‘और भई क्या चल रहा है ?‘ रात 9.30 बजे सिर्फ एण्डटीवी पर— सोमवार से शुक्रवार

‘और भई क्या चल रहा है ?‘ रात 9.30 बजे सिर्फ एण्डटीवी पर— सोमवार से शुक्रवार

इंसानों की इच्छाओं की कोई सीमा नहीं होती है। जब हमें मनचाही चीज मिल जाती है, तो हम और ज्यादा पाने की इच्छा करने लगते हैं। यह कभी भी खत्म नहीं होने वाली चीज है और इसका मंत्र है, जितना ज्यादा, उतना अच्छा। एण्डटीवी के ‘‘और भई क्या चल रहा है?‘‘ के आगामी ट्रैक में कुछ ऐसे ही हालात पैदा होने वाले हैं।

दरअसल मिश्रा परिवार (फरहाना फातिमा) और मिर्ज़ा परिवार (अकांशा शर्मा और पवन सिंह) को जल्दी से जल्दी अमीर बनने के लिये एक बिजनेस प्लान के रूप में एक शाॅर्टकट मिल जाता है। यह सुनकर कि रमेश प्रसाद मिश्रा (अंबरिश बाॅबी) वापस आ रहा है, बच्चन (महमूद हाशमी) को इस बात की चिंता सता रही है कि मिश्रा परिवार उससे खफ़ा है। इसलिये इस बार उसने मिश्रा परिवार को इम्प्रेस करने की ठान ली है।

खोदी के साथ बातचीत के दौरान, बच्चन को एक नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी ‘बेच दे‘ के बारे में पता चलता है जो एक क्लीनिंग प्रोडक्ट बेचती है और वह इसके बारे में मिर्जा (पवन सिंह) को बताता है। हर नये सदस्य के जुड़ने पर कंपनी उसे जोड़ने वाले सदस्य को पैसे देती है, इस तरह वह लोगों को तीन महीनों में ही अमीर बना देती है। इस स्कीम के बारे में सुनकर शांति (फरहाना फातिमा) और सकीना (अकांशा शर्मा) बहुत उत्साहित होती हैं और इस मौके का फायदा उठाना चाहती हैं। वह एक और कदम आगे बढ़ाते हुये अपनी खुद की एक कंपनी खोलती हैं, जिसका नाम है- ‘एसएस काॅर्पोरेशन।‘ इस कंपनी की कमान महिलाओं के हाथों में है और मार्केटिंग की बागडोर संभाल रहे हैं मिर्जा और बच्चन।

शांति और सकीना इंडिपेंडेंट बिजनेसवूमेन बनने का ख्वाब देखना शुरू कर देती हैं। अमीर बनने की ख्वाहिश में, सकीना और शांति नये सदस्यों को कंपनी से जोड़ने के लिये सालों से की गई अपनी बचत भी दांव पर लगा देती हैं। लेकिन अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी यह स्कीम क्या रंग लाती है और आखिर में कौन जीता है और कौन हारता है? इस ट्रैक के बारे में विस्तार से बताते हुए, आकाश शर्मा उर्फ सानिया मिर्जा ने कहा, ‘‘यह कहानी हालांकि, बेहद मजेदार और हल्की-फुल्की है, लेकिन यह एक तरह से लोगों की आंखें भी खोलेगी।

यह हमें बताती है कि कामयाबी पाने या अमीर बनने का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। सफलता के लिये चाहिए- कड़ी मेहनत, लगन, सही रणनीति और वक्त। अमीर बनने के चक्कर में सकीना और शांति इस सिद्धांत को भूल जाती हैं और धड़ा-धड़ मेंबर्स बनाने में जुट जाती हैं तथा अपनी जमा-पंूजी तक गंवा बैठती हैं। लेकिन समय रहते, मिर्जा को सच का पता चल जाता है और वह किसी तरह से हालात को काबू में कर लेते हैं। हालांकि, हमेशा एक-दूसरे से भिड़ जाने वाले मिर्जा और मिश्रा इस स्कीम में पार्टनर्स बनकर एक-दूसरे के साथ हैं, जिसे देखकर खूब मजा आने वाला है।‘‘

कृति शर्मा
इंदौर
7224830620

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply