कंपनियों के लाभ पर छाए बादल

कंपनियों के लाभ पर छाए बादल

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में दिग्गज घरेलू कंपनियों के नतीजे कमतर रहने की आशंका है। सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 4.9 फीसदी तक घट सकता है और शुद्ध बिक्री में वृद्दि उस तिमाही जितनी ही रहने का अनुमान है। हालांकि अच्छी खबर यह है कि कंपनियों की आय और मुनाफे के आंकड़े जनवरी-मार्च 2015 के मुकाबले बेहतर रह सकते हैं। उस तिमाही में सेंसेक्स कंपनियों का शुद्ध मुनाफा जनवरी-मार्च 2014 के मुकाबले 18.7 फीसदी घटा था और आय में 7.3 फीसदी कमी आई थी।

विश्लेषण के लिए जो नमूना लिया गया, उसमें शामिल कंपनियों का शुद्ध लाभ पिछले साल के 57,537.9 करोड़ रुपये से घटकर 54,739.4 करोड़ रुपये रह सकता है। इसी तरह शुद्ध आय मामूली कमी के साथ 451,935.8 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इस तिमाही में आय के मामले में टाटा मोटर्स सबसे ऊपर रह सकती है और रिलायंस इंडस्ट्रीज दूसरे तथा टाटा स्टील तीसरे नंबर पर हो सकती है। मुनाफे के मामले में रिलायंस के ही बाजी मारने के आसार हैं। उसके बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और कोल इंडिया का नंबर आ सकता है।

यह विश्लेषण कोटक इंस्टीटï्यूशनल इक्विटी, फिलिप कैपिटल, शेयरखान, रेलिगेयर, एडलवाइस और कार्वी जैसे नामी ब्रोकरेज हाउसों के अनुमानों पर आधारित है। हालांकि उनके अनुमानों में एक जैसी कंपनियां नहीं ली गई हैं। लेकिन उन्होंने नमूने में शामिल सभी कंपनियों के बारे में अनुमान लगाए हैं। उद्योगों की आय की बात करें तो पिछली तिमाही जैसी तस्वीर ही इस तिमाही में भी उभर सकती है।

अलग-अलग कंपनियों की बात करें तो मारुति सुजूकी वृद्घि के मामले में एक बार फिर सबसे ऊपर रह सकती है। उसकी शुद्घ बिक्री में बेशक केवल 1.4 फीसदी का इजाफा हुआ हो, लेकिन शुद्घ मुनाफे में पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 60 फीसदी इजाफा होगा।

दवा बनाने वाली कंपनी सिप्ला के शुद्घ मुनाफे में 37.3 फीसदी और शुद्घ आय में 40.3 फीसदी बढ़ोतरी हो सकती है। इसके बाद बजाज ऑटो (शुद्घ मुनाफे में 28.9 फीसदी वृद्घि), एचडीएफसी बैंक (22.4 फीसदी), हीरो मोटोकॉर्प (21.6 फीसदी) और भारती एयरटेल (18.9 फीसदी) की बारी आ सकती है।

बहरहाल इन कंपनियों के बेहतर प्रदर्शन को टाटा स्टील जैसी कंपनियां फीका कर सकती हैं। टाटा स्टील को पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में शुद्घ लाभ हुआ था, लेकिन इस बार उसे शुद्घ घाटा हो सकता है। इसी तरह हिंडाल्को के शुद्घ मुनाफे में करीब 88 फीसदी, टाटा मोटर्स में 45.2 फीसदी, ओएनजीसी में 34.5 फीसदी और लार्सन ऐंड टुब्रो में 19.2 फीसदी तक गिरावट आ सकती है।

आईटी, फार्मा और उपभोक्ता सामान क्षेत्र की कंपनियों की आय और मुनाफा इकाई में इजाफा दिखा सकते हैं। शायद इसीलिए ब्रोकरेज हाउस इसे आय में सुधार का संकेत नहीं मान रहे हैं। फिलिप कैपिटल के अनिंद्य भौमिक और नवीन कुलकर्णी ने पहली तिमाही की आय पर हाल ही में अपनी रिपोर्ट में लिखा है,

‘हमें सभी क्षेत्रों में सुधार अभी तक नहीं दिखा है। पहली तिमाही में व्यापक तौर पर आय में सुधार की संभावना नहीं है। तेल-गैस के अलावा हमने सभी क्षेत्र देखे हैं और उनकी कमाई में पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले 4 फीसदी गिरावट आ सकती है।

हालांकि उनकी बिक्री में 5 फीसदी इजाफा हो सकता है।’ उन्होंने अपने विश्लेेषण में 14 क्षेत्रों की 129 कंपनियों को शामिल किया है और इसका दायरा सेंसेक्स से कहीं ज्यादा व्यापक है। भौमिक ने लिखा है, ‘सबसे ज्यादा निराशा धातु (शुद्घ मुनाफे में 81 फीसदी कमी), सीमेंट (20 फीसदी की गिरावट) और वित्तीय क्षेत्र (8 फीसदी की गिरावट) से हो सकती है। हालांकि वाहन क्षेत्रों के शुद्घ मुनाफे में 37 फीसदी की बढ़ोतरी (टाटा मोटर्स को छोड़कर) संभव है।

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