एक आदेश जिसने चिकित्सक डा. शिवम मिश्रा को मार दिया

एक आदेश जिसने चिकित्सक डा. शिवम मिश्रा  को मार दिया

सीधी(विजय सिंह, स्वतंत्र पत्रकार)——– अतिरिक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चुरहट के मृतक चिकित्सक डा. शिवम मिश्रा को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामपुर नैकिन में पदस्थगी का एक आदेश सोशल मीडिया में वायरल किया गया है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. आर.एल.वर्मा के हस्ताक्षर से यह आदेश 8 अक्टूबर 2018 को जारी किया गया था। डा. मिश्रा को पृष्ठांकित आदेश की प्रति ही उनके मृत्यु के बाद सोशल मीडिया में वायरल की गई है।

आदेश की भाषा से परिलक्षित होता है कि मृतक चिकित्सक को लक्ष्य बनाकर संविदा स्टाफ नर्स से कराई गई शिकायत के लिये जांच दल बनाया गया, चिकित्सकीय सहयोगियों के बयान के आधार पर डा. शिवम मिश्रा से स्पष्टीकरण लिया गया। स्पष्टीकरण समाधानकारक नहीं पाये जाने पर उन्हे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामपुर नैकिन पदस्थ कर दिया गया।

कार्य स्थल पर महिलाओं के लैंगिक शोषण पर कानून बना है। पीड़िता की शिकायत की जांच हेतु एक विहित प्रक्रिया है। विभाग में इस हेतु एक समिति होती है, जो शिकायत की जांच करती है। जांच के समय आरोपी की पदस्थापना बदल दी जाती है।

किन्तु वायरल पत्र में समिति का जिक्र नहीं है। दिनांक 14.09.2018 के आदेश पर जांच दल ने जांच की किन्तु कानूनी प्रावधान के अनुसार डा. मिश्रा को चुरहट से क्यों नहीं हटाया गया ?

काबिलेगौर तथ्य यह हैं कि 8 अक्टूबर 2018 को जारी आदेश के बावजूद डा. शिवम मिश्रा की सेवायें चुरहट में क्यों ली जा रही थीं ? डा. शिवम मिश्रा को दिये गये आदेश को वायरल किसने किया ? डा. मिश्रा ने तो नहीं ही किया होगा, फिर उनके मृत्योपरांत इसे सोशल मीडिया में जारी करने के पीछे निहित स्वार्थ किसका हो सकता है ?

मीडिया में वायरल इस पत्र से तो यह साफ और प्रमाणित हो चुका है कि मृतक डा. शिवम मिश्रा को मानसिक रूप से इतना प्रताड़ित किया जा चुका था कि अवसाद में उन्होने सामाजिक मार्यादा को देखते हुये अपनी इहलीला समाप्त करने का निर्णय लिया होगा।

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