- January 4, 2017
एप भीम–भारत की अर्थव्यवस्था की धुरी
पेसूका ————— देश में नव विकसित भुगतान एप भीम (धन के लिए भारत इंटरफेस) का नाम भारतीय संविधान के मुख्य वस्तुकार श्री भीम राव अम्बेडकर के नाम पर रखा गया। इस एप्लिकेशन के माध्यम से भारत रत्न भीम राव अम्बेडकर का नाम भारत की अर्थव्यवस्था की धुरी बनेगा। वह दिन दूर नहीं है जब लोग इससे अपने व्यापार का संचालन करेंगे।
यह एप देश में वित्तीय समानता का सृजन करेगा जैसा कि डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने परिकल्पना की थी। केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता राज्य मंत्री श्री रमेश जिगाजीनागीने यह कहते हुए बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने दलितों, पिछड़ें वर्गों और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों के विकास के लिए अनेक कल्याण योजनाएं शुरू की हैं। भीम काले धन की प्रणाली पर अंकुश लगाने के साथ समाज में समानता का सृजन करेगा।
भीम आधार प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए एक बायोमीट्रिक भुगतान प्रणाली वाला एप है, जो सीधे ही बैंक के माध्यम से ई-भुगतान की सुविधा के लिए एकीकृत भुगतान इंटरफेस पर आधारित है। इसे प्रौद्योगिकी और डिजिटल लेन-देन के महत्व पर जोर देना शुरू किया गया है। इसे सभी मोबाइल उपकरणों स्मार्ट फोन, फीचर फोन, द्वारा इंटरनेट कनेक्शन के साथ या उसके बिना उपयोग किया जा सकता है।
भीम एप द्वारा आधार गेटवे से जुड़े बैंक खाते में अंगूठे के निशान से ही भुगतान किया जा सकता है। वास्तव में भीम के माध्यम से प्रौद्योगिकी गरीब से गरीब छोटे व्यापारियों और हाशिए पर पड़े वर्गों को सशक्त बनाएगी।
यह स्मरण करते हुए भारत को कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था। यह देश कुछ गलतियों के कारण गरीब हुआ। हमारे प्रधानमंत्री का सपना देश की क्षमता और अतीत के गौरव को एक बार फिर लौटाना है।
प्रधानमंत्री ने जनता से यह अपील की है कि प्रतिदिन कम से कम 5 लेन-देन मोबाइल फोन के माध्यम से करें ताकि देश डिजिटल आंदोलन में आगे बढ़े। नए एप से प्लास्टिक कार्ड और पीएस मशीनों की भुमिका कम होने की उम्मीद है यह एप मास्टर कार्ड और वीसा जैसे सेवा प्रदाताओं के शुल्क के भुगतान को समाप्त करेगा।
इस एप को स्मार्ट फोन के माध्यम से पैसा मंगाने और भेजने में भी प्रयोग किया जा सकता है। जनता को यह एप उपयोग करना चाहिए ताकि काले धन की रोकथाम और वित्तीय समानता के सृजन में मदद मिल सके।