किसानों की आय को दोगुणा करना नीति आयोग का मुख्य लक्ष्य

किसानों की आय को दोगुणा करना नीति आयोग का मुख्य लक्ष्य

शिमला –(हिमाचलप्रदेश) ————-भारत सरकार के नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद ने आज यहां आयोजित बैठक में कहा कि नीति आयोग का मुख्य लक्ष्य आगामी पांच वर्षों में किसानों की आय को दोगुना करना है और हिमाचल प्रदेश को इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक विस्तृत रूप-रेखा तैयार करने की आवश्यकता है।

बैठक में प्रदेश सरकार के मंत्रिमण्डल के सदस्य व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए और उन्होंने नीति आयोग के गठन के उपरांत हिमाचल के लम्बित मामलों व विभिन्न समस्याओं के निवारण बारे विस्तृत परिचर्चा की और सुझाव दिए।

प्रो. रमेश चंद ने कहा कि नीति आयोग के गठन के उपरांत आयोग की भूमिका निधि आवंटन से नीति निर्माता तथा थिंक टैंक के रूप में परिवर्तित हुई है। इसके अतिरिक्त, नीति निर्माता के तौर पर आयोग रणनीतिक मुद्दों पर भी सरकार को सहयोग प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि संसाधनों से आशातीत वृद्धि संभव है और राज्यों के स्तर पर योजना के विकेन्द्रीकरण से आयोग को मजबूत करने तथा इन योजनाओं को ग्राम स्तर तक ले जाने में मदद मिलेगी।

केन्द्रीय सहायता में कटौती पर चिंता जाहिर करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि योजना आयोग के दौरान राज्य को 90ः10 के अनुपात से केन्द्रीय सहायता प्राप्त होती थी और नीति आयोग के गठन के उपरांत इसमें कमी कर दी गई। हालांकि, अब इसे पुनः बहाल किया गया है।

उन्होंने कहा कि नीति आयोग के गठन के उपरांत राज्य को केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं में कम निधि मिलने तथा औद्योगिक पैकेज के बंद होने से गहरा झटका लगा। उन्होंने कहा कि राज्य ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत विभिन्न योजनाओं को स्वीकृति के लिये भारत सरकार को भेजा है, लेकिन अभी तक कोई भी प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है।

उन्होंने नीति आयोग से वन संरक्षण में अहम् भूमिका निभाने तथा पेड़ों के कटान पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए हिमाचल को बोनस प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने 250 से कम की जनसंख्या वाले गांवों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत लाने की अपील की ताकि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत छोटी बस्तियों तक भी सड़क सुविधा प्रदान की जा सके।

कृषि मंत्री श्री सुजान सिंह पठानिया ने देश-भर में किसानों की दयनीय हालत पर चिंता जाहिर करते हुए किसानों के लिए आय सहायता व्यवस्था आरंभ करने की वकालत की। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो किसानों की हालत दिनों-दिन खराब होती जाएगी और किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य भी पूरा नहीं हो सकेगा।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत धनराशि 90 करोड़ रुपये से घटाकर 20 करोड़ रुपये कर दी गई है तथा प्रधानमंत्री कृषि योजना व सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं के अन्तर्गत भी अपर्याप्त धन प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने ट्राउट मछली पालन को फसल बीमा योजना के अन्तर्गत लाने की अपील की।

मुख्य सचिव श्री वी.सी. फारका ने कहा कि राज्य सरकार अधिकांश लक्ष्यों को वर्ष 2022 तक प्राप्त करने की स्थिति में है। मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2016-17 और 2017-18 के बजट भाषणों में इसकी प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है। हालांकि, सभी स्तरों पर और अंतिम छोर तक समावेशी विकास सुनिश्चित बनान एक बड़ी चुनौती है, लेकिन प्रदेश सरकार ने सभी की सहभागिता से इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उपयुक्त रणनीति, परिकल्पना व कार्य योजना तैयार करने की प्रक्रिया पहले ही आरम्भ कर दी है।

श्री फारका ने राज्य की विभिन्न समस्याओं से अवगत करवाते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा वित पोषण में की गई कमी से आगामी पांच वर्षों में किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को हासिल करने में आडे़ आएगी।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के पास त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के तहत 105 करोड़ रुपये और बाढ़ प्रबन्धन कार्यक्रम के अन्तर्गत 125 करोड़ रुपये के प्रतिपूर्ति दावे लम्बित हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 2013-14 में राज्य को प्राप्त राशि के मुकावले 148 करोड़ रुपये कम प्राप्त हुए हैं।

भारत सरकार की नीति आयोग के सलाहकार श्री अनिल श्रीवास्तव ने अपनी प्रस्तुति में सहकारी संघवाद पर बल देते हुए कहा कि इसके अंतर्गत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय नीति निर्माण में राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा 15 वर्षीर्य दीर्घकालीन परिकल्पना, सात वर्षीय मध्य अवधि की रणनीति और तीन वर्षीय लघु अवधि कार्य-योजना इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तैयार की गई है। उन्होंने नीति के प्रमुख सूचकांकों पर विस्तृत जानकारी दी।

अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, लोक निर्माण विभाग तथा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभागों के प्रमुख अभियन्ताओें ने भी इस अवसर पर आयोग के समक्ष संबंधित विभागों की समस्याएं रखीं व सुझाव दिए।
.

Related post

मेक्सिको और कनाडा से संयुक्त राज्य अमेरिका में आने वाले सभी उत्पादों और  खुली सीमाओं पर 25% टैरिफ

मेक्सिको और कनाडा से संयुक्त राज्य अमेरिका में आने वाले सभी उत्पादों और  खुली सीमाओं पर…

ट्रम्प ने कहा, “20 जनवरी को, अपने  पहले कार्यकारी आदेशों में से एक के रूप में,…
बाकू में COP29: जलवायु संकट और अधूरे वादों की कहानी

बाकू में COP29: जलवायु संकट और अधूरे वादों की कहानी

निशान्त——-   बाकू, अज़रबैजान में आयोजित 29वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP29) ने दुनिया भर के देशों को एक…

Leave a Reply