- October 4, 2020
किसान बिल के विरोध में प्रदर्शन
प्रतापगढ़ ——— केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा तीन किसान विरोधी अधिनियमों को पास करके हरित क्रांति को विफल करने की साजिश कर रही है , केंद्र की भाजपा सरकार किसानों की आवाज को दबाने के लिए उनके ऊपर लाठी चार्ज कर रही है जिसको लेकर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार प्रतापगढ़ जिला प्रभारी व जनजातीय मंत्री अर्जुन सिंह जी बामनिया के मुख्य आतिथ्य में,विधायक रामलाल जी मीणा व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सदस्य सुरेंद्र जी चंडालिया के नेतृत्व में प्रतापगढ़ जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा किसानों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया गया।
कांग्रेस जिला प्रवक्ता मोहित भावसार ने बताया कि ज्ञापन में केंद्र की भाजपा व सरकार के तीन काले कानूनों को निरस्त करने के बारे में महामहिम राष्ट्रपति जी के नाम उपखंड अधिकारी शिवचरण शर्मा को ज्ञापन सौंपा गया ज्ञापन में बताया गया कि मोदी सरकार ने देश के किसान खेत और खलिहान के खिलाफ एक घिनौना षड्यंत्र किया है केंद्रीय भाजपा सरकार 3 काले कानूनों के माध्यम से देश की हरित क्रांति को हराने की साजिश कर रही है देश के अन्नदाता वह भाग्य विधाता किसान तथा खेत मजदूर की मेहनत को चंद पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रखने का षड्यंत्र किया जा रहा है.
आज देश भर में 62 करोड़ किसान मजदूर व ढाई सौ से अधिक किसान संगठन इन काले कानूनों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व उनकी सरकार सब एतराज दरकिनार कर देश को बरगला रहे हैं अन्नदाता किसान की बात सुनैना तो दूर संसद में उनके नुमाइंदों की आवाज को दबाया जा रहा है और सड़कों पर किसान मजदूरों को लाठियों से पीटा जा रहा है केंद्र की भाजपा में मोदी सरकार संघीय ढांचे का उल्लंघन कर संविधान कोरोनावायरस अधि प्रणाली को दरकिनार कर तथा बहुमत के आधार पर बाहुबली मोदी सरकार ने संसद के अंदर तीन काले कानूनों को जबरन तथा बगैर किसी चर्चा व राय मशवरा के पारित कर लिया है यहां तक कि राज्यसभा में हर संसदीय प्रणाली व प्रजातंत्र को तार-तार कर यह काले कानून पारित किए गए हैं ।
कांग्रेस पार्टी सहित कई राजनीतिक दलों ने मत विभाजन की मांग की जो हमारे संविधानिक अधिकार है 62 करोड़ लोगों की जिंदगी से जुड़े काले कानूनों को संसद के परिसर के अंदर सिक्योरिटी गार्ड लगाकर सांसदों के साथ धक्का-मुक्की कर बगैर किसी मत विभाजन के पारित कर लिया गया इन काले कानूनों से देश के किसानों खेत मजदूरों मंडी के आढ़तियों मंडी के मजदूरों मोनीमो कर्मचारियों ट्रांसपोर्टरों पर लाखों करोड़ों लोगों को रोजगार पर असर आ रहा है तथा एतराज जताया जा रहा है । पहला अनाज मंडी सब्जी मंडी यानी एपीएमसी को खत्म करने से कृषि उपज खरीद व्यवस्था पूरी तरह नष्ट हो जाएगी ऐसे में किसानों को न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा और नई बाजार भाव के अनुसार फसल की कीमत मिलेगी । जिससे किसानों सहित मंडी के व्यापारियों तथा सभी को आर्थिक नुकसान भुगतना पड़ेगा
दूसरा मोदी सरकार का दावा की अब किसान अपनी फसल देश में कहीं भी भेज सकता है देवकी पूरी तरह से सफेद झूठ है आज भी किसान अपनी फसल किसी प्रांत में ले जाकर बेच सकता है परंतु वास्तविक सत्य क्या है कृषि सेंसस 2015 16 के मुताबिक देश का 86% किसान 5 एकड़ से कम भूमि का मालिक है जमीन की औसत मालिकित 2 एकड़ या उससे कम है ऐसे में 86% किसान अपनी उपज नजदीक अनाज मंडी सब्जी मंडी के अलावा कहीं और ट्रांसपोर्ट करना ले जा सकता या बेच सकता है मंडी प्रणाली नष्ट होते ही सीधा प्रहार साबित ओर से किसान पर होगा ।
तीसरा मंडी खत्म होते ही अनाज सब्जी मंडी में काम करने वाले लाखों करोड़ों मजदूरों आरती ओमुनिम धुलाई दारो ट्रांसपोर्टरों सेलर आदि की रोजी-रोटी को और आजीविका अपने आप खत्म हो जाएगी ।
चौथा किसान को खेत के नजदीक अनार मंडी सब्जी मंडी में उचित दाम किसान के सामूहिक संगठन तथा मंडी में खरीदारों के आपस में कंपटीशन के का आधार पर मिलता है जो कि अब मुट्ठी भर कंपनियां मंडी में साए में खरीद की बजाय उसके खेत से खरीदेगी तो फिर मूल्य निर्धारण एमएसपी वजन व कीमत की सामूहिक मोल भाव की शक्ति खत्म हो जाएगी क्या फूड कॉरपोरेशन आफ इंडिया 15:30 करोड़ किसानों के खेत से एमपीएससी पर फसल खरीद सकती है अगर मुट्ठी भर पूंजीपतियों ने किसान के खेत से खरीद हुई फसल का एमएसपी नहीं दिया तो क्या मोदी सरकार एमएसपी की गारंटी देगी किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य आखिर मिलेगा कैसे साबर तोड़ दे इसका नुकसान किसान को होगा । पांचवा अनाथ सब्जी मंडी व्यवस्था खत्म होने के साथ ही प्रांतों की आय भी खत्म हो जाएगी प्रांत मार्केट फीस को ग्रामीण विकास खंड के माध्यम से ग्रामीण अंचल का ढांचागत विकास करते हैं वह खेती को प्रोत्साहित देते हैं।
छठा कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अध्यादेश की आड़ में मोदी सरकार असल में शांताकुमार कमेटी की रिपोर्ट लागू करना चाहती है ताकि एफसीआई के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद ही न करनी पड़े और सालाना 80000 से एक लाख करोड़ की बचत हो सीधा प्रतिकूल प्रभाव खेत खलियान पर पड़ेगा।
सातवा अध्यादेश के माध्यम से किसान को ठेका प्रसार में फंसा कर उसे अपनी ही जमीन में मजदूर बना दिया जाएगा । आठवां कृषि उत्पाद खाने की चीजों को फूल फल सब्जियों की स्टॉक लिमिट को पूरी तरह से हटाकर आखिरकार न किसान को फायदा होगा और ना ही उपभोक्ता को बस चीजों की जमाखोरी और कालाबाजारी करने वाले मुट्ठी भर लोगों को फायदा होगा।
नोवा अध्यादेश में न तो खेत मजदूरों के अधिकारों के संरक्षण का कोई प्रावधान है और ना ही जमीन जोतने वाले बटाईदार ओ याम उजालों के अधिकारों के संरक्षण का ऐसा लगता है कि उन्हें पूरी तरह से खत्म कर अपने हाल पर छोड़ दिया गया है।
तीनों अध्यादेश संगीता के पर सीधे सीधे हमला है ।
महामारी की आड़ में किसानों की आपदा को मुट्ठी भर पूंजी पतियों के अवसर में बदलने की मोदी सरकार की साजिश को देश का नेता था किसान व मजदूर कभी नहीं भूलेगा इसलिए महामहिम राष्ट्रपति जी आपसे विनम्र आग्रह है कि इन तीनों कालू कानूनों को बगैर देरी किए तुरंत निरस्त किया जाए।
इस अवसर पर कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष केसर सिंह जी मीणा जिला उपाध्यक्ष खानशेद खान जिला उपाध्यक्ष अशोक कुमार भावसार महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष लता शर्मा सेवादल कांग्रेस जिला अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चिकलाड़ , जिला महासचिव अशोक सुथार महासचिव सूरजमल मीणा ब्लॉक कोषाध्यक्ष पिंकेश पटवा जिला प्रवक्ता अनिल शर्मा ,मनोनीत पार्षद जितेंद्र हड़पावत नगर परिषद मनोनीत पार्षद राकेश पालीवाल मनोनीत पार्षद अशोक धोबी पार्षद आशीष अहीर नगर परिषद पार्षद प्रतिनिधि राजकुमार धोबी नगर कांग्रेस संगठन महासचिव प्रवीण कुमार जैन नगर उपाध्यक्ष द्वारका प्रसाद देवड़ा ब्लॉक उपाध्यक्ष जितेंद्र राठौड़ अयूब खान यूथ कांग्रेस अभिषेक शर्मा महासचिव दिनेश जाट नगर महासचिव वर्दी चंद मीणा ब्लॉक महासचिव खतूराम मीणा प्रतापगढ़ महिला ब्लॉक अध्यक्ष अमृता मीणा, नगर उपाध्यक्ष एवं द्वारका प्रसाद देवड़ा ,लालगढ़ सरपंच उदयलाल मीणा,अचनारा सरपंच सिद्धार्थ कटारा, नागदी सरपंच ओंकारलाल मीणा,बड़वासकला रोहित मीणा राजूसर्सवाल ,ब्लॉक प्रवक्ता राजेन्द्र सिंह वरमण्डल ,करण मीणा ,कारूलाल मीणा ,हरीश मीणा सहित जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारीगण ,ब्लॉक कांग्रेस पदाधिकारीगण,नगर कांग्रेस पदाधिकारीगण एवं कार्यकर्ताओ ने किसानों के हित में उपस्थिति दर्ज कराई ।