- November 25, 2015
कुंआ निर्माण के लिए दिशा निर्देश जारी
जयपुर – ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने कुआ निर्माण के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। विभाग की ओर से जारी परिपत्र के अनुसार महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार अधिनियम गांरटी 2005 की संशोधित अनुसूची एक के पैरा 4 (1) (।।) प्रवर्ग आ के तहत दुर्बल वर्ग के काश्तकारों की निजी भूमि पर सिंचाई सुविधा विकसित किये जाने के लिए कुओं का निर्माण किया जाना अनुमत गतिविधि है।
ग्रामीण विकास, शासन सचिव राजीव सिंह ठाकुर ने बताया कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से दिशा-निर्देश 2013 (चतुर्थ संस्करण) के पैरा 7.3.9 में कुआ निर्माण के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये हैं। इन दिशा-निर्देशों के अनुरूप कुआ निर्माण किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजना अन्तर्गत बोरवैल एवं ट्यूबवैल का निर्माण किसी भी हालत में नहीं किया जायेगा। केन्द्रीय भू-जल प्राद्यिकरण के अद्यतन आकलन के अनुसार सेमीक्रिटीकल अथवा क्रिटीकल या अतिदोहित के रूप में वर्गीकृत क्षेत्रों में निजी कुएं खोदना अनुमत नही है। उन्होंने यह भी बताया कि केन्द्रीय भू-जल प्राद्यिकरण के अद्यतन आकलन के अनुसार ही सेमीक्रिटीकल अथवा क्रिटीकल या अतिदोहित के रूप में वर्गीकृत क्षेत्रों में समूह कुआ (ग्रुप वैल) का निर्माण कार्य कराया जा सकता है, जहां कम से कम तीन कृषकों का कृषक समूह “समूह कुआ” से पानी की सहभागिता करने हेतु सहमत हों।
शासन सचिव ने बताया कि समूह कुआ निर्माण से पूर्व समूह कुएं से पानी लेने के लिए अधिनियम में वर्णित पात्र परिवार के कम से कम तीन कृषक परिवारों जिनके खेत आपस में जुडे हों, का समूह तैयार किया जायेगा तथा इनके बीच समूह कुएं से पानी लेने के लिए 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर औपचारिक रूप से करार कर ग्राम पंचायत को उपलब्ध कराया जायेगा। समूह में एक परिवार का केवल एक ही व्यक्ति सदस्य हो सकता है एवं एक परिवार एक से अधिक समूह का सदस्य नही हो सकता। कुएं का मालिकाना हक संयुक्त रहेगा एवं इसका राजस्व रिकार्ड में इंद्राज “ग्रुप सिंचाई कुएं” के रूप में मय समूहों परिवार के नाम किया जायेगा।
शासन सचिव ने बताया कि योजना अन्तर्गत केवल नये कुएं का ही निर्माण कराया जाये। कुआ निर्माण के साथ ही इसके रिचार्ज हेतु रिचार्ज स्ट्रक्चर बनाया जाना भी अनिवार्य है। समूह कुओं के निर्माण के लिए कार्य नियमानुसार वार्षिक कार्य योजना में सम्मिलित किया जाना अनिवार्य है।
समूहों कुएं पर होने वाला व्यय, समूह को प्रत्येक परिवार में बराबर माना जायेगा एवं यह राशि प्रत्येक परिवार हेतु अनुमत रूपये 3 लाख की सीमा में सम्मिलित होगी। कार्य अपूर्ण नही छोडा जायेगा। कार्य अपूर्ण छोडे जाने एवं कुएं में पानी उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में वहन की गयी राशि सम्बन्धित लाभार्थियों से वसूली जायेगी।
ग्राम पंचायत द्वारा प्रारंभ किये गये सभी कार्यों के लिए कुशल और अद्र्घ कुशल श्रमिकों की मजदूरी सहित सामग्री मद की लागत ग्राम पंचायत स्तर पर 40 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। ग्राम पंचायतों से भिन्न अन्य कार्यकारी संस्थाओं द्वारा प्रारंभ किये गये कार्यों के लिए कुशल और अद्र्घकुशल श्रमिकों की मजदूरी सहित सामग्री मद की लागत जिला स्तर पर 40 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी