- February 21, 2021
एंबुलेंस की ट्रैकिंग -‘102 इमरजेंसी बिहार’ एप, –‘दीदी की रसोई’
पटना —– मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश में ई-संजीवनी टेली मेडिसिन सेवा का उद्घाटन किया।
प्रदेश में 1723 सेंटर पर मरीजों को इसकी सुविधा मिलेगी। इसके बाद मार्च के अंत तक 3 हजार स्वास्थ्य केंद्रों तक ई-संजीवनी की व्यवस्था होगी।
फिलहाल, सप्ताह में तीन दिन सुबह 9 बजे से 2 बजे तक मरीजों को ऑनलाइन परामर्श दिया जाएगा। ई-संजीवनी के जरिए ग्रामीण इलाकों के मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएंगी। दूर-दराज इलाकों के मरीजों का पास के अस्पताल में ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बड़े अस्पतालों के डॉक्टर इलाज करेंगे। इससे लोगों के पैसे और समय की बचत होगी। उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं होगी। इसके साथ ही एम्बुलेंस सेवाओं के लिए ‘102 इमरजेंसी बिहार’ एप, गर्भवती महिलाओं की देखभाल-सहायता के लिए ‘वंडर’ एप लांच किया गया।
उन्होने कहा ‘102 इमरजेंसी बिहार’ की भी शुरुआत की। इसके जरिए एंबुलेंस की ट्रैकिंग की जाएगी। परिजन अपने मरीज की एंबुलेंस के साथ ट्रैकिंग कर सकते हैं। इस एप्लीकेशन से अधिकारी एम्बुलेंस की रियल टाइम ट्रैकिंग कर सकेंगे। 102 एंबुलेंस अब आसानी से हर किसी के लिए सुलभ होगी। लाइव लोकेशन ट्रेस करने के लिए इन्हें मोबाइल एप से जोड़ा जा रहा है।
गर्भवती महिलाओं के लिए ‘वंडर एप’
महिलाओं के गर्भधारण से लेकर प्रसव काल तक हुए नियमित और आवश्यकता आधारित जांच के आंकड़ों को वंडर वेब पोर्टल पर डाला जाएगा। इससे उन्हें जरूरी चिकित्सा प्रोटोकॉल मिल सकेगा।
‘दीदी की रसोई’ के लिए MoU
बिहार के सरकारी अस्पतालों में मरीजों और उनके सहयोगियों को स्वस्थ और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति और जीविका के बीच में MoU पर हस्ताक्षर किया गया। इसके तहत सरकारी अस्पतालों में ‘दीदी की रसोई’ नाम का कैंटीन चलाया जाएगा।
फिलहाल राज्य के 7 जिलों में इसे शुरू किया जा रहा है, जिसमें बक्सर, शिवहर, सहरसा, गया, शेखपुरा, पूर्णिया, वैशाली के सदर अस्पताल शामिल हैं. गया शेरघाटी अनुमंडल अस्पताल में भी इस सुविधा की शुरुआत की जा रही है।
‘दीदी की रसोई’ के तहत जीविका दीदियां समूह बनाकर कैंटीन खोलेंगी। इनकी संख्या 6 से 10 होगी। कैंटीन में काम करने को लेकर केरल के कुटुंब श्री संस्थान की तरफ से सभी दीदियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य मरीजों और उनके सहयोगियों को स्वस्थ भोजन देना है।
आशा के लिए अश्विन पोर्टल की लांचिंग
आशा कार्यकर्ताओं के लिए अश्विन पोर्टल की लांचिंग की गई। इसके जरिए आशा वर्कर परफारमेंस एंड इंसेंटिव पोर्टल के माध्यम से आशा अपना दावा प्रपत्र एवं अश्विन पोर्टल पर लोड करेगी। साथ ही उनकी सैलरी की भी जानकारी ऑनलाइन दी जाएगी।