कुछ यूँ होगा उत्तम स्वास्थ्य तथा खुशहाली का सबब

कुछ यूँ होगा उत्तम स्वास्थ्य तथा खुशहाली का सबब

जैसा कि हम सभी जानते हैं, हमारा देश ‘2030 के भारत’ की तरफ तेजी से बढ़ रहा है, जिसके अंतर्गत भारत सरकार द्वारा सभी 17 लक्ष्यों को हासिल किया जाना तय है। दरअसल इन लक्ष्यों के अंतर्गत ऐसे विषयों का समागम किया गया है, जिनकी कमी लिए हमारा देश लम्बे समय से गुजर-बसर कर रहा है। इन महत्वपूर्ण विषयों में से एक है उत्तम स्वास्थ्य तथा खुशहाली, जो कहीं न कहीं हमारे स्वस्थ जीवन को लेकर बेहद महत्वपूर्ण लक्ष्य है। भारत सरकार की इस बेमिसाल पहल का सबब यह है कि जनता का सहयोग इसमें प्रखर है। सिर्फ और सिर्फ सरकार द्वारा की जाने वाली तमाम कोशिशें तब तक निरर्थक हैं, जब तक जनता इसमें मजबूती से सहयोग न करे। इसलिए इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश को सख्त नियम तथा कानून बनाने होंगे और साथ ही इनका सख्ती से पालन भी करना होगा।

राजनितिक विश्लेषक अतुल मलिकराम कहते हैं कि यह लक्ष्य सीधे तौर पर आज के समय में चल रहे विकट संकट का बखान करता है। समूचा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है। आज तकनीकी और प्रौद्योगिकी की असीमित तरक्की भी इस पर पूरी तरह काबू नहीं पा सकी है। पूरी तरह तकनीकी पर निर्भर होने के बजाए इस संकट काल में यदि कोई सबसे बड़ा हथियार है, तो वह है हमारा मनोबल। हमारा मस्तिष्क इतना शक्तिशाली है कि यह चाहे तो हमारे शरीर को किसी विशेष बीमारी से ग्रसित भी कर सकता है, और यह चाहे तो गंभीर से गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म भी कर सकता है। यदि इसे मरहम के रूप में उपयोग किया जाए, तो 2030 से पहले ही उत्तम स्वास्थ्य तथा खुशहाली लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। इसलिए धन से न सही, मन से जरूर लोगों के लिए कार्य करें, उनका मनोबल बढ़ाएं और सकारात्मकता फैलाएं। अधिक से अधिक समय अपनों के साथ व्यतीत करें और जरूरतमंदों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहें।

जो व्यक्ति उत्तम स्वास्थ्य का आनंद लेता है, वास्तव में वह अमीर तथा समृद्ध होता है। अच्छा स्वास्थ्य न सिर्फ जीने के लिए जरुरी है, बल्कि यह आर्थिक वृद्धि तथा सम्पन्नता को भी बल देता है, जो खुशहाल जीवन का परिणाम है। सभी के लिए उचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना, निरापद, असरदार, उत्तम और किफायती दवाएँ तथा टीके उपलब्ध कराना आदि स्वास्थ्य संबंधी कार्यों के लिए हम सभी का सहयोग इसे सार्थक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए आवश्यक दिशा-निर्देशों का पालन करें, अपनी बारी आने पर जरुरी दवाएं तथा टीकें जरूर लें। हानिकारक रसायनों के उपयोग को कम करने में योगदान दें, जिससे कि वातावरण सुरक्षित रहे। अपने-अपने स्तर पर प्रदुषण को कम करने में सहयोग दें। वाहनों का कम से कम उपयोग करके साइकलिंग को बढ़ावा दें। योग तथा व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। सात्विक भोजन अपनाएं। देश से कुपोषण को जड़ से खत्म करने के लिए उचित समाधान निकाले जाएं। जगह-जगह पर स्वास्थ्य संबंधी बूथ बनाए जाएं, जहाँ से व्यक्ति बेहतर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकें। एक निश्चित समय अंतराल के दौरान उचित जाँचें आदि कराने का प्रावधान हो। आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों को कम शुल्क या निःशुल्क इलाज तथा उचित दवाइयाँ प्राप्त हों। बेहतर चिकित्सा को लेकर देश के हर कोने में ठोस नियम बनाएं जाएं। तब जाकर देश का हर नागरिक उत्तम स्वास्थ्य तथा खुशहाली से फलीभूत हो सकेगा और हमारा भारत तब जाकर बन सकेगा स्वस्थ भारत।

कृति शर्मा
इंदौर

Related post

धोखाधड़ी, जालसाजी व जान से मारने की धमकी  : मुख्यमंत्री महोदय का  पत्र सलग्न :

धोखाधड़ी, जालसाजी व जान से मारने की धमकी : मुख्यमंत्री महोदय का पत्र सलग्न :

रमाकांत उपाध्याय (आरा )—– प्रार्थी के जमीन के साथ हुई कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर धोखाधड़ी, जालसाजी…
क्या भारत एक स्वस्थ युवाओं का देश भी है?

क्या भारत एक स्वस्थ युवाओं का देश भी है?

डॉक्टर नीलम महेंद्र : वर्तमान  भारत जिसके विषय में हम गर्व से कहते हैं कि यह…
नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

कल्पना पांडे————-इतने सालों बाद हमे शर्म से ये स्वीकार कर लेना चाहिए कि धार्मिक आडंबरों, पाखंड…

Leave a Reply