• July 19, 2017

एडीबी वित्तपोषित 16 सड़क परियोजनाओं की समीक्षा

एडीबी वित्तपोषित 16 सड़क परियोजनाओं की समीक्षा

जयपुर———सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री यूनुस खान ने कहा है कि राज्य में विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत सड़कों की चौड़ाई बढ़ाई जा रही है। ऎसे में किसी सड़क परियोजना के सहारे पेयजल लाइनें या बिजली के खम्भे जैसी यूटिलिटी उस सड़क के भविष्य में विस्तार की संभावनाओं को ध्यान रखते हुए ही विकसित की जानी चाहिए जिससे परियोजना में अनावश्यक देरी एवं व्यय से बचा जा सकेगा। इसमें एकरूपता के लिए उन्होंने सानिवि के अधिकारियों को यूटिलिटी प्लेसमेंट पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए हैंं, जिसे राज्य केबीनेट से अनुमोदित कराया जाएगा।

श्री खान ने मंगलवार को एशियन विकास बैंक द्वारा वित्तपोषित 16 सड़कों के विकास में आ रही निर्माण पूर्व बाधाओं के बारे में सम्बन्धित अधिकारियों की बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होेंने इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि सड़क परियोजना की प्रारम्भिक डीपीआर में यूटिलिटी शिफिटिंग के लिए निर्धारित किए गए ऎस्टीमेट को कार्य करते समय 8 से दस गुना बढ़ा दिया जाता है।

इससे न सिर्फ परियोजना में देरी होती है, बल्कि परियोजना का बजट ही गड़बड़ा जाता है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि एडीबी की सड़क निर्माण परियोजनाओं में आ रही बाधाएं जैसे भूमि अवाप्ति, बिजली एवं पानी की लाइनों को हटाना व वन क्षेत्र में निर्माण करने की स्वीकृति अविलम्ब जारी कराने के लिए प्रयास करें।

श्री खान ने राज्य सरकार के स्तर पर यूटिलिटी प्लेसमेंट पॉलिसी बनाने एवं नागौर-मुकुन्दगढ़ सड़क परियोजना में आ रहे वन क्षेत्र के सीमाकंन के लिए एक सयुंक्त समिति बनाने के निर्देश दिए। इस समिति में वन विभाग,राजस्व विभाग व सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी शामिल रहेगें जो कि 20 जुलाई 2017 को मौका मुआयना करेगें, जिससे कि सड़क निर्माण का कार्य तय समय सीमा में किया जा सके।

उन्होंने परियोजनाओं के अलाइनेंट को राजस्व मानचित्र पर सुपरइंपोज कर भूमि अवाप्ति, यूटिलिटी शिफ्टिंग एवं वन क्षेत्र के सम्बन्ध में स्थिति जल्द से जल्द स्पष्ट करने के निर्देश दिए।

सार्वजनिक निर्माण विभाग के सभागार में हुई बैठक में प्रमुख शासन सचिव सानिवि श्री आलोक ने परियोजनाओं में रूकावट बन रहे सभी पेंडिंग मामलों के 15 अगस्त तक निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।

बैठक में परियोजनाओं में भूमि अवाप्ति एवं मुआवजे संबंधित बाधाओं के निराकरण हेतु जिला कलेक्टर जयपुर एवं जालोर एवं संबंधित अतिरिक्त जिला कलेक्टर, सानिवि के सचिव श्री माधोलाल मीणा, मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त सचिव श्री शिवलहरी शर्मा, अतिरिक्त मुख्य अभियंता पीपीपी श्री अनूप कुलश्रेष्ठ,निर्माण में आ रहे विद्युत के खम्भे, लाइन इत्यादि की शिफिटिंग के लिए विद्युत वितरण निगम के संबंधित अधिकारी, वन क्षेत्र में कार्य करने हेतु वांछित अनुमति के लिए वन विभाग के अधिकारी एवं निर्माण में आ रही पानी की लाइनों के विस्थापन से सम्बन्धित विषयों के लिए जलदाय विभाग के संबंधित अधिकारी एवं हर परियोजना से समबन्धित परियोजना निदेेशक भी शामिल हुये।

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