केमिकल, पेट्रोल, पेट्रो-केमिकल और प्राकृतिक गैस उद्योग में आपदा जोखिम

केमिकल, पेट्रोल, पेट्रो-केमिकल और प्राकृतिक गैस उद्योग में आपदा जोखिम

इंदौर में आगामी 9 से 11 फरवरी, 2015 तक केमिकल, पेट्रोल, पेट्रो-केमिकल और प्राकृतिक गैस उद्योग में आपदा जोखिम को कम करने और आपातकालीन तैयारी पर अन्तर्राज्यीय क्षेत्रीय सम्मेलन किया जा रहा है। फेडरेशन ऑफ इण्डियन चेम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्री (फिक्की), नेशनल डिजास्टर मेनेजमेंट अथारिटी, पेट्रोलियम एण्ड नेचुरल गैस रेग्युलेटरी बोर्ड भारत सरकार और मध्यप्रदेश शासन के संयोजन में होने वाले सम्मेलन के आयोजन के लिये प्रमुख सचिव वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार की अध्यक्षता में अन्तर्विभागीय समिति का गठन किया गया है।

सम्मेलन में देश के विख्यात विषय-विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं, जो उद्योगों में आपदा प्रबंधन, आपदा की रोकथाम, आपदा होने पर त्वरित नियंत्रण आदि विषय पर व्याख्यान देंगे। इसमें मध्यप्रदेश और पड़ोसी राज्यों से 300 से अधिक प्रतिभागियों के भाग लेने की संभावना है।

सम्मेलन का उद्देश्य पेट्रोल, केमिकल, प्राकृतिक गैस के खतरों को कम से कमतर कर वैश्विक उद्योग को बेहतर सुरक्षा प्रदान करना है। सम्मेलन के दौरान विभिन्न कम्पनी के प्रतिनिधि अपनी सफलता की कहानियाँ, कार्य के दौरान खतरों को कम करने अपनाई गई सफल तकनीकों, ज्वलनशील पदार्थों के परिवहन में अपनाई जा रही सतर्कता आदि उपायों का आदान-प्रदान करेंगे। प्रतिभागियों को आपात स्थिति में घटना-स्थल और इसके बाहर सक्षमता विकास प्रशिक्षण का भी सुअवसर मिलेगा। प्रत्यक्ष प्रशिक्षण के लिये अंतिम दिन 11 फरवरी को मॉक ड्रिल भी होगी।

सम्मेलन के दौरान दो-दिवसीय प्रदर्शनी लगेगी। प्रदर्शनी में विभिन्न कम्पनी अपने उत्पादों, तकनीक और सेवा का प्रदर्शन करेंगे। प्रतिभागियों में रसायन उद्योग, तेल एवं गैस रिफायनरी एवं खोज इकाई, पेट्रोल, हाइड्रोकार्बन, पेट्रो-केमिकल उत्पादक, लौह एवं फौलाद उद्योग, उर्वरक, कीटनाशक, कागज, टेक्सटाइल उद्योग, फार्मास्युटिकल, सेफ्टी, सिक्यूरिटी, इमरर्जेंसी एवं हेल्थ-केयर प्रोडक्ट उद्योग आदि शामिल हैं।

सुनीता दुबे

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