- March 17, 2021
कंबोडिया, वियतनाम, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस और सिंगापुर के राजदूत एवं उच्चायुक्त
नई दिल्ली— दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आशियान) के राजदूतों और उच्चायुक्तों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मगंलवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थिति हेराल्ड हाउस पासपोर्ट सेवा केंद्र का दौरा किया। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने विदेश मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे भारत के फ्लैगशिप पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (पीएसपी) की कार्य प्रणाली को समझा।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि आशियान प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को मंत्रालय द्वारा भारत और विदेशों में भारतीय पासपोर्ट एवं डाक पासपोर्ट सेवाओं के वितरण में किए गए सफल डिजिटल परिवर्तनों से अवगत कराया गया। मंत्रालय ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल को ऑनलाइन आवेदन से लेकर वितरण तक की पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी गई।
प्रतिनिधिमंडल को बताया गया कि यह व्यवस्था पारदर्शी और जवाबदेह होने के साथ ही इस पर दर्ज होने वाला डाटा पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके अलावा हाल ही में इसे डिजीलॉकर से जोड़ा गया है। इससे नागरिकों को पासपोर्ट के लिए ओरिजिनल डॉक्यूमेंट को साथ में ले जाने की आवश्यकता समाप्त हो गई।
इस प्रतिनिधिमंडल में आसियान समूह के देश कंबोडिया, वियतनाम, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस और सिंगापुर के राजदूत और उच्चायुक्त शामिल थे। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने पीएसपी की पहल के लिए मंत्रालय और सेवा प्रदाता मैसर्स टीसीएस की सराहना करते हुए कहा कि ”अत्याधुनिक तकनीक से लैस यह व्यवस्था क्रांतिकारी है।”
मंत्रालय द्वारा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में पीएसपी को शुरू किया गया है। यह कार्यक्रम मोदी सरकार के सबसे सफल कार्यक्रमों में से एक है। इसके जरिए भारत के नागरिकों और देश के बाहर रह रहे भारतीय नागरिकों को पासपोर्ट संबंधी सेवाएं दी जाती है।
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