कीरतपुर-नेरचैक फोरलेन मार्ग : सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के लिए अभियान जारी

कीरतपुर-नेरचैक फोरलेन मार्ग : सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के लिए अभियान जारी

शिमला –      मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि बिलासपुर जिले में कीरतपुर-नेरचैक फोरलेन मार्ग की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने सुरंग में फंसे लोगों के सकुशल होने की आशा व्यक्त की और प्रशासन को राहत और बचाव कार्यों में कोई कमी न रखने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने सुरंग स्थल पर चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए आज यहां कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के विशेषज्ञ और निदेशक (सुरंग) श्री आर.एस. राव, जो रोहतांग सुरंग परियोजना की भी देख-रेख कर रहे हैं, 13 सितम्बर, 2015 को प्रातः दुर्घटना स्थल पर पहुंच गए थे तथा तब से अपने दल के साथ वहीं पर डटे हैं और बचाव कार्यों में लगे हैं। उन्होंने कहा कि सीमा सड़क संगठन के तकनीकी पर्यवेक्षण में रात-दिन बचाव अभियान चल रहा है।

भटिंडा से राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की एक टीम और चण्डी मन्दिर से सेना के विशेषज्ञों ने विस्तृत सर्वेक्षण किया और बचाव अभियान से संतुष्ट हैं। जेपी और सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड का एक दल भी स्थल पर बचाव कार्यों में सहयोग कर रहा हैै। श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि बचाव अभियान सुरंग में फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए प्रयासरत है तथा प्रभावितों के परिवारों को दुर्घटना स्थल के समीप रहने व खाने की सुविधा उपलब्ध करवाने के साथ बेहतर देखभाल की जा रही है।

उन्होंने कहा कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जाएगी और लापरवाही के लिए जिम्मेदारी तय की जाएगी। लेकिन सरकार सुरंग में फंसे लोगों से सम्पर्क करने के लिए प्रयासरत है। उपायुक्त बिलासपुर श्रीमती मानसी सहाय ठाकुर ने जानकारी दी कि कीरतपुर-नेरचैक फोरलेन मार्ग की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने की दिशा में काफी कार्य किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि आज सुरंग की ऊपरी ओर से 50 मीटर खुदाई की गई, जिससे सुरंग में फंसे लोगों तक शीघ्र सम्पर्क स्थापित होने की आशा बंधी है। उन्होंने कहा कि सुरंग के ऊपरी भाग से 25 मीटर खुदाई के दौरान पानी निकलने के कारण कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है, जिसके चलते कार्य में विलम्ब भी हुआ।

हालांकि बचाव दल ने 50 मीटर तक खुदाई कर ली है और उम्मीद है कि 10-12 मीटर और खुदाई के उपरान्त सुरंग में फंसे लोगों तक पहुंचा जा सकेगा।

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