किशोर न्यायालय में लंबित प्रकरणों पर तत्काल निर्णय

किशोर न्यायालय में लंबित प्रकरणों पर तत्काल निर्णय

महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने किशोर न्यायालय में लंबित प्रकरणों पर तत्काल निर्णय लेने की आवश्यकता बताई। उन्होंने बच्चों द्वारा की जाने वाली भिक्षावृत्ति पर सख्ती से अंकुश लगाने के भी निर्देश दिये। बैठक में जरूरतमंद बच्चों को तत्काल मदद पहुँचाने के लिये किशोर न्याय निधि बनाने का निर्णय लिया। श्रीमती सिंह आज किशोर बालकों के लिये गठित राज्य सलाहकार बोर्ड की पहली बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं।

श्रीमती माया सिंह ने कहा कि बच्चों के बेहतर पुनर्वास और भविष्य को देखते हुए न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के निराकरण में तेजी लायी जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि बाल और सम्प्रेक्षण-गृह में बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दिया जाये। उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इसके लिये विशेष प्रयास किये जायें और इसकी सतत मॉनीटरिंग भी हो। उन्होंने तकनीकी शिक्षा भी देने को कहा, ताकि बच्चे बड़े होकर रोजगार पा सकें।

श्रीमती माया सिंह ने बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति पर सख्ती से अंकुश लगाने को कहा। उन्होंने कहा कि इसके लिये पुलिस, महिला-बाल विकास विभाग और समाज को मिलकर प्रयास करना चाहिये ऐसे गिरोहों का पता भी लगाना चाहिये, जो संगठित रूप से बच्चों से भिक्षावृत्ति करवा रहे हैं। मंत्री ने गुमशुदा बच्चों का तत्काल पता लगाने तथा बच्चों की तस्करी करने वाले गिरोह पर भी पैनी निगाह रखने को कहा। उन्होंने कहा कि बाल-गृह एवं सम्प्रेक्षण-गृह में रहने वाले बच्चों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाये। श्रीमती सिंह ने बच्चों को गोद लेने वाली प्रक्रिया में भी तेजी लाने को कहा, ताकि यथा-समय बच्चे को परिवार का पोषण मिल सके।

महिला-बाल विकास मंत्री ने कहा कि बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिये संविधान और कानून में विशेष प्रावधान किये गये हैं। इसका कड़ाई से पालन किया जाये। उन्होंने इसमें बोर्ड की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए सभी संबंधित विभाग, अशासकीय सदस्यों से मदद की अपेक्षा की।

प्रमुख सचिव, महिला-बाल विकास श्री जे.एन. कंसोटिया ने चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098 का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हर चौराहे और प्रमुख स्थानों पर यह नम्बर लिखा जाये, ताकि आम लोग भी जरूरतमंद बच्चों को मदद पहुँचाने में इसका उपयोग कर सकें।

आयुक्त, महिला-बाल विकास श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने राज्य बाल संरक्षण समिति द्वारा संचालित गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने दत्तक ग्रहण के लिये बनाई गई अनमोल वेबसाइट के बारे में सलाहकार बोर्ड को अवगत करवाया। बैठक में सामाजिक न्याय, स्कूल शिक्षा, अनुसूचित-जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग में निराश्रित, अनाथ, बेघर और भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों के लिये संचालित अशासकीय संस्थाओं को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के पालन में किशोर न्याय अधिनियम में पंजीकृत करवाने के निर्देश दिये।बैठक में अशासकीय सदस्य श्री छोटू शास्त्री धार,श्री सचिन जैन सहारा जबलपुर एवं संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

मनोज पाठक

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