कुपोषण का कायाकल्‍प : – श्रीमती मेनका संजय गांधी

कुपोषण  का कायाकल्‍प : – श्रीमती मेनका संजय गांधी
पेसूका —   राज्‍यों के महिला एवं बाल विकास के प्रभारी प्रधान सचिवों/सचिवों के एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आज नई दिल्ली में आयोजन किया गया। केन्‍द्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के साथ-साथ महिलाओं, बच्‍चों की देखभाल और बच्‍चों के संरक्षण से संबंधित अन्‍य योजनाओं की समीक्षा के लिए इस बैठक का आयोजन किया था। 29 राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के महिला एवं बाल विकास विभागों के प्रतिनिधियों ने इस बैठक में भाग लिया।

प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा कि उनका मंत्रालय आईसीडीएस कार्यक्रम का पूरी तरह कायाकल्‍प कर रहा है, क्‍योंकि देश में कुपोषण का स्‍तर लगातार ऊंचा बना हुआ है। मंत्रालय नीति आयोग, स्‍वास्‍थ्‍य और शिक्षा मंत्रालयों और अन्‍य हितधारकों के साथ तालमेल से कुपोषण की समस्‍या से युद्धस्‍तर पर निपटने के लिए कार्य कर रहा है।

उन्‍होंने कहा कि आंगनबाडि़यों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है और प्रत्‍येक बच्‍चे, गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माताओं की वास्‍तविक समय निगरानी के लिए हार्डवेयर के साथ-साथ सॉफ्टवेयर भी उपलब्‍ध कराए जा रहे हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्‍मार्ट फोन दिए जाएंगे और सुपरवाइजरों को टैबलेट प्रदान किए जाएंगे, जिसके लिए राज्‍य सरकारों को नई आईटी आधारित प्रणाली अपनाने में मदद देने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण उपलब्‍ध कराना चाहिए।

श्रीमती मेनका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ को सर्वोच्‍च प्राथकिता दी है। पोषण कार्यक्रम को एक मिशन के रूप में लागू किया जाना है। राज्‍यों की सक्रिय भागीदारी के कारण बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ योजना को जबरदस्‍त सफलता मिल रही है। उन्‍होंने राज्‍यों से आईसीडीएस के लिए भी ऐसा प्रदर्शन करने का आग्रह किया है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सूक्ष्‍म पोषक तत्‍वों की पर्याप्‍त उपलब्‍धता वाला साफ-सुथरा भोजन तैयार करने के संबंध में राज्‍यों को अनुपालन हेतु सख्‍त निर्देश जारी किये हैं। उन्‍होंने कहा कि हम पूरक पोषण के अधिक मानकीकरण के लिए कार्य कर रहे हैं, ताकि निर्माण और वितरण की मानकीकृत प्रक्रिया के माध्‍यम से बच्‍चों और महिलाओं को स्‍वच्‍छ, पोषक और स्‍थानीय रूप से स्‍वीकार्य खाना उपलब्‍ध कराया जा सके। इस कार्य की इसलिए जरूरत है क्‍योंकि तदर्थ खरीदारी और खाना तैयार करने की वर्तमान प्रणालियां कुपोषण घटाने में सफल नहीं हुई हैं।

उन्‍होंने कहा कि उनका मंत्रालय वर्तमान लागत मानदंडों का स्‍तर बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहा है, ताकि लाभा‍र्थियों को बेहतर खाना उपलब्‍ध कराया जा सके। महिला और बाल विकास मंत्रालय की सचिव सुश्री लीना नायर ने राज्‍यों से विभिन्न योजनाओं के विशेष रूप से पोषण और आईसीडीएस के लिए उपलब्‍ध कराए जा रहे धन का उचित उपायोग सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। तकनीकी हस्‍तक्षेपों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्‍होंने कहा कि ये प्रयास महिला और बाल विकास योजनाओं को तेजी से और प्रभावी रूप से लागू करने में राज्‍यों की मदद कर सकते हैं।

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आईपीएस/वाई बी – 3463

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