- December 11, 2015
ऊर्जा क्षेत्र:भारत और ब्रिटेन के बीच समझौता
1) बाजार में सुधार, नियामक ढांचे और नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार के लिए नियमों और प्रोत्साहन समेत बिजली के वितरण में प्रतिस्पर्धा की भूमिका;
2) ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा का एकीकरण;
3) औद्योगिक ऊर्जा दक्षता और वाहन ईंधन दक्षता सहित ऊर्जा दक्षता नीतियां तथा व्यवहार;
4) अपतटीय पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा;
5) स्मार्ट ग्रिड;
6) ऊर्जा भंडारण और नई ऊर्जा प्रौद्योगिकी;
7) नवीकरणीय ऊर्जा संस्थानों की क्षमता निर्माण;
8) ऑफ ग्रिड अक्षय ऊर्जा सेवाएं;
9) ज्वारीय ऊर्जा;
10) प्रतिभागियों द्वारा लिखित रूप में मंजूर किया गया सहयोग का कोई अन्य क्षेत्र।
यह एमओयू तकनीकी सहायता के लिए एक अनुकूल ढांचा प्रदान करेगा, जिसमें ब्रिटेन की ओर से शुरू की गई प्रासंगिक परियोजनाओं के माध्यम से आपसी सहमति द्वारा वस्तु रूप में अनुदान और अन्य सहायता शामिल होगी। विशिष्ट परियोजना समझौतों को भी समय-समय पर विकसित किया जा सकता है। इसमें बिजली बाजार के ढांचे और ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण पर ध्यान दिया गया है। यह कार्यक्रम ऊर्जा सुरक्षा और आपूर्ति की विश्वसनीयता के लिए केंद्रीय और राज्य स्तर पर काम करेगा, ऊर्जा के उपयोग में सुधार लाएगा और सतत आर्थिक विकास को सुगम बनाएगा।