- August 31, 2016
केन्द्रीय क्षेत्र कामगारों की बुनियादी न्यूनतम मजदूरी
पेसूका———– वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली, श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री बंडारू दत्तात्रेय और बिजली, कोयला तथा नई एवं नवीकरणी ऊर्जा तथा खान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल ने ट्रेड यूनियनों के मांग पत्र पर आज यहां एक संयुक्त प्रेसवार्ता की।
श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने आज ट्रेड यूनियनों के नेताओं के साथ बैठक की और उनके मांग पत्र पर विस्तार से चर्चा की। उसके बाद मुद्दों पर अंतर-मंत्रालयी समिति में चर्चा की गई, जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री ने की। उक्त बैठक में जो निर्णय लिये गये वे इस प्रकार हैं-
1.बोनस संशोधन अधिनियम को सख्ती से लागू किया जायेगा। केन्द्र सरकार वर्ष 2014-15 और 2015-16 के लिए संशोधित नियमों के आधार पर बोनस का भुगतान करेगी। इस संबंध में सरकारी अधिसूचना फौरन जारी की जायेगी।
2.बोनस के भुगतान के संबंध में उच्च न्यायालयों/ सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित मामलों को हल करने के लिए केन्द्र सरकार आवश्यक कदम उठायेगी।
3.केन्द्रीय क्षेत्र के कामगारों की बुनियादी न्यूनतम मजूदरी में संशोधन के लिए श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की अध्यक्षता में न्यूनतम मजदूरी सलाहकार बोर्ड की बैठक में जो चर्चा हुई थी, उसके आधार पर ‘सी’ वर्ग क्षेत्रों के अकुशल गैर-कृषि कामगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी 350 रुपये प्रतिदिन तय की गई। इस संबंध में न्यूनतम मजदूरी तय करने के मानदंड को ध्यान में रखा गया।
4.ठेके पर काम करने वाले कामगारों और ठेकेदार ऐजेंसियों का पंजीकरण कानूनी तौर पर अनिवार्य कर दिया गया है। राज्यों को सलाह दी गई है कि वे इसका कड़ाई से पालन करें। गलती करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जायेगी।
5.आंगनवाड़ी, मध्याह्न भोजन, आशा स्वयंसेवक आदि जैसे असंगठित क्षेत्रों को सामाजिक सुरक्षा लाभ देने के मुद्दे पर एक समिति विचार करेगी और जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
6.राज्य सरकारों को सलाह जारी की जायेगी कि वे ट्रेड यूनियनों का पंजीकरण सुनिश्चित करें।
7.केन्द्र सरकार ने त्रिपक्षीय परामर्श प्रक्रिया के संबंध में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
8.संबंधित उद्योगों के संदर्भ में मुद्दों को हल करने के लिए क्षेत्रवार बैठकों का आयोजन किया जायेगा।
बाद मे श्री बंडारू दत्तात्रेय ने मीडिया से बात करते हुए ट्रेड यूनियनों से अपील की कि वे राष्ट्रहित में अपनी प्रस्तावित हड़ताल पर दोबारा विचार करें।