- April 21, 2020
केंद्रीय टीमों के काम में बाधा न डालने का पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश
नई दिल्ली ———केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल की सरकार को कोविड-19 से लड़ने के लिए राज्य में लॉकडाउन उपायों के कार्यान्वयन की समीक्षा और मौके पर आकलन करने संबंधी केंद्रीय टीमों के काम में बाधा न डालने का निर्देश दिया है।
यह गृह मंत्रालय के संज्ञान में लाया गया था कि कोलकाता और जलपाईगुड़ी दोनों ही जगहों पर अंतर-मंत्रालय केंद्रीय टीमों (आईएमसीटी) को राज्य और स्थानीय अधिकारियों ने अपेक्षित सहयोग नहीं दिया है।
यह बताया गया कि इन टीमों को विशेषकर कोई भी दौरा करने, स्वास्थ्य प्रोफेशनलों के साथ बातचीत करने और जमीनी स्तर की स्थिति का आकलन करने से रोका गया है। अत: इस प्रवृत्ति के जरिए आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेशों और भारत के सर्वोच्च न्यायालय के समान रूप से बाध्यकारी दिशा-निर्देशों के कार्यान्वयन में बाधा डाली गई है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने चिन्हित चुनिंदा जिलों में व्याप्त स्थिति का मौके पर आकलन करने के बाद लॉकडाउन उपायों के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए 19 अप्रैल 2020 को पश्चिम बंगाल राज्य में दो आईएमसीटी को प्रतिनियुक्त किया था। इन टीमों में सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अधिकारी भी शामिल हैं, जिनकी विशेषज्ञता का उपयोग कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा किया जा सकता है।
इन टीमों को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 35 के तहत केंद्र सरकार को प्रदत्त अधिकार के तहत प्रतिनियुक्त किया गया है।
यह केंद्र सरकार को ऐसे सभी उपाय करने के लिए अधिकृत करता है, जो आपदा प्रबंधन के लिए आवश्यक या समीचीन है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी 31 मार्च 2020 के अपने आदेश में यह बात रेखांकित की है कि राज्य सरकारें सार्वजनिक सुरक्षा के हित में भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों और आदेशों का ईमानदारी से अक्षरश: पालन करेंगी। इसके मद्देनजर राज्य सरकारों पर कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए एक बाध्यता लागू की गई है जिसका निश्चित तौर पर कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।
अत: गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश दिया है कि वह गृह मंत्रालय के 19 अप्रैल 2020 के आदेश का अनुपालन करे और आईएमसीटी को सौंपी गई जिम्मेदारियों को निभाने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करे, जैसा कि उन्हें पूर्वोक्त आदेश में सौंपा गया है।