• September 20, 2020

उद्घाटन एवं शिलान्यास — मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार

उद्घाटन एवं शिलान्यास — मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार

पटना —- :- मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्रामीण विकास विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग तथा श्रम संसाधन विभाग की विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन, कार्यारंभ एवं षिलान्यास किया।

ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत मनरेगा से 158.05 करोड़ रूपये की लागत से 6,097 तालाबों/पोखरों/आहर/पईन की जीर्णोद्धार योजनाओं, 62.98 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित 85,233 सोख्ता, 53.93 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित 1,701 चेकडैम और 5.35 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित 1,328 सरकारी भवनों के छत वर्षा जल संचयन संरचनाओं की योजनाओं का उद्घाटन एवं लोकार्पण किया गया।

लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के अन्तर्गत 67.05 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित 3,166 सामुदायिक स्वच्छता केन्द्रों का भी लोकार्पण किया गया। ग्रामीण विकास विभाग अन्तर्गत लोकार्पण की गयी सभी 97,525 योजनाओं की कुल लागत राषि 347.37 करोड़ रूपये है।

नगर विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत 67.64 करोड़ रुपये की लागत की 177 योजनाओं का उद्घाटन, 68.66 करोड़ रुपये की लागत से 119 योजनाओं का षिलान्यास, बिहाषरीफ स्मार्ट सिटी अंतर्गत 102.94 करोड़ रुपये लागत की इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर एंड ई-गवर्नेंस बेस्ड स्मार्ट सिटी साॅल्यूषन का कार्यारंभ तथा पटना स्मार्ट सिटी अंतर्गत 15.97 करोड़ रुपये लागत की इंटिग्रेटेड कमांड एण्ड कंट्रोल सेन्टर का कार्यारंभ किया गया।

श्रम संसाधन विभाग के अंतर्गत कोविड विषेष सहायता अनुदान योजना अंतर्गत बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण के 13.68 लाख कामगारों के लिये 2 हजार रुपये की दर से 273.56 करोड़ रुपये का सीधे डीबीटी के माध्यम से खाते में हस्तांतरण किया गया।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग तथा श्रम संसाधन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से कई योजनाओं के उद्घाटन एवं षिलान्यास के लिये बधाई देता हूं। आज के इस कार्यक्रम से जुड़कर शामिल होने के लिये सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं।

आज ग्रामीण क्षेत्र एवं शहरी क्षेत्र दोनों जगहों के विकास कार्यों के उद्घाटन के साथ-साथ श्रमिकों को दी जाने वाली सहायता के संबंध में आज के इस कार्यक्रम का विषेष महत्व है। उन्होंने कहा कि कोविड विषेष सहायता अनुदान योजना अंतर्गत बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण के 13.68 लाख कामगारों के लिये 2 हजार रुपये की दर से 273.56 करोड़ रुपये का सीधे डी0बी0टी0 के माध्यम से खाते में हस्तांतरण किया गया। श्रम संसाधन विभाग के द्वारा श्रमिकों की सहायता के लिये कई प्रकार से कार्य किये जा रहे हैं। श्रमिकों की बीमारियों की इलाज में भी मदद की जाती है। इस वर्ष 15 अगस्त को श्रमिकों के लिये घोषित बातों को क्रियान्वित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा इंटिग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेन्टर के तहत बिहारषरीफ स्र्माट सिटी एवं पटना स्मार्ट सिटी का कार्यारंभ किया गया है। पटना के अलावा भागलपुर और मुजफ्फरपुर में भी इसकी जल्द शुरुआत की जायेगी।

बेल्ट्रोन के द्वारा समेकित कार्य हेतु निविदा शीघ्र पूर्ण की जायेगी। उन्होंने कहा कि सभी प्रमंडलों में एक-एक जगह पर भी इस तरह की सुविधा करने की व्यवस्था की जाय। इस तरह की व्यवस्था से लोगों में और सुरक्षा का भाव आता है। किसी प्रकार की दुर्घटना, अग्निकांड, हादसा, अपराध, मेडिकल इमरजेंसी आदि अन्य प्रकार की समस्याओं पर नजर रखा जा सकता है और उससे राहत के लिये त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।

आपदा प्रबंधन एवं अग्निषमन की तत्काल व्यवस्था की जा सकेगी और लोगों को कठिनाई में तत्काल सुविधा मिलेगी। आॅनलाइन इंटिग्रेटेड टावर की व्यवस्था 6 महीने में होनी थी जो एक महीने में ही पूर्ण हो गई। यह विषेष तौर पर प्रषंसनीय है। उन्होंने कहा कि जो कंपनी इसका फायदा उठाना चाहती है, उनके आवेदन की अनुमति तेजी से मिलेगी और इससे लोगों को भी सहूलियत होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष अधिक वर्षापात और ड्रेनेज सिस्टम में समस्या के कारण पटना सहित अन्य स्थनों पर जलजमाव की स्थिति बनी थी। राज्य सरकार द्वारा 22 स्थानों पर ड्रेनेज पंपिंग स्टेषन की व्यवस्था की जा रही है। इसके निर्माण होने से पंपिंगसेट के माध्यम से शहर के निचले इलाकों में जलजमाव की स्थिति से भी लोगों को निजात मिलेगा। पटना शहर के साथ-साथ दानापुर, खगौल, फुलवारीषरीफ के लिये भी कार्ययोजना बनाई गई है।

पिछले वर्ष जलजमाव की स्थिति में सभी जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ आम लोगों के साथ भी विचार विमर्ष किया गया और विकास आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर इसके लिये कार्ययोजना बनाई गई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के द्वारा भी हाल ही में नगर विकास से संबंधित कई योजनाओं की शुरुआत की गई है। घर के गंदे पानी को भी साफ कर उसको दूसरी जगह पहुंचाया जायेगा। राज्य सरकार के द्वारा भी गंदे पानी को सिवरेज ट्रिटमेन्ट प्लांट के माध्यम से नदी में भेजने के बजाय उसका उपयोग सिंचाई कार्य के लिये किये जाने की योजना है।

उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक विद्युत शवदाह गृहों का निर्माण कराने की योजना है। पटना के बांस घाट और गुलबी घाट में यह संचालित है। भागलपुर मंुगेर और छपरा में विद्युत शवदाह गृहों की शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के लिये भी तेजी से कार्य किया जा रहा है। पटना जंक्षन के पास के कचरे को भी 15 दिनों के अंदर अन्य चार जगहों पर हस्तांतरित कर उचित प्रबंधन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि नगर विकास एवं आवास विभाग ने 280 अभियंताओं की नियुक्ति की है और 455 कनीय अभियंताओं की नियुक्ति हेतु आवष्यक कार्रवाई की जा रही है। नगरों के विकास की योजना बनाने और क्रियान्वित करने में इंजीनियरों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा एवं लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के अंतर्गत पूर्ण योजनाओं का उद्घाटन किया गया है। आज 6,097 तालाब, पोखर, आहर, पईन का जीर्णोद्धार, 1,701 छोटी नदियों-नालों पर चेकडैम का निर्माण, 85,233 सोखता का निर्माण, 1,328 सरकारी भवनों में छत वर्षा जल संचयन हेतु संरचनाओं का निर्माण, 3,166 सामुदायिक स्वच्छता केन्द्र का निर्माण कार्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि शौचालयों का मेंटेनेंस रखना जरूरी है। लोग शौचालय का प्रयोग जरूर करें, खुले में शौच न जाय। सात निष्चय के अंतर्गत हर घर नल का जल का कार्य 81 प्रतिषत लगभग पूर्ण हो गया है और बचे हुए कार्य को जल्द ही पूर्ण कर दिया जायेगा। अगर लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो जाय और खुले में शौच से मुक्ति मिल जाय तो 90 प्रतिषत बीमारियों से छुटकारा मिल जायेगा। 10 अगस्त 2020 को लघु जल संसाधन विभाग द्वारा तालाब, आहर, पईन, चेकडैम से संबंधित 1,093 योजनाओं का उद्घाटन कराया गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 जुलाई 2019 को सभी दलों की संयुक्त बैठक में पर्यावरण संरक्षण के लिये जल-जीवन-हरियाली अभियान मिषन मोड में चलाने का निर्णय लिया गया। इसके लिये 24 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने की योजना बनाई गई। जल-जीवन-हरियाली अभियान का मतलब है जल और हरियाली के बीच जीवन सुरक्षित है। जीवन को सुरक्षित रखने के लिये जल का संरक्षण और हरियाली को बढ़ाना जरूरी है।

बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद बिहार का हरित आवरण क्षेत्र 9 प्रतिषत रह गया था। वर्ष 2012 में हरियाली मिषन की शुरूआत की गई। 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया और 20 करोड़ पौधे लगाये गये। बिहार का हरित आवरण अब 15 प्रतिषत हो गया है और उससे अधिक ले जाने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है। बिहार पृथ्वी दिवस 9 अगस्त को 2 करोड़ 51 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य था लेकिन कोविड-19 के कारण 5 जून विष्व पर्यावरण दिवस से ही वृक्षारोपण कार्य शुरू किया गया और 9 अगस्त 2020 तक 3 करोड़ 47 लाख वृक्षारोपण किया गया।

आगे और भी वृक्षारोपण कराये जा रहे हैं। लोगों में इसके लिये जागृति आई है। 19 जनवरी 2020 को पर्यावरण संरक्षण के लिये जल-जीवन-हरियाली अभियान के पक्ष में 5 करोड़ 16 लाख से अधिक लोगों ने 18 हजार किलोमीटर से अधिक की लंबी मानव श्रृंखला बनाई थी। इससे शुरू में प्रचार नहीं मिला लेकिन बाद में बाहर के लोग इससे अवगत हुए। हमलोग काम में विष्वास करते हैं प्रचार में नहीं। यूनाईटेड नेषंस पर्यावरण संरक्षण को लेकर बिहार से चर्चा करना चाहता है।

हमलोगों ने महिलाओं के लिये भी पंचायती राज संस्थानों एवं नगर निकायों में 50 प्रतिषत का आरक्षण दिया था, जिसकी चर्चा बाद में हुई। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिये लगातार काम करते रहना है। आज ही पूर्वी चंपारण में तालाब का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण कार्य दिखाया गया, वह काफी अच्छा था। छत वर्षा जल संचयन के लिये भी कार्य किया जा रहा है।

8 जिलों में मौसम के अनुकूल कृषि कार्य की शुरुआत की गई है, जिसे सभी 38 जिलों में लागू कर दिया गया है। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये भी काम किया जा रहा है। पहाड़ों के नजदीक जल संरक्षण के लिये तालाब का निर्माण कराया जा रहा है। राजगीर में आर्डिनेंस फैक्ट्री परिसर में पहाड़ के नीचे बड़े तालाब का निर्माण कराया गया है। अगर 2 वर्ष तक वर्षापात नहीं होगी तब भी आॅर्डिनेंस फैक्ट्री में पानी की कठिनाई नहीं होगी। इस तालाब से पानी उपलब्ध रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को पर्यावरण संरक्षण और साफ-सफाई के लिये सजग रहना होगा। तालाब, आहर, पईन को अतिक्रमण मुक्त कराने के दौरान वहां बसे भूमिहीन लोगों को बसाने की वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है। तालाब के जीर्णोद्धार कार्य के दौरान वहां वृक्षारोपण कराये जा रहे हैं। जिन लोगों के पास आवास बनाने के लिये अपनी जमीन नहीं है, उन्हें 1 लाख 20 हजार रूपये की सहायता दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 अप्रैल 2010 के पूर्व इंदिरा आवास योजना के तहत लाभार्थियों को 35 हजार रुपये अथवा उससे कम ही मिलते थे, जिसके कारण उनका मकान अधूरा रह गया था। 1 अप्रैल 2010 के पूर्व के इंदिरा आवास योजना के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति तथा अति पिछड़ा वर्ग के लाभार्थियों को अपने अधूरे मकान को पूरा करने के लिये 50 हजार रुपये देने का निर्णय लिया गया है।

राज्य के सभी आवासविहीन सुयोग्य परिवारों जिनका नाम अभी प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की प्रतीक्षा सूची में नहीं है, के लिये निधि उपलब्धता के अनुरूप मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत इन्हें आवास निर्माण हेतु 1 लाख 20 हजार रुपये देने का प्रावधान है। जिनके पास आवास बनाने के लिये जमीन नहीं है उन्हें जमीन खरीदने के लिये 60 हजार रुपये दिये जायंेगे। मुजफ्फरपुर जिला के ए0ई0एस0 प्रभावित सभी 5 प्रखण्डों के सभी सुयोग्य परिवारों को आवास निर्माण की स्वीकृति दी गई है। साथ ही अन्य जिलों में भी ए0ई0एस0 से प्रभावित प्रखंडों में भी सभी सुयोग्य परिवारों को आवास निर्माण की स्वीकृति दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न आर्थिक स्थिति में गिरावट के बावजूद हर प्रकार से लोगों के साथ-साथ सरकारी कर्मियों को भी मदद करने की कोषिष की गई है। पंचायती राज संस्थानों एवं नगर निकाय के षिक्षकों के तर्ज पर मदरसों, अल्पसंख्यक विद्यालयों एवं संस्कृत विद्यालयों के षिक्षकों को ई0पी0एफ0 की सुविधा के साथ-साथ 15 प्रतिषत वेतन वृद्धि का लाभ 1 अप्रैल 2020 से देने का निर्णय किया गया है।

षिक्षक सेवक एवं तालिमी मरकज के मानदेय में 1 हजार रुपये की बढ़ोतरी, विद्यालय में काम कर रहे रसोइयों के मानदेय में 150 रुपये की वृद्धि, आंगन बाड़ी सेविका के मानदेय में 300 रुपये की वृद्धि, मिनी आंगनबाड़ी सेविकाओं के लिये 230 रुपये तथा सहायिका के मानदेय में 150 रुपये की बढ़ोतरी, विकास मित्र के मानदेय में 1200 रुपये की बढ़ोतरी तथा किसान सलाहकार के मानदेय में 1 हजार रुपये की वृद्धि की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण के प्रति जागरुकता हम सब का दायित्व है। इससे आने वाली पीढ़ियों का जीवन सुरक्षित रहेगा। जब से काम करने का मौका मिला है सब के लिये जो संभव हुआ है कार्य करते रहे हैं। सबकी सेवा की है, किसी की उपेक्षा नहीं की है।

हमारा निवेदन है आपस में प्रेम, भाईचारा और सदभाव का माहौल रखें ताकि हम सब मिलकर आगे और तरक्की कर सकें।

कार्यक्रम के दौरान गया, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया तथा समस्तीपुर जिले के जिलाधिकारियों ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत अपने जिले में शुरुआत की गई कार्य की जानकारी दी। गया जिले की मनरेगा की लाभान्वित अनिता देवी, पूर्वी चम्पारण जिले के बाहर से आये श्रमिक श्री मनोज कुषवाहा, जीविका दीदी रजिया बेगम, पूर्णिया जिले के श्री अमर कुमार मंडल, श्रीमती तारामणी देवी तथा समस्तीपुर जिले की जीविका दीदी ने मुख्यमंत्री से संवाद किया। संवाद के दौरान शौचालय के निर्माण से लाभ, बाहर से आये श्रमिक को प्राप्त हुए रोजगार, मनरेगा से मिले रोजगार एवं शराबबंदी के कारण जीवन में आये सुधार के लिये इनलोगों ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री श्री सुषील कुमार मोदी, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, नगर विकास एवं आवास मंत्री श्री सुरेष कुमार शर्मा तथा श्रम संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, योजना एवं विकास विभाग के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, सूचना एवं जन संपर्क विभाग के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विषेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विधायकगण, विधान पार्षदगण, अन्य जनप्रतिनिधिगण, श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव श्री मिहिर कुमार सिंह, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री अरविंद कुमार चैधरी, नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव श्री आनंद किषोर, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री बाला मुरगन डी0, जल-जीवन-हरियाली के मिषन निदेषक श्री राजीव रौषन, श्रमायुक्त श्री चंद्रषेखर सिंह, मनरेगा के आयुक्त श्री सी0के0 खंडुजा, तीनों विभागों से जुड़े अन्य वरीय पदाधिकारीगण, प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, अभियंतागण सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति जुड़े हुये थे।

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