- January 18, 2016
उदयपुर हैण्डीक्राफ्ट मेला
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उदयपुर – ग्रामीण गैर कृषि-विकास अभिकरण (रूडा) एवं विकास आयुक्त हस्तशिल्प भारत सरकार नईदिल्ली की ओर से टॉऊनहॉल में आयोजित दस दिवसीय हस्तशिल्प मेले का प्रथम रविवार होने के कारण जबरदस्त जमघट लगा रहा।
रूडा के उप महाप्रबंधक दिनेश सेठी ने बताया कि रविवार की वजह से मेला बाजार में रेलमपेल बनी रही और मेलार्थियों ने जमकर खरीदारी की। खासकर बनारसी साड़ियों, खुरजा की पोटरी, टेराकोटा,बगरू प्रिन्ट की साड़ियों एवं सूट ,ब्रास के आइटम,मुड्डे, कारपेट सहित विभिन्न उत्पादों की खरीदारी की।
सूरजमल की कला ने जगाया आकर्षण
मेले में आए कलाकार सूरजमल की कृतियां मेलार्थियों के आकर्षण का केन्द्र बनी रहीं। इन कलाकृतियों ने यह जता दिया कि कला ईश्वर की देन है और वह हाथ का हुनर होती है। पेन्टिंग करने क्भ् कला हर किसी को नहीं मिलती है लेकिन जिसे मिलती है उसकी खूबसूरती पूरी दुनिया में छा जाती है।
किशनगढ़ से आये कलाकार सूरजमल ने पुराने बेकार पड़े स्टाम्प पेपर एवं पोस्टकार्ड को फेंकने के बजाय उसका बेहतर उपयोग करते हुए उस ग्रामीण क्षेत्र की लोक संस्कृति को जिस प्रतिभा से बखूबी उभारा की वह अपने आप में खास था।
वाटर कलर एवं प्लास्ट पेन्ट का उपयोग करते हुए स्टाम्प पेपर,पोस्टकार्ड,साधारण कागज एवं वेलवेट कपड़े पर प्रकृति के सुन्दर नज़ारे के साथ-साथ खुले मैदान मे पेड़ की छाँव के नीचे गिटार के साथ रागिनी की विभिन्न मुद्राओं का चित्रण कर उसमें जान फूँकने का प्रयास किया गया। कागज पर चिड़िया, हाथियों की लड़ाई का शानदार चित्रण किया। वेलवेट कपड़े पर कृष्ण संग गोपियों के रास की दर्शनीय चित्रण कर प्राचीनकाल की रासलीला की याद दिलाने का प्रयास खूब सराहा गया।
पर्यटन विभाग के कलाकारों द्वारा मेलार्थियों के लिए प्रस्तुत किये जा रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत रविवार को कलाकारों ने चकरी, भवई, सिर पर साईकिल का पहिया के साथ नृत्य कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ उठाने रसिकों की भीड़ उमड़ने लगी है।