उत्तर प्रदेश सरकार की कृषि अपशिष्ट से एथेनॉल उत्पादन के लिए डेनमार्क से बातचीत

उत्तर प्रदेश सरकार की कृषि अपशिष्ट से एथेनॉल उत्पादन के लिए डेनमार्क से बातचीत

डेनमार्क के राजदूत ने  मुख्य सचिव डीएस मिश्रा को बताया कि, कृषि अपशिष्ट, गेहूं और धान की पराली से बायो मेथनॉल और ई-मेथनॉल का उत्पादन किया जा रहा है। किण्वन प्रक्रिया के माध्यम से उत्पादित हाइड्रोजन और कार्बन डाइऑक्साइड से ई-मेथनॉल का उत्पादन होता है।

डेनमार्क इस पेटेंट तकनीक पर आधारित पहली परियोजना स्थापित कर रहा है और उत्पादन 2025 में शुरू हो जाएगा। 450 टन क्षमता वाले छह ब्रिकेट उत्पादन संयंत्रों से एकत्रित 145 मिलियन सामान्य घन मीटर बायोगैस से 1 लाख टन इथेनॉल का उत्पादन करने का प्रस्ताव है।

इस संयंत्र को स्थापित करने के लिए 2,225 करोड़ रुपये खर्च होगे।

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