कृषि केबिनेट में निर्णय : अवर्षा के मद्देनजर आपात योजना

कृषि केबिनेट में निर्णय : अवर्षा के मद्देनजर आपात योजना

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में अवर्षा की स्थिति के परिप्रेक्ष्य में आपात योजना बनाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि खरीफ फसलों को सूखे और रोगों से बचाने के लिये एक्शन प्लान तत्काल बनाया जाये। श्री चौहान आज यहाँ कृषि केबिनेट में प्रदेश में वर्षा की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।

कृषि केबिनेट में मंत्री सहकारिता, पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री गोपाल भार्गव, मंत्री कृषि श्री गौरीशंकर बिसेन, मंत्री राजस्व श्री रामपाल सिंह, मंत्री वित्त एवं जल संसाधन विभाग श्री जयंत मलैया, मंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सुश्री कुसुम महदेले, मंत्री आदिम जाति, अनुसूचित जाति कल्याण श्री ज्ञान सिंह, राज्य मंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास श्री लाल सिंह आर्य और मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश में मौसम के दीर्घकालिक पूर्वानुमान को देखकर योजना तैयार की जाये। इसमें मौसम में बदलाव के विकल्प के उपायों को भी शामिल किया जाये। फसलों को अवर्षा और अनियमित वर्षा से बचाने में किसानों को हरसंभव राहत दी जाये। श्री चौहान ने रोग और कीटों के प्रकोप से क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वेक्षण करने के निर्देश राजस्व विभाग को दिये, ताकि किसानों को उचित क्षतिपूर्ति मिले।

उन्होंने जल संसाधन विभाग और ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि खरीफ फसलों को बचाने के लिये जल और विद्युत की आपूर्ति में कमी नहीं होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में बाँध नहीं है, ऐसे क्षेत्रों में विद्युत की माँग में अप्रत्याशित वृद्धि की संभावनाओं के दृष्टिगत कार्य-योजना बनाई जाये। उन्होंने कहा कि कार्य-योजना की सप्ताह के अंत तक वे स्वयं समीक्षा करेंगे।

श्री चौहान ने कृषि संबंधी जानकारियों के साथ ही अवर्षा की स्थिति से निपटने के लिये जन-जागृति के नियोजित प्रयास करने की जरूरत बताई। उन्होंने उन्नत बीजों के उपयोग और इंटरक्रॉपिंग के लाभ और सावधानियों के विषय में भी किसानों को सूचित, शिक्षित करने की आवश्यकता बताई।

बैठक में प्रमुख सचिव जल संसाधन श्री राधेश्याम जुलानिया, प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री आई.सी.पी.केशरी और प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा ने वर्षा की स्थिति के मद्देनजर विभागीय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। बैठक में बताया गया कि खरीफ 2015 में 14 जून से 07 सितम्बर के मध्य 831.7 मिलीमीटर वर्षा हुई है। यह सामान्य से 8 प्रतिशत कम है। प्रदेश के 9 जिले में सामान्य से अधिक, 23 में सामान्य और 19 जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई है।

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