- November 7, 2017
ककून धागा से 10 हजार से अधिक की आमदनी
जशपुरनगर 07 नवम्बर 2017————जशपुर जिले की लड़कियों अपने आत्मविश्वास और मेहनत के बल पर इतिहास रच रही है। कांसाबेल के नेगीटोली की कुमारी तरसीला बाई इन्हीं में से एक है, जिसने रेशम उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त करने उपरांत खुद में इस कार्य को करने का इतना हुनर पैदा कर लिया कि आज उसी केन्द्र में दूसरी लड़कियों को प्रशिक्षण दे रही है।
कुमारी तरसीला ने न सिर्फ अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया बल्कि आज वह तीन मोबाईल अपने साथ रखती है और अपने बाकी सपने को पूरा भी कर रही है।
उल्लेखनीय है कि रेशम उद्योग को गति प्रदान करने जिले में रेशम उत्पादन के लिए मुख्यमंत्री कौशल विकास के अंतर्गत महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। तरसीला बाई बताती है कि उनके घर की आर्थिक स्थिति अत्यंत कमजोर थी। उनके परिवार की आय सिर्फ खेती किसानी पर ही निर्भर थी। उसने अपनी परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण 12 वीं तक ही पढ़ाई कर पाई। और काम की तलाश में लग गई।
तरसीला ने बताया कि वर्ष 2015 में रेशम विभाग के अधिकारियों के द्वारा गांव में रेशम उत्पादन के प्रशिक्षण के बारे में जानकारी दी जा रही थी। उसे यह काम आकर्षक लगा और उसने प्रशिक्षण के लिए फार्म भरा। उसने फार्म भरने के बाद 41 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उसे तसर उत्पादन के लिए मशीन प्रदान की गई। घर में बिजली नहीं होने के कारण उसने प्रशिक्षण स्थल में ही काम करना शुरू कर दिया और वहां वह 6 हजार रुपए महीने कमाने लगी।
उसने बताया कि उसके अच्छे काम को देखते हुए रेशम विभाग ने उसे रेशम उत्पादन का टेªनर बना दिया। महिलाओं को प्रशिक्षण देने के लिए विभाग उसे 7 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन के रूप में देता है। इसके अलावा वह प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ-साथ घर में रेशम उत्पादन से मिले पैसे से बिजली लगावा कर पार्ट टाईम में अलग से टसर उत्पादन करती है। जिससे वह घर बैठे कार्यकर 3 से 4 हजार रुपए और कमा लेती है। इस प्रकार उसकी मासिक आमदनी 10 से 11 हजार रुपए हो गई है।
तरसीला कहती है कि टसर उत्पादन से आज उसके सपनांे में नई जान आई है। पहले हर जरूरत के लिए, चाहे वह छोटी हो या बड़ी, पैसे घर से मांगने पड़ते थे लेकिन आज वह हर महीने 10 हजार से अधिक खुद कमा रही है और अपने साथ-साथ अपने परिवार की जरूरतों को भी पूरा कर पा रही हैं उसके परिवार में 4 सदस्य हैं जिन्हें वह आज सारी खुशियां प्रदान कर रही है।
उसने बताया कि टसर उत्पादन का प्रशिक्षण देकर प्राप्त पैसों से उसने 55 हजार रुपए की स्कूटी, 9 हजार रुपए का सेमसंग मोबाईल, 40 हजार रुपए का एलईडी टीवी इत्यादि खरीद लिया है। तरसीला आज अपने गांव की अन्य बेरोजगार युवतियों को भी प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। उनसे प्रेरित हो उनके गांव की 10 और युवतियां भी टसर उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं।