कृमि नाशक दवाई एल्बेंडाजोल

कृमि नाशक दवाई एल्बेंडाजोल

रायपुर (छ०गढ)—————————राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के मौके पर बुधवार को प्रदेश के सोलह जिलों में छह से उन्नीस वर्ष के बच्चों को कृमि नाशक दवाई एल्बेंडाजोल खिलायी गयी।  इससे कुछ स्थानों पर बच्चों की तबीयत बिगड़ने की बात सामने आने पर स्वास्थ्य मंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने गभीरंता से लिया।

उन्होंने तत्काल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बीमार बच्चों के सेहत के बारे में जानकारी ली और शीघ्र उपचार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कृमि नाशक दवाई के जांच-परख के बाद ही  बच्चों को दवा खिलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पद्रेश के सभी बच्चों के स्वास्थ्य और बेहतर विकास के लिए प्रतिबद्ध है। श्री चन्द्राकर ने अभिभावकों को स्वास्थ्य विभाग के मितानिनों, आंगनबाड़ी कार्यकताओं, बहुद्देशीय कार्यकर्ताओं की देख-रेख में  कृमि नाशक दवाई खिलाने के लिए अपील किया।

स्वास्थ्य विभाग के राज्य टीकाकरण अधिकारी  डॉ. अमर सिंह ठाकुर ने कृमि नाशक दवाई खिलाने से पद्रेश के अलग-अलग जगहों से बच्चों के सेहत खराब होने पर स्पष्टीकरण जारी कर बताया कि कृमि नाशक दवाई एल्बेंडाजोल हानिकारक नहीं है। अभिभावकों को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के कुछ स्थानों  से बच्चों के पेट दर्द और उल्टी की शिकायत मिली है। सभी बच्चों को तत्काल चिकित्सा सुविधा प्रदान कर दी गई।

किसी बच्चें को कोई हानि नहीं हुई है। सभी जगहों पर बच्चें कृमि नाशक सेवन के बाद स्वस्थ्य है। उन्होंने बताया कि एल्बेंडाजोल दवाई खाने के संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्पष्ट किया है कि कृमि नाशक दवाई खाना खाने के बाद अथवा पहले किसी भी समय सेवन कर सकते है, इससे कोई नुकसान नहीं होता है।

डॉ. ठाकुर ने बताया कि सामान्यतः किसी बच्चें के पेट में कृमि अधिक होने पर दवाई सेवन के बाद पेट दर्द की शिकायत हो सकती है। इस पर डरने की कोई बात नहीं है। इसका इलाज सामान्य रूप से प्राथमिक स्वास्थ्य केद्र में हो जाता है। उन्होंने बताया कि कृमि नाशक दवा के सेवन से बच्चों में कुपोषण और रक्त अल्पता की कमी को पूरा करने में मदद मिलती है।

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