- December 31, 2014
कृषि उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने की सरकार की प्राथमिकता – राधा मोहन सिंह
इस अवसर पर श्री राधा मोहन सिंह ने प्रयोगशाला से जमीन का फासला कम करने और किसानों के बीच नया विश्वास जगाने के लिए सरकार द्वारा पिछले सात महीनों के दौरान किसानों के हित में उठाये गये विभिन्न कदमों और उनमें मिली उपलब्धियों का उल्लेख किया :
• सरकार ने एकीकृत मृदा प्रबंधन सुनिश्चित करने की दिशा में पहल की है। वर्ष 2007-08 से अप्रैल 2014 तक मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए 112 करोड़ रूपये की राशि जारी की गई थी, जबकि मई 2014 के बाद 86 करोड़ रूपये की राशि जारी की गई। सरकार ने 14.5 करोड़ किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड मुहैया कराने के लिए अगले तीन वर्षों के लिए 568.54 करोड़ रूपये की राशि मंजूर की है। इससे पहले मिशन मोड के अंतर्गत मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लिए अलग से कोई योजना नहीं थी।
• सरकार ने 886 करोड़ रूपये के आवंटन के साथ कृषि क्षेत्र में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना शुरू की है।
• ब्लॉक स्तर पर, कृषि कामगारों की संख्या में 8000 तक की वृद्धि की गई है। इस समय उनकी संख्या 18000 से बढ़कर 26000 हो गई है।
• कृषि क्षेत्र में किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करना एक समस्या रहा है। इससे निपटने के लिए हमने 913 फॉर्म मशीनरी बैंक स्थापित किए हैं।
• इनके अलावा हमने पिछले छह महीनों के दौरान 72627 खेतीबाड़ी से संबंधित मशीनी उपकरण वितरित किए हैं। इन मशीनरी बैंकों और उपकरणों/औजारों के लिए राज्यों को 1345 करोड़ रूपये की राशि मंजूर की है, जबकि वर्ष 2013-14 के दौरान इस पर मात्र 1213 करोड़ रूपये ही खर्च किए गए थे।
• राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत 50 प्रतिशत आवंटन दालों की वृद्धि के लिए किया गया है ताकि दालों की खेती बढ़ावा दिया जा सके। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड और सिक्किम सहित पूर्वोत्तर राज्यों में दालों की खेती शुरू करने का भी फैसला लिया गया है।
• सरकार ने जैव-उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी की राशि 100 रूपये/हेक्टेयर से बढ़ाकर 300 रूपये/हेक्टेयर कर दी है।
• सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए 500 करोड़ रूपये का विशेष कोष स्थापित किया है। इस मूल्य स्थिरीकरण कोष की स्थापना के साथ ही किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल सकेगा। हमने राज्य सरकारों से एपीएमसी कानून में संशोधन करने का आह्वान किया है ताकि किसान अपने फल और सब्जियां सीधे उपभोक्ताओं को बेच सकें। अब तक 12 राज्यों ने हमारे सुझाव पर सहमति व्यक्त की है। राज्यों से किसान मंडियां स्थापित करने का अनुरोध किया गया है और दिल्ली में किसान मंडी की स्थापना की जा रही है। पूरे देश को एग्री टैक इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के अंतर्गत ई-मार्केटिंग से जोड़ा जा रहा है।
• सरकार ने परम्परागत कृषि विकास से जुड़ी योजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हमारी सहकारी कानून में भी व्यापक संशोधन और किसानों के लिए 24 घंटे का अलग टीवी चैनल शुरू करने की भी योजना है। तीन में से कम से कम एक परिवार को किसान कॉल सेंटर के अंतर्गत लाने का हमारा लक्ष्य है।
• सरकार ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन के विकास की दिशा में कई कदम उठाये हैं। देसी गायों की प्रजाति के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए 500 करोड़ रूपये की राशि आवंटित की गई है। चालू वित्त वर्ष में अब तक 378 करोड़ रूपये की परियोजनायें मंजूर की गई हैं और 123 करोड़ रूपये की राशि जारी की गई है।
• राष्ट्रीय डेयरी योजना चरण-1 के अंतर्गत जून से नवम्बर 2014 तक 87 एसपी परियोजनायें मंजूर की गई हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 41 एसपी परियोजनायें मंजूर की गईं थीं।
• जून-नवम्बर 2014 के दौरान डेयरी उद्यमिता विकास योजना के अंतर्गत 133.56 करोड़ रूपये की सब्सिडी जारी की गई। राष्ट्रीय मवेशी मिशन पूरे देश में प्रभावी किया गया है।
• मत्स्यपालन संबंधी दिशा-निर्देशों को और सरल बनाया गया है। 15 मीटर या उससे बड़े आकार वाली मछली पकड़ने वाली नौकाएं, मछली पकड़ने के लिए विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में दाखिल हो सकती हैं। मछुआरे की मृत्यु होने पर बीमे की राशि एक लाख रूपये से बढ़ाकर दो लाख रूपये कर दी गई है। मछुआरा कल्याण योजना के अंतर्गत 830 मछुआरों के लिए आवास को मंजूरी दी गई है। सरकार देश में नीली क्रांति को बढ़ावा देने के लिए नवीन प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करेगी।
• मिशन नीली क्रांति और आरकेवीवाई के अंतर्गत सरकार की 157 करोड़ रूपये के प्रावधान के साथ नये प्रजनन केन्द्र केज खोलने, मरीन केज का निर्माण आदि की योजना है।
• हमारा लक्ष्य वर्ष 2016-17 तक दूध का उत्पादन बढ़ाकर 150 मिलियन टन और संगठित डेयरी बाजार का विस्तार करना है।
सम्मेलन के दौरान श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि आने वाले समय में सरकार द्वारा उठाये गये इन कदमों के नतीजे निश्चित रूप से सामने आयेंगे और कृषि क्षेत्र में वृद्धि होगी तथा किसानों के कल्याण को बढ़ावा दिया जायेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इन कदमों से सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान नई ऊंचाइयों को छूएगा।