- January 28, 2016
उदय योजना:: राजस्थान सरकार, डिस्कॉम्स और भारत सरकार के मध्य समझौता पत्र पर हस्ताक्षर
जयपुर – राजस्थान की विद्युत कंपनियों की वित्तीय स्थितियों में सुधार और उनके परिचालन को सुदढ़ बनाने के लिए बुधवार को नई दिल्ली के होटल अशोक में केन्द्रीय विद्युत, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में भारत सरकार, राजस्थान सरकार और राज्य की तीन विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) जयपुर, जोधपुर व अजमेर के मध्य भारत सरकार की ‘उज्जवल डिस्कॉम्स अश्योरेंस योजना” (उदय योजना) के अन्तर्गत समझौता ज्ञापन पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये।
समझौता ज्ञापन पर राजस्थान के प्रमुख ऊर्जा सचिव श्री संजय मल्होत्रा, अजमेर डिस्कॉम्स के तकनीकी निदेशक डॉ. डी.के. शर्मा, जयपुर डिस्कोम के श्री सुनील मेहता और जोधपुर के डिस्कोम के तकनीकी निदेशक श्रीमती कीर्ति कछवाह तथा भारत सरकार की ओर से विद्युत मंत्रालय में संयुक्त सचिव डॉ. ए.के. वर्मा ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर केन्द्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की पहल पर देश की बिजली कंपनियों के पुर्नउद्घार और सुदृढ़ीकरण की दिशा में प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देशों के अनुरूप उदय योजना को मूर्त रूप दिया गया है। उन्होंने उदय योजना की संरचना के लिए राजस्थान सरकार द्वारा दिये गये सहयोग की भी सराहना की।
उन्होंने बताया कि उदय योजना के माध्यम से कुशल ऊर्जा युक्त एलईडी बल्बों के उपयोग को बढ़ावा, कृषि पम्पों, पंखों और विद्युत किफायती एयर-कंडीशनरों के साथ-साथ पी.ए.टी. (प्रदर्शन, प्राप्ति, व्यापार) के माध्यम से औद्योगिक उपकरणों के कुशल उपयोग से विद्युत की अत्याधिक मांग को घटाने, विद्युत भार को बांटने जैसे नवीकरणीय उपाय किये जायेगे। इससे राजस्थान में ऊर्जा खपत को कम करने में मदद मिलेगी और वित्तीय वर्ष 2019 तक करीब 2000 करोड़ रूपये का लाभ होगा।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार राज्य में विद्युत के बुनियादी ढांचे में सुधार और लागत में कमी लाने के लिए डिस्कॉम्स और राज्य सरकार को प्रोत्साहन भी प्रदान करेगी। साथ ही राज्य को दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, एकीकृत विद्युत वितरण प्रणाली, विद्युत क्षेत्र विकास कोष जैसी केन्द्रीय योजनाओं के माध्यम से केन्द्र द्वारा अतिरिक्त/प्राथमिक वित्तपोषण भी प्रदान किया जाएगा और एनटीपीसी और अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों की इकाईयों से अधिसूचित दरों पर अतिरिक्त कोयला और उसके उच्च क्षमता उपयोग के माध्यम से न्यूनतम लागत पर विद्युत सहायता भी प्रदान की जाएगी।
कोल स्वैपिंग, कोल ग्रेड स्लिपेज में सुधार, 100 प्रतिशत धुले हुए कोयले की उपलब्धता जैसे अन्य लाभों से राज्य के विद्युत मूल्यों में कमी करने में सहायता मिलेगी। राज्य को इन कोयला सुधारों से करीब 3000 करोड़ रूपये का लाभ होगा और वित्तीय और परिचालनगत कुशलताओं में सुधार से, डिस्कॉम्स की रेटिंग में सुधार होगा, जिससे उन्हें अपनी भविष्य की पूंजी निवेश आवश्यकताओं के लिए सस्ती दरों पर कोष प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी। इससे 3 वर्षों में डिस्कॉम्स को करीब 150 करोड़ रूपये की ब्याज की बचत होने की संभावना है।
श्री गोयल ने बताया कि इस प्रकार राजस्थान को आगामी वर्षो में ब्याज लागत में बचत, एटी एंड सी और पारेषण हानियों मे कमी, ऊर्जा कुशलता में सुधार और कोयला सुधारों आदि के द्वारा उदय के माध्यम से करीब 21,000 करोड़ रूपये का शु़द्ध लाभ प्राप्त होगा।
उन्होंने बताया कि उदय योजना से राजस्थान के 396 दूरस्थ ग्रामों और ढ़ाणियों के करीब 30 लाख परिवारों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाना संभव हो सकेगा, जहां आज भी बिजली नहीं हैं। इससे प्रदेश में रोजगार अवसरों में वृद्घि के साथ-साथ औद्योगिकी विकास को गति मिलेगी और एक “शक्तिशाली भारत” के उदय का सूत्रपात भी होगा।
श्री गोयल ने बताया कि राजस्थान में सौर ऊर्जा विकास की असीम संभावनाएं है और यह मरू प्रदेश देश का ही नही, विश्व का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा केन्द्र बनकर उभरेगा। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार राज्य को सौर पार्कों की संख्या बढ़ाने के लिए निरंतर प्रोत्साहित कर रही है और बंजर एवं अनुपयोगी भूमि पर ऐसे पार्क विकसित होने से रेगिस्तान की धरती सौर ऊर्जा के रूप में भी सोना उगलेगी। श्री गोयल ने बताया कि केन्द्र सरकार राजस्थान सरकार के साथ उदय योजना के पश्चात अब सौर कृषि पम्प योजना के क्षेत्र में मिलकर काम करेगी।
डिस्कॉम्स को करीब 7,300 करोड़ रूपये का अतिरिक्त राजस्व
इस मौके पर राजस्थान के प्रमुख ऊर्जा सचिव श्री संजय मल्होत्रा ने कहा कि राजस्थान की विद्युत कंपनियों को घाटे से उबारने के लिए मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की पहल पर केन्द्र सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाए गये है। उन्होंने बताया कि विगत 30 सितम्बर तक राज्य की विद्युत कंपनियों का कुल बकाया ऋण 80,500 करोड़ रूपये था, उदय योजना के तहत् इसमें से 75 प्रतिशत अर्थात 60,500 करोड़ रूपये का वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत राज्य के 20,000 करोड़ रूपये के शेष ऋण के लिए औसत वर्तमान ब्याज दर से भी करीब 3 प्रतिशत के कूपन मूल्यों का पुनर्मूल्य तय किया जायेगा अथवा राज्य सरकार को गारंटीकृत बॉण्ड्स की सुविधा भी मिलेगी और राज्य की डिस्कॉम्स कंपनियों के ऋण में भी कमी आयेगी। साथ ही शेष ऋण पर ब्याज दरों में कमी होने से वार्षिक ब्याज लागत में भी करीब 3,000 करोड़ रूपये की बचत होगी।
श्री मल्होत्रा ने कहा कि उदय योजना में डिस्कॉम्स की परिचालन कुशलताओं में सुधार लाने पर जोर दिया गया है। राजस्थान सरकार डिस्कॉम्स फीडर और वितरण ट्रांसफॉर्मर मीटररिंग, उपभोक्ता अनुक्रमण एवं घाटों की जीआईएस मैपिंग, ट्रांसफॉर्मरों के उन्नयन/बदलाव, उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटरिंग के माध्यम से परिचालनगत कुशलता लाने के प्रति वचनबद्ध है, ताकि इनके माध्यम से पारेषण और एटी एंड सी हानियों में कमी लाई जा सके। उन्होंने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018 तक विद्युत की आपूर्ति लागत और वास्ताविकता के बीच के अंतर को भी दूर किया जाएगा। एटी एंड सी और पारेषण हानियों में क्रमश: 15 प्रतिशत और 3.5 प्रतिशत की कमी से वित्तीय वर्ष 2019 तक डिस्कॉम्स को करीब 7300 करोड़ रूपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की संभावना है।
उदय योजना की अवधारणा
उदय योजना का शुभारंभ भारत सरकार द्वारा 20 नवम्बर, 2015 को ऋण में डूबी वितरण इकाईयों के लिए वित्तीय स्थिरता और विकास हेतु एक स्थायी और दीर्घकालिक समाधान को सुनिश्चित करने के लिए किया गया था। देश भर की वितरण कंपनियों पर लम्बे समय से लगभग 4.3 लाख करोड़ रूपये का ऋण बकाया है। उदय के माध्यम से इन डिस्कॉम्स की वित्तीय और परिचालनगत हालत को सुधारते हुए सस्ती दरों पर पर्याप्त विद्युत की आपूर्ति और सभी के लिए 24 घंटे बिजली एवं 100 प्रतिशत ग्रामीण विद्युतीकरण की दिशा में भारत सरकार का एक प्रभावी प्रयास है। उदय योजना के अन्तर्गत समझौते पत्र पर हस्ताक्षर करने वाला राजस्थान तीसरा राज्य है। इससे पूर्व दो अन्य राज्य झारखण्ड और छत्तीसगढ़ एमओयू पर हस्ताक्षर कर चुके है।
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