• February 5, 2019

एमएसएमई तथा फार्मास्युटिकल पोलिसी के निर्माण से लाखों युवाओं को रोजगार

एमएसएमई  तथा फार्मास्युटिकल पोलिसी के निर्माण से  लाखों युवाओं को रोजगार

चंडीगढ़———-हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री विपुल गोयल ने कहा कि राज्य में एमएसएमई तथा फार्मास्युटिकल पोलिसी के निर्माण से जहां उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा वहीं लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

उन्होंने मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूर हुई इन दोनों पोलिसी को प्रदेश के विकास में गति देने वाली प्रेरक बताया। उन्होंने बताया कि फार्मास्युटिकल क्षेत्र की इस पोलिसी से करीब दो हजार करोड़ रुपये का निवेश होने और लगभग 25 हजार नये रोजगार सृजित होने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत करनाल में एक अत्याधुनिक फार्मा पार्क स्थापित करने और एक समग्र उद्योग, शिक्षा और आर.एंड.डी पारिस्थितिकी तंत्र की सुविधा और निर्माण करके हरियाणा को फार्मास्युटिकल क्षेत्र में एक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस नीति का उद्देश्य फार्मास्युटिकल क्षेत्र के लिए निवेशक-अनुकूल और समयबद्ध निकासी वितरण प्रणाली के साथ एक सक्षम विनियामक वातावरण लागू करना, समग्र फार्मास्युटिकल क्लस्टर विकास पर ध्यान केंद्रित करना, फार्मा पार्क में स्थापित इकाइयों को वित्तीय और गैर-वित्तीय लाभ प्रदान करना, एक समर्पित और सुव्यवस्थित तरीके से, राज्य में उद्यमियों का सहयोग करने के लिए गुणवत्ता वाले औद्योगिक बुनियादी ढाँचे का विकास करना, फार्मा इकाइयों की स्थापना के लिए उद्यमियों को रियायती दरों पर भूमि उपलब्ध कराना और एकल खिडक़ी निकासी तंत्र का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के साथ-साथ समयबद्ध तरीके से मंजूरी प्रदान करना शामिल है। हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन नीति 2015 के तहत दिए गए प्रोत्साहनों के अलावा, राज्य में फार्मा पार्कों में स्थापित होने वाली सभी नई इकाइयां एक विशेष पैकेज प्रोत्साहन के लिए पात्र होंगी।

हरियाणा में फार्मा उद्योग में नए निवेशकों के लिए विनियामक प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए, राज्य सरकार राज्य के सिंगल विंडो पोर्टल के साथ सभी फार्मा क्षेत्र से संबंधित मंजूरी को एकीकृत करेगी, जोकि (इन्वेस्ट हरियाणा- www.investharyana.in) है, जो समयबद्ध, पूरी तरह से ऑनलाइन और सुव्यवस्थित तरीके से मंजूरी प्रदान करेगा।

राज्य सरकार उन सभी तर्कसंगत दवाओं को मंजूरी देगी, जिन्हें पड़ोसी राज्य लाइसेंसिंग अधिकारियों द्वारा अनुमोदित किया गया है और भारत सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समितियों द्वारा तर्कसंगत घोषित किया गया है और जो ड्रग्स अधिनियम की धारा 26-ए के तहत भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित या निषिद्ध नहीं हैं।

श्री गोयल ने आगे बताया कि प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) नीति मंजूर होने से जहां उद्योगपतियों को अपना कार्य करने में आसानी होगी वहीं व्यापक स्तर पर रोजगार के द्वार खुलेंगे।

उन्होंने बताया कि इस नीति का उद्देश्य उद्योग के भौगोलिक फैलाव के माध्यम से संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना, क्लस्टर विकास के माध्यम से एमएसएमई की प्रतिस्पर्धा में वृद्धि करना और गुणवत्ता निर्माण प्रथाओं को अपनाना, घरेलू और निर्यात बाजारों तक पहुँचने में एमएसएमई को सुविधा प्रदान करना, हरियाणा के विभिन्न क्षेत्रों में एमएसएमई का विकास और एक अनुकूल पर्यावरणीय प्रणाली प्रदान करना, एमएसएमई के लिए वित्त की पहुंच को सक्षम करना, स्टार्ट अप और इन्क्यूबेशन के माध्यम से उद्यमशीलता को बढ़ावा देना, बीमार उद्यमों का पुनरुद्धार में सहयोग और व्यापार करने में आसानी के माध्यम से प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है।

उन्होंने बताया कि यह पोलिसी मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्टार्ट-अप इंडिया जैसी प्रमुख राष्ट्रीय पहलों के साथ देश एवं प्रदेश को विकसित करने में अहम भूमिका निभाएगी।

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