ट श्रेणी में आते हैं। गंभीर क्षतिग्रस्त मकान (जहाँ क्षति 50 प्रतिशत से अधिक हो) की स्थिति में पक्के मकान की क्षति पर राशि अधिकतम 6,300 रुपये से बढ़ाकर 12 हजार 600 रुपये तथा कच्चे मकान पर 3,200 रुपये से बढ़ाकर 3,800 रुपये कर दी गई है। आंशिक क्षति-ग्रस्त मकान (क्षति 15 से 50 प्रतिशत) के मामले में पक्के मकान (झुग्गी के अलावा) की क्षति पर राहत राशि अधिकतम 2,500 रुपये से बढ़ाकर 3,800 रुपये तथा कच्चे मकान (झुग्गी के अलावा) के मामले में अधिकतम राशि 1900 रुपये से बढ़ाकर 2300 रुपये कर दी गई है। मकान से संलग्न पशु-घर की क्षति पर राहत राशि अधिकतम 1250 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये कर दी गई है। विदेश शिक्षा के लिये अनुसूचित-जाति के विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी मंत्रि-परिषद् ने विदेश अध्ययन के लिये जाने वाले अनुसूचित-जाति वर्ग के विद्यार्थियों की संख्या 10 से बढ़ाकर 50 करने का निर्णय लिया। उनके लिये आय-सीमा को बढ़ाकर 5 लाख से 6 लाख वार्षिक करने का भी निर्णय लिया गया। विदेश अध्ययन के लिये शैक्षणिक शुल्क, निर्वाह भत्ता और आकस्मिकता भत्ता की दरों में भी वृद्धि की गई है। अध्ययन के लिये नवीन पाठ्यक्रमों को भी जोड़ा गया है। विद्युत वितरण कम्पनियों की गारंटी मंत्रि-परिषद् ने तीनों विद्युत वितरण कम्पनी की कार्यशील पूँजी की व्यवस्था के लिये उन्हें पॉवर फायनेंस कार्पोरेशन/ग्रामीण विद्युतीकरण निगम, नई दिल्ली से 1050 करोड़ रुपये के लघु/मध्यम अवधि ऋण के लिये गारंटी देने का निर्णय लिया। प्रत्येक कम्पनी के लिये यह राशि 350 करोड़ रुपये है। मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कम्पनी की कार्यशील पूँजी की व्यवस्था के लिये कम्पनी द्वारा पॉवर फायनेंस कार्पोरेशन/ग्रामीण विद्युतीकरण निगम/वित्तीय संस्था से प्राप्त किये जाने वाले 100 करोड़ के लघु/मध्यम अवधि ऋण के लिये गारंटी देने का निर्णय लिया। ऋण की गारंटी के लिये वितरण कम्पनियों एवं पॉवर जनरेटिंग कम्पनी द्वारा राज्य शासन को 0.5 प्रतिशत की दर से गारंटी फीस का भुगतान किया जायेगा। जिला मार्गों का उन्नयन मंत्रि-परिषद् ने एशियन विकास बेंक द्वारा वित्त पोषित मुख्य जिला मार्गों के उन्नयन के लिये प्रस्तावित मध्यप्रदेश डिस्ट्रिक्ट कनेक्टिविटी सेक्टर प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में चयन किये गये 1149.836 किलोमीटर लम्बाई के 41 मार्ग के उन्नयन का कार्य मध्यप्रदेश रोड डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा करवाने का निर्णय लिया। मंत्रि-परिषद् ने इस कार्य के लिये रुपये 2157.37 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दी। परियोजना की लागत 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर है, जिसमें 350 मिलियन डॉलर का एशियन विकास बेंक द्वारा ऋण दिया जायेगा। शेष 150 मिलियन डॉलर का वित्तीय भार राज्य शासन वहन करेगा। परियोजना से ग्रामीण जनता को जिला मुख्यालय, पर्यटन, धार्मिक महत्व के स्थलों को जोड़ने वाला एक सुगम मार्ग यातायात के लिये उपलब्ध होगा। इससे रोजगार के बेहतर अवसर भी निर्मित होंगे। कनेक्टीविटी के आधार पर वर्तमान तथा भविष्य में बढ़ने वाले यातायात को देखते हुए 1149.836 किलोमीटर में से 830.603 किलोमीटर में इंटरमीडियट लेन तथा 319.283 किलोमीटर में डबल लेन प्रस्तावित है। स्कूल शिक्षा विभाग में 2250 पद निर्मित मंत्रि-परिषद् ने स्कूल शिक्षा विभाग में 2250 पद निर्माण की स्वीकृति दी। इनमें वर्ष 2014-15 में प्रावधानित नवीन उन्नत 50 हाई स्कूल के लिये प्रति विद्यालय प्राचार्य, संविदा शाला शिक्षक वर्ग-1 और संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3, संविदा सहायक ग्रेड-3, एन्ट्री ऑपरेटर और शाला प्रबंधक के 400 पद तथा 100 हायर सेकेण्डरी स्कूल के लिये प्रति विश्वविद्यालय प्राचार्य, संविदा शाला शिक्षक वर्ग-1 एवं संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3, संविदा सहायक ग्रेड-3, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर और गणक के पद शामिल हैं। सीटों में वृद्धि मंत्रि-परिषद् ने आदिम-जाति कल्याण विभाग के वित्तीय वर्ष 2014-15 में शेष रहे 50 सीट से कम प्री-मेट्रिक स्तर के 25 छात्रावास में 550 सीट की वृद्धि किये जाने की प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति दी। परियोजना परीक्षण समिति के निर्णय के अनुसार इन छात्रावास के संचालन के लिये प्रति छात्रावास एक पद के मान से 25 संविदा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद सृजित करने की मंजूरी दी गई। इसके लिये आवर्ती व्यय रुपये 72.54 लाख तथा अनावर्ती व्यय रुपये 38.50 लाख संभावित है। विधानसभा के लिये पद मंत्रि-परिषद् ने विधानसभा सचिवालय में ऑनलाइन प्रश्न भेजने तथा उत्तर प्राप्त करने के साथ ही विधानसभा की सभी शाखा के कम्प्यूटराइजेशन के फलस्वरूप उनके कार्य-संचालन के लिये कम्प्यूटर से संबंधित 7 नियमित पद तथा 25 डाटा एन्ट्री ऑपरेटर के पद आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरे जाने की स्वीकृति दी। अन्य निर्णय · मंत्रि-परिषद् ने जिला लोक अभियोजन अधिकारी के 32, सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी के 50 पद का उन्नयन कर अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी के 50 पद, सहायक ग्रेड-3 के 32 तथा भृत्य के 25 पद के सृजन का निर्णय लिया। · मंत्रि-परिषद् ने सहायक श्रम पदाधिकारी से श्रम पदाधिकारी के पद पर पदोन्नति के लिये विभागीय भर्ती नियम में प्रावधानित 5 वर्ष की अर्हतादायी सेवा में 2 वर्ष की एक बार छूट देने का निर्णय लिया। |
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दिनेश मालवीय |