- January 22, 2019
एस्पायर योजना में ग्रामीण युवाओं में सस्टेनेबल एंटरप्रोन्योरशीप विकसित करें – उद्योग आयुक्त
जयपुर———-उद्योग आयुक्त डॉ. कृृष्णा कांत पाठक ने आजीविका विकास केन्द्र (एलबीआई) संचालकों से ग्रामीण युवाओं में ग्रामीण आवश्यकताओं के केन्द्रीत एंटरप्रोन्योरशीप विकसित करने को कहा है।
उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण, खाद्य सामग्री प्रिजर्वेशन, पैकेजिंग, हार्टिकल्चर और इससे जुड़ी गतिविधियों के उद्यमों के लिए ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित करें ताकि इस क्षेत्र में कम लागत मेें अधिक लाभ प्राप्त किया जा सके। इन क्षेत्रों में प्रदेश में कार्य करने की विपुल संभावनाएं है।
आयुक्त डॉ. पाठक सोमवार को उद्योग भवन में केन्द्र सरकार की स्किम फॉर प्रमोटिंग इनोवेशन, इनोवेशन, रुरल इण्डस्ट्री एण्ड एंटरप्रोन्योरशीप (ASPIRE½ परियोजना को प्रदेश में प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए समीक्षा बैठक ले रहे थे। राज्य में जयपुर, कोटा, बीकानेर, अलवर, उदयपुर, अजमेर, जोधपुर और झालावाड़ सहित 8 जिलों में योजना स्वीकृत हो चुकी है, योजना का संचालन इंजीनियरिंग कॉलेज/आईआईटी द्वारा संचालित किया जाएगा वहीं कोटा, झालावाड़, अजमेर और बीकानेर के लिए स्वीकृत राशि की पहली किश्त भी केन्द्र सरकार द्वारा जारी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि योजना का उद््देश्य ग्रामीण युवाआें के लिए सस्टेनेबल एंटरप्रोन्योरशीप विकसित करना है।
डॉ. पाठक ने कहा कि तकनीकी संस्थानों को अधिक लागत की मशीनरी पर राशि व्यय करने के स्थान पर नवाचारों और क्षेत्र विशेष की उपलब्धता के आधार पर शोध और प्रशिक्षण पर बल दें।
उन्होंने कहा कि फूड टेस्टिंग लेब की समूचे प्रदेश में मांग हैं, युवाओं को इस तरह की लेब की स्थापना या उत्पादों को बेहतर पैकेजिंग, ब्राण्डिंग व प्रिजर्वेशन की तकनीक की जानकारी दे ताकि वे इस क्षेत्र में कार्य कर सके।
उन्हाेंने बताया कि सस्ता घर, पर्यावरण संरक्षण, बांस, कंपोस्ट खाद के साथ ही क्षेत्र विशेष के उत्पादों की नई किस्मों को ईजाद करने के लिए शोध पर बल दे। उन्होंने योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश भी दिए।
सहायक निदेशक राजीव गर्ग ने योजना की प्रगति जानकारी दी। बैठक में संबंधित केन्द्रों के प्रभारी अधिकारी उपस्थित रहे।
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