किसानों के नाम पर फर्जी लोन निकालने के मामलों में कड़ी कार्यवाही

किसानों के नाम पर फर्जी लोन निकालने के मामलों में कड़ी कार्यवाही

जय किसान फसल ऋण माफी योजना में जितने भी किसानों ने सहकारी समितियों से या सहकारी बैंक से ऋण नहीं लेने पर भी प्रदर्शित सूचियों में ऋण राशि होने का गुलाबी आवेदन दिया है, उन सभी प्रकरणों के आवेदन की अंतिम तिथि 5 फरवरी 2019 के तत्काल बाद लिस्ट तैयार की जायेगी।

किसानों के नाम पर धोखाधड़ी या फर्जी लोन निकालने वालों के विरुद्ध सहकारिता विभाग जाँचोपरांत अपराधिक कार्यवाही करेगा। योजना में ऋण खातों की सूची प्रदर्शन के कारण ही ऐसे मामले उजागर होना संभव हो सका है। किसान कल्याण एवँ कृषि विकास विभाग द्वारा इस संबंध में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं।

योजना की क्रियान्वयन प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया गया है कि बैंक से प्राप्त मास्टर डेटा शीट के आधार पर तैयार हरी (आधार कार्ड प्रमाणित) और सफेद (गैर-आधार कार्ड प्रमाणित) सूची में नाम या ऋण राशि या अन्य जानकारी से सहमति नहीं होने या दोनों लिस्ट में नाम नहीं होने पर ऐसे किसानों के गुलाबी फार्म भरे जा रहे हैं।

ऋण राशि अधिक होने के किसान के गुलाबी आवेदन पर ब्रांच में दोबारा ऑनलाइन पोर्टल पर रिकार्ड की चैकिंग करने और ऋण माफी की सत्यापित राशि माफ करने का प्रावधान है। इसलिये यह निष्कर्ष निकाल लेना कि प्रदर्शित सूची के आधार पर ही ऋण राशि माफ होगी, सही नहीं है।

सम्पूर्ण आवेदन भरवाने का आधार ही सूची सार्वजनिक कर दावे आपत्ति लेना है। पात्र किसानों के फसल ऋण की राशि जय किसान फसल ऋण माफी योजना में नियमानुसार आवश्यक रूप से माफ किए जाने की व्यवस्था की गई है।

उल्लेखनीय है कि सहकारिता मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह ने प्रदेश में पूर्व में स्वीकृत ऋण प्रकरणों में अनियमितताओं के दोषी लोगों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। उन्होंने जय किसान फसल ऋण माफी योजना के क्रियान्वयन में सहकारिता विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को निरन्तर सजग और सक्रिय रहकर दायित्व निभाने के निर्देश दिये हैं।

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