कीटनाशकों का अधिक इस्तेमाल न करें किसानः राज्यपाल

कीटनाशकों का अधिक इस्तेमाल न करें किसानः राज्यपाल

शिमला —–राज्यपाल आचार्य ने किसान समुदाय का आहवान किया है कि अपनी आय में वृद्धि और उत्पादन लागत में कटौती के लिए शून्य लागत प्राकृतिक खेती अपनाने की तरफ मुड़ें। वह आज शिमला जिला के गुम्मा में प्रगति युवा संगठन द्वारा आयोजित किसान मेला के दौरान सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि रसायनों के अत्याधिक प्रयोग के कारण आज विभिन्न प्रकार के रोग पैदा हुए हैं। अगर किसान प्राकृतिक कृषि प्रणाली को अपनाते हैं तो उन पर वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा और बाहरी मण्डियों पर निर्भरता कम हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि किसानों को विदेशी हाईब्रिड गायों के बजाए देसी गायों के पालन के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाने वाली गाय कई प्रकार से महत्वपूर्ण हैं।

राज्यपाल ने कहा कि प्रारम्भ में प्राकृतिक कृषि चुनौतीपूर्ण हो सकती है लेकिन बाद में इसके अनेक लाभ हैं। यही कारण है कि देश के किसान भारी संख्या में इसकी ओर मुड़ रहे हैं। उन्होंने स्थानीय किसानों का आहवान किया कि रसायनिक खादों और फफूंदनाशकों का अधिक इस्तेमाल नहीं करें क्योंकि इससे फसल उत्पादकता प्रभावित होती है।

उन्होंने मृदा परीक्षण पर बल देते हुए किसानों व बागवानों से फूलों की खेती, गैर-मौसमी सब्जी व फल उत्पादन अपनाने का आग्रह किया ताकि वे अपनी आमदनी में आशातीत वृद्धि ला सकें। उन्हींने कीवी फल उत्पादन की ओर मुड़ने का भी आग्रह किया जो क्षेत्र की आर्थिकी बदलने में काफी सहायक सिद्ध हो सकता है।

आचार्य देवव्रत ने कहा कि किसानों को प्राकृतिक कृषि प्रणाली अपनाने के साथ-साथ प्राकृतिक उत्पाद खरीदने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। वर्तमान में प्रयोग में लाए जा रहे कीटनाशक व फफूंदनाशक न केवल उपभोक्ताओं की सेहत के लिए हानिकारक हैं, बल्कि मिट्टी की उर्वरकता पर भी विपरीत प्रभाव डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पारम्परिक कृषि प्रणाली के अनुसार किसानों को कृषि विविधिकरण पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए क्योंकि फसल चक्र से वे अच्छी आमदनी कमा सकते हैं।

उन्होंने क्षेत्र में शून्य लागत प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए प्रगति युवा संगठन को एक लाख रूपये और इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गुम्मा के विद्यार्थियों को 11 हजार रूपये देने की घोषणा की।
उन्होंने कृषि, बागवानी विभागों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन किया और प्रगतिशील किसानां को भी सम्मानित किया।

राज्यपाल ने इससे पूर्व बसंतपुर स्थित वृद्धाश्रम का दौरा भी किया और वहां प्रदान की जा रही सुविधाओं पर संतोष व्यक्त किया।

बागवानी विश्वविद्यालय नौणा के कुलपति डा.एच.सी.शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय प्राकृतिक कृषि पद्धति पर कार्य आरम्भ कर चुका है और विश्वविद्यालय के विज्ञानी गुम्मा क्षेत्र में कीवी व मशरूम उत्पादन में किसानां को तकनीकी सहयोग प्रदान करेंगे।

बागवानी अनुसंधान केन्द्र मशोबरा की एसोशिएट निदेशक डा.सुषमा भारद्वाज ने किसानों व बागवानों को लाभान्वित करने के लिए केन्द्र की ओर से चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला।

प्रगति युवा संगठन के अध्यक्ष श्री प्रदीप ठाकुर ने राज्यपाल का स्वागत किया।

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