किसानों और गांव के विकास के बिना देश के विकास का स्वप्न अधूरा — ऊर्जा मंत्री

किसानों  और गांव के  विकास  के बिना देश  के  विकास  का  स्वप्न  अधूरा  — ऊर्जा  मंत्री

लखनऊ : ———–प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि जब तक किसानों और गांव का सम्पूर्ण विकास नहीं होगा, देश के विकास का स्वप्न अधूरा रहेगा। गांव समृद्ध बने एवं किसान आर्थिक रुप से संपन्न हो, इसकी चिंता केन्द्र और प्रदेश सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष किसानों को चिन्हित फसलों के लिए लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने की व्यवस्था की गई है।

उन्होंने यह बात ‘ग्राम स्वराज अभियान‘ के तहत आज सीतापुर जनपद के कसमंडा विकास खण्ड परिसर में किसान कल्याण दिवस पर आयोजित ‘किसान कल्याण कार्यशाला‘ का शुभारम्भ करते हुए कही।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि किसान भाइयों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करना प्रधानमंत्री श्री मोदी जी का संकल्प है। प्रदेश में खेती और किसानों का विकास मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकता में है।

सरकार उपज बढ़ाने के लिए किसानों को प्रमाणित बीजों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित कर रही है। धान के प्रमाणित बीज पर दो हजार रुपये प्रति कुन्तल और शंकर बीज पर 10 हजार रुपये प्रति कुन्तल का अनुदान दे रही है।
श्री शर्मा ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ से किसानों को आपदाओं व दुर्घटनाओं से फसलों की क्षति के लिए राहत दी जा रही है। खरीफ फसलों का दो प्रतिशत प्रीमियम पर और रवी फसलों का डेढ़ प्रतिशत प्रीमियम पर बीमा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का जोर किसानों की आय बढ़ाने के साथ ही फसलों की उत्पादन लागत घटाने पर भी है।

सरकार गांव में 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कर किसानों को सिंचाई के लिए डीजल पम्प की निर्भरता समाप्त की है। प्रदेश के किसानों को 6.74 रुपये प्रति यूनिट लागत की बिजली 1.10 रुपये प्रति यूनिट पर दे रही है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हम खेती बाड़ी का अर्थ भूल चुके हैं। सिर्फ खेती पर हमारा ध्यान रह गया है। हमें बाड़ी यानी बागवानी सहित पशुपालन, कुक्कुट व मधुमक्खी एवं मछली पालन जैसी सहायक कृषि गतिविधियों को खेती के साथ जोड़ना होगा।

उन्होंने कहा कि खेती व बाड़ी को साथ लेकर हम अपनी कृषि आय को कई गुना बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान कृषि विविधीकरण व फसलचक्र को अपनाकर तथा उन्नतशील बीजों की बुआई कर अपनी फसलों की पैदावार बढ़ा सकते हैं। साथ ही खेत की मिट्टी की जांच कराकर रसायनिक खादों का प्रयोग आवश्यकतानुरूप करें।

कार्यक्रम में उन्होंने अनाज, दुग्ध एवं गन्ना उत्पादन व मछली पालन में सर्वाधिक उत्पादन करने वाले किसानों को सम्मानित भी किया।

उन्होंने कार्यशाला में लगे स्टालों का निरीक्षण भी किया तथा किसानों को योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ देने के निर्देश दिए।

सम्पर्क सूत्रः-
सूचना अधिकारी-सी0एल0 सिंह

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