उज्‍बेकिस्‍तान : संयुक्‍त संवाददाता सम्‍मेलन

उज्‍बेकिस्‍तान  : संयुक्‍त संवाददाता सम्‍मेलन

मुझे इस ऐतिहासिक और खूबसूरत शहर ताशकंद में आकर बेहद खुशी हो रही है। इसमें उन नजारों और कहानियों जैसे अपनेपन की झलक है, जिन्‍हें सुनते हुए बढ़े हुए हैं।

मैं राष्‍ट्रपति करिमोव और उज्‍बेकिस्‍तान की जनता का इस स्‍वागत और आतिथ्‍य के लिए आभार प्रकट करना चाहता हूं। 1

राष्‍ट्रपति करिमोव से मुलाकात करके मुझे बहुत प्रसन्‍नता हुई। उन्‍होंने उज्‍बेकिस्‍तान को उन्‍नति के पथ पर ले जाने और क्षेत्र में अमन और खुशहाली कायम करने के लिए महान दृष्टि और विवेक के साथ नेतृत्‍व किया है।

आज, मैंने मध्‍य एशिया के पांच देशों की यात्रा प्रारम्‍भ की है। इससे मध्‍य एशियाई गणराज्‍यों के साथ हमारे संबंधों के नए युग का सूत्रपात करने का हमारा संकल्‍प परिलक्षित होता है।

इस क्षेत्र के साथ हमारे ऐतिहासिक संबंध रहे हैं और उन्‍होंने हम दोनों पर ही गहरी छाप छोड़ी है। अब इसका भारत के भविष्‍य में महत्‍वपूर्ण स्‍थान है।

मैंने अपनी यात्रा उज्‍बेकिस्‍तान से शुरू की है। यह बात सिर्फ इस क्षेत्र के संदर्भ में ही नहीं, बल्कि व्‍यापक रूप से एशिया भर में भारत द्वारा इस देश को दिये जाने वाले महत्‍व को रेखांकित करती है।

हाल के वर्षों में, भारत और उज्‍बेकिस्‍तान ने परस्‍पर आदर और साझा हितों के आधार पर सामरिक भागीदारी की है।

इनमें आर्थिक सहयोग को व्‍यापक बनाना, आतंकवाद से निपटना, क्षेत्र में स्‍थायित्‍व कायम करना और क्षेत्रीय अखंडता को बढ़ावा देना शामिल है।

राष्‍ट्रपति करिमोव और मेरे बीच बहुत सौहार्दपूर्ण और उपयोगी बातचीत हुई। उनके दृष्टिकोणों से आने वाले दिनों में मुझे बेहद लाभ होगा।

मैं हमारे आर्थिक संबंधों का स्‍तर बढ़ाने की राष्‍ट्रपति करिमोव की इच्‍छा से सहमत हूं। मैंने उन्‍हें बताया है कि भारतीय कारोबारियों की उज्‍बेकिस्‍तान में निवेश की उत्‍कट इच्‍छा है। उज्‍बकिस्‍तान के क्षेत्रों की व्‍यापक रेंज में जबरदस्‍त सम्‍भावनाएं मौजूद हैं। मैंने उनसे भारतीय निवेश को सुगम बनाने के लिए प्रक्रियाएं और नीतियां तैयार करने का अनुरोध किया है। राष्‍ट्रपति ने मेरे सुझाव पर सकारात्‍मक प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है।

राष्‍ट्रपति ने कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी और ऊर्जा के क्षेत्र में जारी सहयोग को सशक्‍त बनाने का भी समर्थन किया है।

हमने उज्‍बेकिस्‍तान से यूरेनियम की आपूर्ति संबंधी समझौते को अमल में लाने के लिए जरूरी कदमों के बारे में भी चर्चा की। इस समझौते पर पहले ही हस्‍ताक्षर किये जा चुके हैं।

राष्‍ट्रपति करिमोव और मैंने भारत और उज्‍बेकिस्‍तान के बीच सम्‍पर्क बढ़ाने संबंधी विविध पहलों के बारे में चर्चा की।

मैंने उन्‍हें अंतर्राष्‍ट्रीय उत्‍तर दक्षिण परिवहन गलियारे के बारे में बताया और उज्‍बेकिस्‍तान को उसका सदस्‍य बनने पर विचार करने का प्रस्‍ताव किया। मैंने अश्‍गाबात समझौते में भारत के सम्मिलित होने के लिए उनका समर्थन मांगा।

मुझे संस्‍कृति और पर्यटन के क्षेत्रों में हुए समझौतों से प्रसन्‍नता हुई है, क्‍योंकि यह हमारे लोगों को करीब लाएंगे।

हिंदी और भारतीय संस्‍कृति को प्रोत्‍साहन देने के मामले में बहुत कम देश उज्‍बेकिस्‍तान की बराबरी कर सकते हैं। मैं भारतीय विद्या शास्‍त्रियों और हिंदी भाषा वैज्ञानिकों के कर्मठ समूह साथ कल होने वाली मुलाकात की प्रतीक्षा कर रहा हूं।

भारत अपने प्रशिक्षण संबंधी पेशकश की संख्‍या बढ़ाकर क्षमता निर्माण में सहयोग को व्‍यापक बनाएगा। अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, उज्‍बेकिस्‍तान-भारत सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र को इस साल अद्यतन किया गया है।

मैं ताशकंद में स्‍थापित किये जा रहे उद्यमिता विकास केंद्र का निर्माण जल्‍द पूरा किये जाने के राष्‍ट्रपति करिमोव के आश्‍वासन का स्‍वागत करता हूं।

हमने अफगानिस्‍तान के हालात सहित क्षेत्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय मामलों पर भी चर्चा की। हमने अपने पड़ोस में उग्रवाद और आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर भी चि�न्‍ता व्‍यक्‍त की। हमने सुरक्षा सहयोग और आदान-प्रदान बढ़ाने पर भी सहमति व्‍यक्‍त की। आतंकवाद से निपटने संबंधी द्विपक्षीय संयुक्‍त कार्य समूह की इस वर्ष बैठक होगी। हमने रक्षा और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी सहयोग मजबूत बनाने पर सहमति व्‍यक्‍त की है।

हम शंघाई सहयोग संगठन के ढांचे में मिलकर कार्य करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

कल, मैं स्‍वतंत्रता और मानवता के स्‍मारक तथा दिवंगत भारतीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्‍त्री के स्‍मारक जाऊंगा।हम अपने पूर्व प्रधानमंत्री की विरासत संजोकर रखने के लिए ताशकंद और उज्‍बेकिस्‍तान के आभारी हैं।

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