कृषि महोत्सव : ग्राम-स्तर तक प्रतिदिन खेती-किसानी से जुड़े कार्यक्रम

कृषि महोत्सव : ग्राम-स्तर तक प्रतिदिन खेती-किसानी से जुड़े कार्यक्रम
 

कृषि महोत्सव के दौरान 22 दिन तक राज्य से ग्राम-स्तर तक प्रतिदिन खेती-किसानी से जुड़े कार्यक्रम होंगे। राज्य-स्तर पर शुभारंभ एवं समापन अवसर पर कृषि अभियांत्रिकी मेला और फसल बीमा पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला होगी। इसके अलावा 29 मई को उज्जैन में कृषक उत्पादक संगठन का महासम्मेलन होगा। पवारखेड़ा होशंगाबाद में 30 मई को पवारखेड़ा लॉजिस्टिक्स हब का शुभारंभ और किसान सम्मेलन होगा। जबलपुर में एक जून को मछुआरों का महासम्मेलन और जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में बायो फर्टिलाइजर यूनिट का लोकार्पण होगा। भोपाल में 6 जून को कृषि मेला लगेगा। सागर में 10 जून को पशु चिकित्सा महासम्मेलन होगा। रीवा में 11 जून को कृषि एवं उद्यानिकी मेला लगाया जायेगा। ग्वालियर में राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी होगी।

जिला-स्तर पर होने वाली गतिविधियाँ

जिला-स्तर पर कृषि महोत्सव के दौरान सभी ग्राम पंचायतों के किसान मित्रों तथा किसान दीदीयों को प्रशिक्षित किया जायेगा। जिला-स्तर पर महिला संगोष्ठी और विशेष उत्पादित फसलों पर कार्यशाला होगी। मुख्यमंत्री खेत-तीर्थ योजना के दलों का भ्रमण कार्यक्रम होगा। अमानक उर्वरक और बीज के उपयोग को रोकने के लिये अभियान चलाया जायेगा। प्रत्येक जिले में कम से कम दो नवीन कस्टम हायरिंग केन्द्र प्रारंभ होंगे। कृषि संगोष्ठी के साथ पशु चिकित्सा एवं उन्नत पशुपालन पर प्रदर्शनी लगायी जायेगी। कृषि उत्पादक संगठनों की मीटिंग जिला-स्तर पर होगी। मछुआरों और मत्स्य-कृषकों को अनुदान वितरित किया जायेगा। मत्स्य-आहार का भी वितरण होगा। जिला-स्तरीय मेले में आईटीडीपी योजना में आदिवासी किसानों को हितग्राहीमूलक योजनाओं में सहायता दी जायेगी।

विकासखण्ड-स्तर पर होने वाली गतिविधियाँ

विकासखण्ड-स्तर पर कृषक संगोष्ठी और कृषि यंत्रों का प्रदर्शन किया जायेगा। जल उपभोक्ता संथा की बैठक होगी। कमाण्ड एरिया की बढ़ोत्तरी और किसानों को घर-घर खसरे की प्रति उपलब्ध करवाने के लिये विशेष अभियान चलाया जायेगा। अविवादित नामांतरण, फौती नामांतरण, अविवादित बँटवारा, लम्बित सीमांकन प्रकरण के निराकरण के लिये भी अभियान चलाया जायेगा।

ग्राम-स्तर पर होने वाली गतिविधियाँ

महोत्सव के दौरान ग्राम-स्तर पर भी विभिन्न कार्यक्रम होंगे। सूरजधारा-अन्नपूर्णा और बीज योजना की किट हितग्राहियों को बाँटी जायेगी। संतुलित उर्वरक उपयोग करने की जानकारी किसानों को दी जायेगी। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के बारे में जानकारी देने के साथ ही मृदा परीक्षण कार्ड का वितरण और मिट्टी के नमूने विधिवत लिये जायेंगे। जैविक खेती के प्रचार-प्रसार के साथ इच्छुक किसानों को प्रोत्साहित किया जायेगा। वन पट्टाधारियों को योजनाओं का लाभ दिलवाया जायेगा। बलराम तालाब योजना के कार्यों का शुभारंभ होगा। कृषि के साथ उद्यानिकी फसलों को अपनाने के लिये किसानों को प्रोत्साहित किया जायेगा। औषधि एवं मिनरल मिश्रण का वितरण होगा। नवीन दुग्ध समितियों का गठन किया जायेगा। किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किये जायेंगे।

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