• February 18, 2017

कृषि मेला-2017 प्रारम्भ——‘हर खेत को पानी’-

कृषि मेला-2017 प्रारम्भ——‘हर खेत को पानी’-

जयपुर, 18 फरवरी। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि ‘हर खेत को पानी’ पहुंचाने के उद््देश्य से केन्द्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ की शुरूआत की है। इससे सूखे की समस्या का स्थाई समाधान हो पाएगा। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने शनिवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय परिसर में पश्चिमी क्षेत्रीय कृषि मेला-2017 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। 1

उन्होंने कहा कि केन्द्र की सरकार गांव, गरीब और किसान को समर्पित सरकार है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द मोदी का स्वप्न है कि प्रत्येक खेत को पानी और हर हाथ को काम मिले। सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार, 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना चाहती है। किसानों की आमदनी तभी बढ़ेगी, जब उत्पादन ज्यादा होगा और लागत कम आएगी। उन्होंने कहा कि किसानों को उद्यानिकी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन की ओर भी बढ़ना होगा।

श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि मिट्टी की तासीर समझने और इसकी उर्वरा शक्ति बढ़ाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत 14 करोड़ खेतों की मिट्टी के नमूने मार्च 2017 तक एकत्रित किए जाएंगे तथा मृदा के स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए पूरे देश में नए मृदा परीक्षण केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं। पूर्व में स्थापित केन्द्रों का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि मेला के माध्यम से कृषक, कृषि वैज्ञानिक और कृषक कल्याण के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाएं विचारों का आदान-प्रदान कर पाएंगी तथा नवाचारों के प्रति जागरूक हो सकेंगे। इससे कृषि के दौरान आने वाली व्यावहारिक समस्याओं का समाधान भी हो सकेगा।

राज्य में हो रहा बेहतर क्रियान्वयन केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि राजस्थान में कृषि कल्याण की योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन हो रहा है। उन्होंने जल संचय एवं जल प्रबंधन के दृष्टिकोण से राज्य के सभी 33 जिलों में बनाए गए ‘डिस्ट्रीक्ट ईरिगेशन प्लान’ की सराहना की तथा कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड कार्यक्रम के तहत राज्य में 23 लाख के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक मृदा के 22.32 लाख नमूने लिए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट कार्य कर रही है। सरकार द्वारा अब तक विश्वविद्यालय को 14 करोड़ रूपये की राशि विकास कार्यों के लिए उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने कहा कि बीकानेर में मूंगफली बीज अनुसंधान केन्द्र का क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किया जाएगा।

पहली बार 4.1 प्रतिशत पहुंची कृषि विकास दर केन्द्रीय वित्त एवं कंपनी मामलात राज्य मंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृृत्व में देश में पहली बार कृषि की विकास दर 4.1 प्रतिशत तक पहुंची है। इसमें किसानों का योगदान अनुकरणीय है।

उन्होंने मरूस्थल में उगने वाले औषधीय पेड़-पौधों के अनुसंधान की आवश्यकता जताई तथा कहा कि विश्वविद्यालय इस दिशा में कार्य करे। उन्होंने कहा कि खेजड़ी, आंवला, तूम्बा, ग्वारपाठा जैसे औषधीय पौधों की उपयोगिता पर रिसर्च हो तथा इससे संबंधित डीपीआर बनाई जाए, जिसे वे भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की सराहना की तथा कहा कि यह अभियान मरूस्थलीय क्षेत्रों में प्राणवायु की तरह साबित हो रहा है।

विषम परिस्थितियों के बावजूद आगे बढ़ रहा है राजस्थान राज्य के कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि विषम परिस्थितियों के बावजूद राजस्थान अनेक क्षेत्रों में विकसित राज्यों के बराबर खड़ा है। राज्य में जीरा, धनिया, इसबगोल, सरसों, मेथी, मेहंदी और अश्वगंधा की बम्पर पैदावार हो रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में चुनौतियों को अवसर में बदलने के प्रयास हो रहे हैं।

जैतून की खेती में राजस्थान सबसे आगे है। बीकानेर के नजदीकी गांव खारा में पिंडखजूर के उत्पादन की शुरूआत हुई है। राज्य सरकार द्वारा टर्की से रेगिस्तान के लिए पिस्ता के पौधे लाने की योजना है।

आम आदमी के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य में जैनेरिक मोडिफाइड रिसर्च और प्रोडक्शन नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि डूंगरपुर राज्य का पहला जैविक खेती करने वाला जिला बनने की ओर अग्रसर है।

आज 65 हजार हैक्टयेर क्षेत्र में जैविक खेती हो रही है तथा 55 हजार से अधिक किसान यह पद्धति अपना चुके हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही राजस्थान आर्गेनिक राज्य बनने की ओर अग्रसर होगा।

राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रौन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत ने कहा कि वर्तमान सरकार की नीतियां किसान और खेत के अनुकूल हैं। इससे देश को आगे बढ़ने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कृषि बीमा के क्षेत्र का विस्तार किया गया है, इससे आपदा से प्रभावित किसान को लाभ मिलेगा। भारतीय किसान संघ के गजेन्द्र सिंह ने कहा कि भारत का किसान सदैव अमृत बोता, काटता और खिलाता था लेकिन आज परिस्थितियां बनी हैं यह हमारी गौरवमयी परम्परा के विपरीत हैं। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिक, छात्रों को साथ रखकर कृषि नीति का निर्माण करें।

इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. पी. एल. नेहरा ने स्वागत उद्बोधन दिया। इस दोरान मेला स्मारिका, डॉ जे. पी. लखेरा एवं डॉ. दीपक चतुर्वेदी की पुस्तक ‘सफल किसानों की उत्कृष्ट कहानियां’, विपिन लढ्ढा, प्रशांत सिंह और अभिनव यादव की ‘कृषि यंत्रों का रखरखाव’ तथा ए.के. सिंह, परमेन्द्र सिंह और हरीश कुमार की पुस्तक ‘पॉली हाउस में शिमला मिर्च की खेती’ पुस्तकों का विमोचन हुआ। कुलपति डॉ. बी. आर. छींपा ने आभार व्यक्त किया।

केन्द्रीय मंत्री ने किया प्रदर्शनी का अवलोकन इससे पहले केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने तीन दिवसीय पश्चिमी क्षेत्रीय कृषि मेले का विधिवत उद्घाटन किया। उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रदर्शनी में लगभग 120 स्टॉल्स लगाए गए हैं। कुलपति डॉ. छींपा ने बताया कि प्रदर्शनी में राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गोवा, दादर नगर हवेली और दमन-दीव के किसान भाग ले रहे हैं। प्रदर्शनी तीन दिनों तक आमजन के अवलोकनार्थ खुली रहेगी।

इस अवसर पर डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ए. के. गहलोत, एसकेआरयू के कुलसचिव आई. जी. गुलाटी सहित विश्वविद्यालय के निदेशक, अधिष्ठाता, वैज्ञानिक, अधिकारी, किसान एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में मौजूद थे।

धातु घटक विश्लेषण प्रयोगशाला का शिलान्यास केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कृषि उपकरण एवं मशीनरी परीक्षण एवं प्रशिक्षण केन्द्र में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत बनने वाले धातु घटक विश्लेषण प्रयोगशाला का शिलान्यास किया। उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार से इसका भूमि पूजन किया। इस पर 60 लाख रूपये व्यय किए जाएंगे।

उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र लूनकरनसर के प्रशासनिक भवन एवं प्रयोगशाला तथा बीज उत्पादन फार्म पर जलाशय एवं बीज गोदाम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय वित्त एवं कंपनी मामलात राज्यमंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल, राज्य के कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी, राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रौन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत, भारतीय किसान संघ के श्री गजेन्द्र सिंह सहित विभिन्न गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

केन्द्रीय मंत्री की रेलवे स्टेशन पर की अगवानी केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह एवं केन्द्रीय वित्त एवं कंपनी मामलात राज्यमंत्री श्री अर्जुमराम मेघवाल के शनिवार प्रातः बीकानेर पहुंचने पर रेलवे स्टेशन पर उनकी अगवानी की गई।

एसकेआरयू के कुलपति डॉ. बी. आर. छींपा, वेटरनरी विवि के कुलपति डॉ. ए. के. गहलोत, डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य, सहीराम दुसाद, मोहन सुराणा, पाबूदान सिंह, अशोक प्रजापत आदि ने केन्द्रीय मंत्री का स्वागत किया।

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