• September 26, 2022

कृषि रोड मैप पर ही सवालिया निशान : कृषि मंत्री सुधाकर सिंह

कृषि रोड मैप पर ही सवालिया निशान :  कृषि मंत्री सुधाकर सिंह

पटना. बिहार में किसानों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. कृषि मंत्री विभाग के अधिकारियों और सरकार की नीति पर सवाल उठा रहे हैं. इस बार कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार के कृषि रोड मैप पर ही सवालिया निशान खड़ा करने हुए जांच कराने की बात कह दी है. बिहार में कम वर्षा होने के कारण किसान पहले से परेशान स्थिति सूखे की बनते जा रहे है. सरकार के द्वारा जो राहत पहुंचाई जा रहे हैं वह ना काफी है. इधर महागठबंधन की सरकार बनने के बाद सबसे ज्यादा सवाल खड़े कृषि विभाग पर ही खड़े हुए हैं .

कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने ही विभाग के अधिकारियों पर पहले गंभीर आरोप लगाया और अब बिहार में लाए गए कृषि रोडमैप को भी बेकार बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहला कृषि रोड मैप का बहुत छोटा बजट था और लक्ष्य छोटा था. कृषि रोड मैप 2 और 3 व्यापक पैमाने पर बनाए गए लेकिन उसमे यह नीति नहीं बनाई गई कि किसानों की आमदनी कैसे बढ़ेगी और उत्पादन कितना बढ़ेगा. इन चीजों का इस में जिक्र ही नही किया गया.

कृषि रोड मैप के आंकड़े चिंताजनक हैं. बिहार में वर्ष 2011 और 12 में खाद्यान्न का उत्पादन 1 करोड़ 77 टन था और वर्ष 2021- 22 में 1 करोड़ 76 लाख टन था. 1 लाख टन बिहार का पैदावार भी घट गया .जबकि 10 वर्षो में आबादी भी बढ़ी लेकिन उत्पादन नही बढ़ा. बिहार में वर्ष 2008 में पहला कृषि रोड मैप लगाया था जो 2012 तक के लिए था .उसके बाद 2012 में 2017 के लिए कृषि रोड मैप बनाया गया .और फिर 2017 से 2022 तक के लिए रोड मैप लाया गया जिसे कोरोना के कारण के साल के लिए बढ़ाया गया है .वर्ष 2017 से 22 में लाए गए तीसरे कृषि रोड मैप का बजा करीब 1 लाख 54 हजार करोड़ था.

Related post

विश्व अस्थमा दिवस 07 मई : : अस्थमा की रोकथाम के लिए बचाव और सतर्कता है जरूरी : विनिता झा

विश्व अस्थमा दिवस 07 मई : : अस्थमा की रोकथाम के लिए बचाव और सतर्कता है जरूरी…

आकांक्षा प्रिया———   निया भर के लोगों में अस्थमा सांस से जुड़ी हुई एक गंभीर समस्या बनी…
पुस्तक समीक्षा : लेखिका एवं व्यंग्यकार रिंकल शर्मा रचित “बुरे फंसे” पुस्तक

पुस्तक समीक्षा : लेखिका एवं व्यंग्यकार रिंकल शर्मा रचित “बुरे फंसे” पुस्तक

आकांक्षा प्रिया————– पिछले दिनों मेरे द्वारा पढ़ी जाने वाली पुस्तक रही “बुरे फंसे”, जो कि एक हास्य…
राहुल गांधी : अमेठी, वायनाड, अब रायबरेली  या  विरासत के सहारे जीत की तलाश

राहुल गांधी : अमेठी, वायनाड, अब रायबरेली या विरासत के सहारे जीत की तलाश

राजनीति में कब क्या हो जाए, कुछ भी नहीं कहा जा सकता। कांग्रेस की स्थिति कमोवेश…

Leave a Reply