- July 26, 2017
किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए कृत संकल्पित – कृषि मंत्री
जयपुर———कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए पूरी तरह कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि सुराज संकल्प पत्र में किसानों से किए गए वादों को 80 फीसदी पूरा कर लिया गया और 20 फीसदी प्रक्रियाधीन है।
श्री सैनी मंगलवार को पंत कृषि भवन में किसान महापंचायत और अन्य किसान संगठनों के पदाधिकारियों के साथ हुई कृषि से सम्बंधित विभिन्न विषयों पर हुई वार्ता के बाद मीडिया को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि किसान संगठन के पदाधिकारियों की मुख्य मांग वर्ष 2007 में भारत सरकार को सौंपी गई कृषि वैज्ञानिक श्री एम.एस.स्वामीनाथन की रिपोर्ट के क्रियान्वयन की थी।
श्री सैनी ने किसान पदाधिकारियों को अवगत कराया कि इस रिपोर्ट के क्रियान्वयन के लिए राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 2008 में ही छह थैमिटक ग्रुप बना दिए गए थे।
इस रिपोर्ट में सबसे पहले मृदा के खराब होते स्वास्थ्य के बारे में चर्चा की गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ कस्बे से सॉयल हेल्थ कार्ड स्कीम शुरू गई। राज्य में इस स्कीम के तहत प्रदेश की समस्त 68 लाख 88 हजार कृषि जोत के लिए सॉयल हेल्थ कार्ड वितरित किए जाने हैं।
अब तक लगभग 50 लाख सॉयल हेल्थ कार्ड जारी किए जा चुके हैं और शेष बचे हुए कार्ड भी जल्द ही बनाकर वितरित कर दिए जाएंगे। मृदा जांच में प्रदेश में कई जगह सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी पाई गई है, जिसकी पूर्ति के लिए सूक्ष्म पोषक तत्वों के एक लाख मिनिकिट वितरित किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में दूसरा बिन्दू जल प्रबंधन के लिए था। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान और प्रत्येक खेत को पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरूआत की गई है।
इस रिपोर्ट का तीसरा विषय फसल बीमा था। उन्होंने बताया कि खरीफ 2016 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है। जिसके तहत रबी फसलों का 1.50 प्रतिशत और खरीफ फसलों का 2 प्रतिशत प्रीमियम पर बीमा किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट का चौथा बिन्दू प्रसंस्करण, वेल्यू एडीशन और मार्केटिंग चैनल स्थापित करने के लिए था। उन्होंने बताया कि राजस्थान की 25 मंडियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार से जोड़ा जा चुका है और 125 मंडियों को राजस्थान इंटीग्रेटेड मंडी मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही वेयर हाऊस को भी मंडी सब यार्ड बनाने पर काम चल रहा है। इसके साथ ही यहां कृषि आधारित उद्योगाें को बढ़ावा मिले, इसके लिए ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट जयपुर और कोटा में 5500 करोड़ रूपये के 49 कंपनियों के साथ एमओयू किए गए है। इसके साथ ही कई एमओयू धरातल पर आने लगे हैं।
स्वामीनाथन समिति द्वारा पशुपालन और चारे पर भी चिंता व्यक्त की गई थी। श्री सैनी ने बताया कि पहली बार प्रदेश में चारा उत्पादन बढ़ाने पर काम चल रहा है। किसानों को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध करवाया जा रहा है ताकि चारे का उत्पादन बढ़ सके और पशुओं को अच्छी किस्म का चारा उपलब्ध हो सके। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के कृषि लागत एवं मूल्य आयोग द्वारा फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाता है। राज्य सरकार द्वारा व्यवहारिक कॉस्ट ऑफ कल्टीवेशन निकालने के लिए कृषि वैज्ञानिकों और आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर समीक्षा की जाएगी।
श्री सैनी ने बताया कि विभिन्न किसान संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक सकारात्मक माहौल में हुई है। उनके द्वारा प्राप्त मांग पत्र पर गंभीरता के साथ विचार किया जाएगा। सरकार किसानों के मुद्दों को संवेदनशीलता और प्राथमिकता के आधार पर हल करना चाहती है। उन्होंने बताया कि कृृषक संगठनों द्वारा प्राप्त मांग पत्र के विभिन्न बिन्दूओं पर पृृथक से चर्चा के लिए कृषि, सहकारिता, जल संसाधन व ऊर्जा विभाग की समितियाें का गठन किया जाएगा। उन्होंने कृृषक संगठनों के प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि कृृषि और सम्बद्ध विभागों की कल्याणकारी योजनाओं को कृृषकों तक पहुंचाएं।
बैठक में सिंचाई मंत्री डॉ. रामप्रताप, सहकारिता व गोपालन मंत्री श्री अजय सिंह किलक, राजस्व राज्य मंत्री श्री अमरा राम, ऊर्जा राज्य मंत्री श्री पुष्पेन्द्र सिंह और किसान महापंचायत अध्यक्ष श्री रामपाल जाट सहित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी और कृषि एवं पशुपालन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती नीलकमल दरबारी, कृषि आयुक्त श्री विकास सीतारामजी भाले, उद्यान विभाग के निदेशक श्री वीपी सिंह, राजस्थान स्टेट सीड्स कॉर्पोरेशन की प्रबंध निदेशक श्रीमती सुषमा अरोड़ा सहित उच्चाधिकारी उपस्थित थे।