- March 6, 2019
कालोनी में किसी भी तरह के थर्ड पार्टी राइट्स सृजित नहीं किए जाने चाहिए
चंडीगढ़——– हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लाइसेंस छोडऩे से संबंधित नीति में संशोधन को मंजूरी दी गई।
संशोधन के अनुसार, कालोनी में किसी भी तरह के थर्ड पार्टी राइट्स सृजित नहीं किए जाने चाहिए। हालांकि, यदि ये सृजित हो जाते है तो कालोनी के अलाटियों की सहमति से लाइसेंस के आंशिक या संपूर्ण सरेंडर की अनुमति दी जाएगी, जिसे कालोनी के उस भाग के दायरे में थर्ड पार्टी राइट्स का शमन समझा जाएगा। जिस क्षेत्र पर इस तरह का थर्ड पार्टी राइट सृजित किया गया है, वह एक कॉम्पैक्ट ब्लॉक में होना चाहिए जैसा कि हरियाणा शहरी क्षेत्रों का विकास एवं विनियमन नियम, 1976 में परिभाषित किया गया है।
यदि थर्ड पार्टी राइट के सृजन वाला क्षेत्र लाइसेंस प्राप्त क्षेत्र में बिखरा हुआ है, तो कॉलोनाइजर को लाइसेंस वाले क्षेत्र में परिर्वतन की विस्तृत योजना के साथ, इसे एक कॉम्पैक्ट ब्लॉक में बनाने के लिए प्रत्येक व्यक्तिगत आवंटी की सहमति प्रस्तुत करनी होगी।
परियोजना के लाइसेंस जिन्हें इस नीति के तहत ‘लाइसेंस का सरेंडर’ माना गया है, के लिए तिथि तक ब्याज के साथ बकाया नवीकरण शुल्क का भुगतान करना होगा। सरेंडर किए जा रहे लाइसेंस वाले क्षेत्र के हिस्से के लिए छंटनी शुल्क, लाइसेंस शुल्क, परिर्वतन शुल्क, आंतरिक विकास शुल्क सहित सभी सरकारी बकाया जब्त कर लिया जाएगा।
मंत्रिमण्डल ने इसकी भी स्वीकृति प्रदान की है कि लाइसेंसधारक के पास, लाइसेंस के सरेंडर हेतु आवेदन करते समय ईडीसी के रूप में तीन विकल्प होंगे। लाइसेंसधारक अदा की गई ईडीसी या उसके अन्य लाईसेंसों में देय राशि को समायोजित करवा सकता है। लाइसेंसधारक, लाइसेंस या कालोनी के सरेंडर किए गए क्षेत्र की ईडीसी की कुल राशि की 15 प्रतिशत कटौती के बाद ईडीसी की राशि रिफंड करवा सकता है।
यदि लाइसेंसधारक उपरोक्त दोनों विकल्पों में से किसी का भी चयन नहीं करता तो राशि उस विशिष्ट सैक्टर में केवल नया लाइसेंस प्रदान किये जाने पर ही रिफंड की जाएगी, जहां नये लाइसेंस में मांगी जाने वाली ईडीसी लाइसेंस के सरेंडर किये गए क्षेत्र में रिफंड की जाने वाली ईडीसी से अधिक या समान है।
लाइसेंस सरेंडर करने के ऐसे सभी आवेदनों के साथ थर्ड पार्टी राइट्ïस और ऐसे संबंधित क्षेत्र से जुड़ी घोषणा तथा यह घोषणा होनी चाहिए कि स्थल पर आंतरिक विकास कार्य किए जा रहे हैं और जहां आंतरिक विकास कार्य किए जा रहे हैं क्या वह स्थल अपनी मूल स्थिति अर्थात लाइसेंस प्रदान करने से पहले की स्थिति में आ गया है।
केवल सरेंडर किए जाने वाले लाइसेंस वाले क्षेत्र के लेआउट प्लान के संशोधन के मामले में, समय-समय पर संशोधित ले-आउट या भवन योजनाओं के संशोधन के लिए प्रचलित नीति निर्देशों के अनुसार लेआउट प्लान के परिवर्तन, आपत्तियों और सुझावों के आमंत्रण शुल्क से संबंधित सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी।
यदि कॉलोनाइजर लाइसेंस वाले क्षेत्र के हिस्से को सरेंडर करने का निर्णय लेता है, तो मौजूदा लाइसेंस के तहत बनाए गए कॉलोनी के हिस्से के क्षेत्र मानदंड ऐसा लाइसेंस प्रदान करने के लिए लागू क्षेत्र मानदंडों के अनुरूप होने चाहिए। इस मुद्दे को और स्पष्ट करने के लिए, कॉलोनी का वह हिस्सा जिसे बरकरार रखा गया है, लाइसेंस की उस श्रेणी के लिए उस तिथि को लागू प्रचलित नीति मापदंडों के तहत लाइसेंस प्रदान करने के लिए स्वतंत्र रूप से पात्र होना चाहिए।
यह नीति भावी प्रभावी से लागू की जाएगी। इस नीति के लागू होने से पहले की गई कोई भी अतिरिक्त वसूली, वापसी योग्य नहीं होगी।