कृषि प्रक्षेत्रों में जैविक खेती के लिए अलग से ब्लॉक निर्धारित करने के निर्देश

कृषि प्रक्षेत्रों में जैविक खेती के लिए अलग से ब्लॉक निर्धारित करने के निर्देश

रायपुर ( छतीसगढ) –  इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर की अनुसंधान एवं विस्तार सलाहकार समिति की बैठक विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रशासनिक भवन में आयोजित की गई। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटिल ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्रों के कृषि प्रक्षेत्रों में जैविक खेती के लिए अलग से ब्लॉक निर्धारित करने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि इन ब्लाकों में किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जैविक खेती का सफल प्रदर्शन किया जाए। बैठक में वर्ष 2015-16 के लिए अनुसंधान एवं विस्तार गतिविधियों, नये प्रयोगों और परियोजनाओं के निर्धारण के संबंध में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। विश्वविद्यालय के प्रबंध मंडल के सदस्य एवं नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ बायोटिक स्ट्रेस मैनेजमेंट बरोंडा विकासखण्ड धरसीवा जिला रायपुर के ओ.एस.डी. डॉ. टी.पी. राजेन्द्रन विशेष रूप से उपस्थित थे।

बैठक में सबसे पहले संचालक अनुसंधान सेवाएं डॉ. जे.एस.उरकुरकर ने विश्वविद्यालय की अनुसंधान उपलब्धियों की जानकारी विस्तार से दी। इसके बाद संचालक विस्तार डॉ. एम.पी. ठाकुर ने वर्ष 2015-16 के लिए प्रस्तावित अनुसंधान एवं विस्तार गतिविधियों, प्रयोगों और परियोजनाओं का प्रस्तुतिकरण किया।

बैठक में राज्य की कृषि समस्याओं के निराकरण के लिए विषयवार मेगा प्रोजेक्ट का चयन किया गया है। यह प्रोजेक्ट तीन वर्षों के लिए तैयार किया गया है। बैठक में बताया गया कि विश्वविद्यालय में अध्ययनरत स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं तथा पी.एच.डी. के छात्र-छात्राओं को अनुसंधान के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। प्रत्येक छात्र को सहायता बतौर बीस हजार रूपए देने का प्रावधान है।

बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में जिलेवार विभिन्न फसलों की पैकेज ऑफ प्रेक्टिस (सस्य कार्यमाला) तैयार किया जाए। इसके साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा विकसित विभिन्न फसलों की नई किस्मों के बीजों और पौधों के उत्पादन कार्य प्राथमिकता से किया जाए, ताकि किसानों को जल्द से जल्द नई किस्में उपलब्ध हो सके।

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