• December 29, 2015

उदयपुर मेडिकल हब : – डॉ. दीपक आचार्य, उप निदेशक

उदयपुर मेडिकल हब  : – डॉ. दीपक आचार्य,  उप निदेशक

सू०ज०वि०(उदयपुर)  – उदयपुर अब किसी मामले में पीछे रहने वाला नहीं।  विषय कोई सा हो। रचनात्मक गतिविधियों से लेकर लोक सुविधाओं और सेवाओं का विषय हो या फिर दीर्घकालीन सुनहरे विकास की सुदृढ़ बुनियाद का, नवाचारों के बेहतर क्रियान्वयन का कोई सा पहलू हो या फिर अत्याधुनिक और वैश्विक स्तरीय ज्ञान-विज्ञान, शिक्षा-दीक्षा अथवा फिर नवोन्मेषी विधाओं का सूत्रपात।Medical & Health Udaipur (5)

निरन्तर प्रगतिशील जिले के रूप में उदयपुर का अब कोई सानी नहीं। विभिन्न विधाओं के साथ ही उदयपुर जिला अब मेडिकल हब के रूप में अपनी अन्यतम पहचान बनाता जा रहा है। अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाओं और संसाधनों तथा निरन्तर प्रसार पाते जा रहे चिकित्सकीय आयामों की बदौलत अब उदयपुर जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अग्रणी पहचान बनाए हुए है।

मेडिकल हब के रूप में यह तेजी से स्थापित होता जा रहा है। विश्वास किया जाना चाहिए कि यही रफ्तार निरंतर बनी रही तो चंद वर्षों में यह देश-दुनिया में श्रेष्ठ मेडिकल हब के रूप में गौरव पा लेगा। इस दिशा में बहुआयामी प्रयास निरन्तर और पूरे वेग के साथ जारी हैं।

उदयपुर जिला न केवल एलोपैथिक बल्कि आयुर्वेद, यूनानी एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों और योग विधाओं में भी व्यापक गतिविधियों का पर्याय बन चला है।

क्षेत्र भर में इन तमाम चिकित्सा विधाओं का मजबूत नेटवर्क स्थापित हो चला है तथा इसके माध्यम से उदयपुर लोक सेहत रक्षा का बहुत बड़ा गढ़ बनता जा रहा है जहाँ शारीरिक सौष्ठव को बरकरार रखने और सेहत की रक्षा से लेकर हर तरह की बीमारियों से बचाव और निदान तक की सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।Medical & Health Udaipur (1)

राज्य सरकार ने हाल के दो वर्ष में उदयपुर जिले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं व सुविधाओं के विस्तार की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। इस दिशा में निरन्तर अनथक प्रयास जारी हैं।

जिस तरह सरकार और दूसरे क्षेत्र सेहत रक्षा के अनुष्ठानों में जुटे हुए हैं उन्हें  देख लगता है कि आने वाला समय उदयपुर को वैश्विक मेडिकल हब के रूप में कीर्ति प्रदान करेगा और इसका लाभ न केवल संभाग भर के लोेगों को बल्कि आस-पास के जिलों और पड़ोसी राज्यों को भी प्राप्त होगा।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं हुई मजबूत

उदयपुर जिले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा विगत दो वर्ष की अवधि में विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न उपलब्धियां हासिल की गई हैं।  इस अवधि में जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत कुल 77 हजार 660 को लाभान्वित किया गया। जननी शिशु सुरक्षा योजानान्तर्गत मुफ्त परिवहन योजना से 145072, निःशुल्क भोजन 84379, निःशुल्क जाँच 83140 व निःशुल्क दवा से 94771 लाभान्वित हुए।

जिले में इस अवधि में कुल 91227 सुरक्षित संस्थागत प्रसव करवाये गये । कुल 132425 महिलाओं की प्रसव पूर्व जाँच की जाकर टी.टी. के टीके लगाये गये।  कुल 118359 बच्चों का पूर्ण टीकाकरण किया गया।  परिवार कल्याण कार्यक्रम अन्तर्गत21291 की नसबंदी की गई। कुल 30371 महिलाओं को कॉपर-टी लगवायी गयी।

जिले में 1439 बी.पी.एल. महिलाओं को प्रथम प्रसव पर 5 लीटर देशी घी उपहार स्वरूप प्रदान किया जाकर योजना का लाभ दिया गया। गत वित्तीय वर्ष में उदयपुर जिले में  278 पदों पर नियुक्ति हुई। इनमें चिकित्सा अधिकारी, सूचना सहायक व तकनीशियन शामिल हैं। जिले में 15-15 लाख की धनराशि से 9 स्थानों पर मोर्चरी बनाई जाएंगी।

राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत उदयपुर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की दिशा में दो वर्ष में विभिन्न  प्रयास किए गए हैं। उदयपुर शहर मुख्यालय में स्थित कच्ची बस्तियों में रह रहे गरीबों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से शहर की 5 सिटी डिस्पेन्सरी को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में क्रमोन्नत किया गया।

उदयपुर शहर में 3 करोड़ की धनराशि से 4 नवीन शहरी पीएचसी धानमण्डी, चित्रकूट नगर, जगदीश चौक, मादड़ी औद्योगिक क्षेत्र में स्वीकृत की गई हैं।  इनमें से प्रत्येक के लिए नये भवन निर्माण पर 75 लाख रुपए की लागत आएगी। उदयपुर शहर में एक शहरी सीएचसी स्वीकृत की गई है जो पुलां-भुवाणा क्षेत्र में बनाई जाएगी। फिलहाल चित्रकूट नगर एवं मादड़ी औद्योगिक क्षेत्र में किराए के भवन में शहरी पीएचसी संचालित है। इस तरह शहर की 5 सिटी डिस्पेन्सरी को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में क्रमोन्नत किया गया है।

शिविरों ने दिया उपचार

उदयपुर में प्रत्येक माह कच्ची बस्तियों में 10 आउटरीच कैम्प लगाए जा रहे हैं जिनमें इस वर्ष 2.5 लाख रु. व्यय कर कुल28 निःशुल्क कैम्प लगाकर 4 हजार 515 रोगियों का निःशुल्क उपचार किया गया एवं 1 हजार 615 रोगियों की निःशुल्क जांच की गई। पिछले दो सालों से लगातार हिंदुस्तान जिंक के सहयोग से दशहरे – दीपावली के अवसर पर 20 प्रवासी स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर  8 हजार 142 व्यक्तियों को पूर्ण स्वास्थ्य लाभ दिया गया।Health Camp 17 Dec 2015  (21)

जिले में आपातकालीन स्थिति में मरीजों को अस्पताल पहुँचाने के लिए हेतु 108 सेवा में 33 एम्बूलेंस विभिन्न क्षेत्रों में 24घण्टे अपनी सेवायें प्रदान कर रही हैं। जिसके अन्तर्गत जिले में गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं एक वर्ष के बच्चों, कुपोषित बच्चों इत्यादि को अस्पताल पहुँचाने एवं पुनः अस्पताल से घर छोड़ने हेतु 36 जननी एक्सप्रेस विभिन्न सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर तैनात की गयी है।

जिले में कुपोषित बच्चों के उपचार हेतु एक एम.टी.सी. महाराणा भूपाल चिकित्सालय में तथा मिनी एम.टी.सी. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मावली, झाड़ोल, भीण्डर, गोगुन्दा और सलूम्बर में कार्यरत है। बीमार नवजात शिशुओं के उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर एन.बी.एस.यू. एवं प्रत्येक डिलेवरी पोईंट पर एन.बी.सी.सी. की स्थापना की गयी है।

आयुर्वेद चिकित्सा में अग्रणी पहचान रखता है उदयपुर

परंपरागत भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा की दृष्टि से उदयपुर अग्रणी रहा है। विशिष्ठ संगठक योजना में चावण्ड में 10दिवसीय शिविर में 1 हजार 830 रोगियों को निःशुल्क चिकित्सा एवं पथ्य दिया गया। नगर परिषद के सौजन्य से 10 दिवसीय शिविर में अर्श-भगंदर के 45 रोगियों का ऑपरेशन कर लाभान्वित किया गया। भवन मरम्मत के लिए जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा 10 आयुर्वेदिक औषधालयों को 29.82 लाख की धनराशि आवंटित की गई। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर जिले में योग क्रिया करवा कर 65 हजार 500 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया।

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की बहुआयामी गतिविधियों का केन्द्र रहे राजकीय आदर्श आयुर्वेद औषधालय, सिंधी बाजार,उदयपुर में गृहमंत्री श्री गुलाबचंद कटारिया के विधायक मद से 5.50 लाख की धनराशि से फीजियोथैरेपी यूनिट स्थापित की गई वहीं वेदान्ता समूह से प्राप्त 5.40 लाख से औषधि बैंक स्थापित की गई।

यह औषधालय  अपनी नियमित सेवाओं के बेहतर निर्वहन के साथ ही स्वास्थ्य रक्षा के तमाम सरोकारों की दृष्टि से महत्वपूर्ण संस्थान है जहाँ प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. शोभालाल औदीच्य के अनथक प्रयासों से रोगियों के लिए वरदान बना हुआ है। चिकित्सालय द्वारा वर्ष भर चिकित्सा परामर्श और उपचार शिविरों, जागरुकता शिविरों आदि का क्रम निरन्तर बना हुआ है।

शहर में विभिन्न स्थानों पर संचालित प्रभातकालीन योग शिविरों ने भी उदयपुरवासियों को सेहत का उपहार दिया है। इनमें भामाशाहों और स्वयंसेवी संस्थाओं का योगदान अहम सिद्ध हुआ है।

आयुर्वेद महाविद्यालय की सेवाओं का विस्तार

मदनमोहन मालवीय राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय उदयपुर में राज्य सरकार ने पद भरने तथा सेवा सुविधाओं में विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया है। महाविद्यालय में प्रोफेसर के 5 पद, एसोसिएट प्रोफेसर के 13 पद भरे गए।  एसोसिएट प्रोफेसर – काय चिकित्सा को प्रोफेसर (पंचकर्म) पद पर पदोन्नति, 4 मंत्रालयिक कार्मिकों को नियुक्ति, 14 आयुर्वेद चिकित्साधिकारियों को लेक्चर पद पर आमेलित किया गया। कई वर्ष बाद स्नातकस्तरीय पाठ्यक्रम के लिए 60 छात्र व रसशास्त्र,द्रव्य गुण विज्ञान एवं काय चिकित्सा विषय में 5-5 छात्रों के प्रवेश की अनुमति जारी हुई।

ई परामर्श व दूरभाष पर चिकित्सा सेवा

वेबसाइट के माध्यम से जनता को आयुर्वेद चिकित्सा उपलब्ध कराने महाविद्यालय में ई-परामर्श केन्द्र संचालित हो रहा है। इसमें प्रत्येक कार्य दिवस को दोपहर 2.30 से 3.30 बजे तक महाविद्यालय के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा दूरभाष, ई-मेल व डाक द्वारा पर चिकित्सा परामर्श उपलब्ध करवाया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा उदयपुर में इस वर्ष आयोजित राज्य स्तरीय आरोग्य मेला व महाविद्यालय के तत्वावधान में राष्ट्रीय आयुर्वेद सेमीनार यादगार रहे।

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