- March 2, 2018
एमएसएमई इकाइयों को राहत
जयपुर————- राज्य के सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के भुगतान संबंधित विवादों के निपटारे में राजस्थान सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद की नियतकालीन बैठकें अहम भूमिका निभाने लगी है।
सुविधा परिषद की 38 वीं बैठक में राज्य में उद्योग आयुक्त श्री कुंजी लाल मीणा की अध्यक्षता में गठित समिति के पांच सदस्यों में से एनसी उप्रेती संयोजक राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, ताराचंद गोयल प्रदेशाध्यक्ष लघु उद्योग भारतीय व योगेश गौतम अपोलो माईनकेम ने59 प्रकरणों पर क्रेता एवं विक्रेता दोनों पक्षों को सुनवाई का अवसर दिया।
सुविधा का सकारात्मक प्रयास दोनों ही पक्षों को आपसी समझाइश से विवादों के निपटारें पर जोर दिया जा रहा है ताकि उद्यमियों के बीच बेहतर माहौल व तालमेल बना रह सके।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के एमएसएमईडी एक्ट 2006 के प्रावधानों के अनुसार सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों से सामान प्राप्त करने वाले उद्योगों या संस्था को राशि का भुगतान 45 दिन नहीं होने की स्थिति में संबंधित पक्ष उद्योग आयुक्त की अध्यक्षता में गठित सूक्ष्म एवं लघु उद्यम सुविधा परिषद में वाद प्रस्तुत कर राहत प्राप्त कर सकते हैं।
एमएसएमईडी एक्ट 2006 के प्रावधानों के अनुसार 45 दिन में भुगतान नहीं करने वाले पक्ष को मूलधन एवं विलंबित अवधि की बैंक ब्याज दर की 3 गुणा दर से ब्याज का भुगतान करना होता है।
परिषद् की बैठक में उद्योग आयुक्त श्री कुंजी लाल मीणा के अलावा संयोजक राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति श्री एन.सी. उप्रेती, उद्योग संघों के प्रतिनिधि श्री ताराचंद गोयल, श्री राजेन्द्र राठी व उद्योग, वित्त एवं वाणिज्य विशेषज्ञ श्री योगेश गौतम सदस्य है।
सुविधा परिषद के अध्यक्ष श्री कुंजी लाल मीणा ने बताया कि सुविधा परिषद की नियतकालीन बैठक होने से राज्य की एमएसएमई इकाइयों को बड़ी राहत मिल रही हैं दोनों पक्षों को आपसी समझाइश से भी प्रकरणों को निबटाने का अवसर दिया जा रहा है।
श्री मीणा ने बताया कि सुविधा परिषद में आवेदन आने के बाद परिषद द्वारा नोटिस जारी करने से भी उद्योगों को बकाया राशि भुगतान प्राप्त होने लगा है।
परिषद की बैठक में उद्योग विभाग की और से अतिरिक्त निदेशक श्री पीके जैन और उपनिदेशक श्री एसएल पालीवाल व केएल स्वामी द्वारा प्रकरणों की विस्तार से जानकारी दी गई।