कर चोरी के गंभीर मामलों में फौजदारी – वित्त मंत्रालय

कर चोरी के गंभीर मामलों में फौजदारी – वित्त मंत्रालय
नई दिल्ली  — आयकर विभाग ने 2014-15 के दौरान (दिसंबर 2014 तक) 414 समूहों के यहां तलाशियां लीं और 582 करोड़ रुपए की अघोषित परिसंपत्तियां जब्‍त कीं। इन तलाशियों के दौरान करदाताओं ने 6769 करोड़ रुपए की अघोषित आमदनी की बात मान ली। हालांकि, बाद में हुई पूछताछ के फलस्‍वरूप जिस अघोषित आमदनी का पता चला है, वह इससे कहीं बहुत ज्‍यादा है।

इसके अलावा, नवंबर 2014 तक 1174 तलाशियां ली गईं, जिस दौरान 4673 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता चला।

आयकर विभाग का फोकस अब तक दीवानी नतीजों यानी राजस्‍व में बढ़ोतरी करने पर रहा था। काले धन के खिलाफ अपनी मुहिम और काले धन के सृजन के खिलाफ अपनाए गए सख्‍त रुख के मद्देनजर सरकार अब कम से कम समय में अपराधियों के खिलाफ सफलतापूर्वक अभियोजन चलाने पर विशेष ध्‍यान दे रही है।

जान-बूझकर कर चोरी करना आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 276सी के तहत एक गंभीर दंडनीय अपराध है, जिसके तहत सात साल तक की कैद के अलावा पेनाल्‍टी भी लगाई जा सकती है।

चालू वित्‍त वर्ष के दौरान दिसंबर, 2014 तक अभियोजन पक्ष की ओर से 628 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। इनमें से 56 शिकायतें अघोषित विदेशी आमदनी से संबंधित अपराधों के बारे में हैं।

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