- July 24, 2016
उज्जवला योजना में 25 लाख गरीब परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन देने की तैयारी
छत्तीसगढ ——————————– मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के चार क्षेत्रीय विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्षों को सभी पांच राजस्व संभागों का दौरा करने और हर तीन माह में संभागीय मुख्यालयों में प्राधिकरणों के स्वीकृत कार्यों की प्रगति की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।
डॉ. सिंह ने आज यहां मंत्रालय में दिन भर चली चारों प्राधिकरणों की बैठकों में इस आशय के निर्देश दिए। उन्होंने पूर्वान्ह बस्तर और सरगुजा आदिवासी विकास प्राधिकरणों की बैठक ली। अपरान्ह उनकी अध्यक्षता में अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण और ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण की बैठकें आयोजित की गई।
डॉ. सिंह ने कृषि विभाग के अधिकारियों को चालू खरीफ मौसम में किसानों के लिए खाद और बीज की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यूरिया खाद का दुरूपयोग रोकने के लिए नीम कोटेड यूरिया वितरण अनिवार्य रूप से किया जाए।
मुख्यमंत्री ने आज की बैठकों में प्रदेश में 25 लाख गरीब परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन देने के लिए शुरू की जा रही उज्जवला योजना की तैयारी के बारे में भी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी पट्टों के वितरण की भी योजना बनाई गई है। इसमें सभी सांसदों, विधायकों और जनप्रतिनिधियों का सक्रिय सहयोग आवश्यक है।
उन्होंने प्रदेश में वृक्षारोपण कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि जो पौधे लगाए जाते हैं। उनकी पर्याप्त सुरक्षा हो और पौधे जीवित रहे। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में इस वर्ष 10 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। बैठक में कलेक्टरों को वर्ष 2014-15 में स्वीकृत कार्यों को दिसम्बर 2016 तक और वर्ष 2015-16 में स्वीकृत कार्यों को मार्च 2017 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री ने मिनी माता स्वावलंबन योजना के अंतर्गत चयनित हितग्राहियों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराने का सुझाव दिया। बैठक में जानकारी दी गई कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा वर्ष 2015 में गठित 1254 नई ग्राम पंचायतों तथा पूर्व की शेष 250 पंचायत भवन विहीन ग्राम पंचायतों के लिए पंचायत भवनों की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
प्रत्येक ग्राम पंचायत के भवन निर्माण के लिए 14.50 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें से विभिन्न प्राधिकरणों से ग्राम पंचायत भवन के लिए एक-एक लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है। ग्राम पंचायत भवनों के लिए साढ़े आठ लाख रूपए की राशि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से और पांच लाख रूपए की राशि पंचायत विभाग द्वारा स्वीकृत दी गई है।
आगामी 15 अगस्त तक खुले में शौच मुक्त होने वाले विकासखण्ड मुख्यालयों के लिए 20 मोबाइल टायलेट की स्वीकृति प्रदान की गई। प्रत्येक मोबाइल टायलेट के लिए 4.36 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में खरीफ मौसम के लिए पर्याप्त खाद-बीज उपलब्ध है। किसानों को नीम कोटेड यूरिया की आपूर्ति की जा रही है।
बैठक में बताया गया कि अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण द्वारा वर्ष 2012-13 से वर्ष 2015-16 तक 1565 असाध्य सिंचाई पम्पों के विद्युतीकरण के लिए 12.84 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की गई । इसमें से 1495 सिंचाई पम्पों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। शेष 70 पम्पों के विद्युतीकरण का काम प्रगति पर है।
ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण से वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 तक 4829 असाध्य पम्पों के विद्युतीकरण के लिए 23.08 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई, इनमें से 4167 सिंचाई पम्पों के कनेक्शन का काम पूरा हो गया है। शेष 662 सिंचाई पम्पों के विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है।
बैठक में अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण से 12.98 करोड़ रुपए और ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण से 15.52 करोड़ रुपए की लागत के कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गयी। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में वर्तमान में 6452 सिंचाई पम्प असाध्य श्रेणी में हैं। मुख्यमंत्री ने इन सभी असाध्य पम्पों के हितग्राहियों को अगले सात माह में सोलर सिंचाई पम्प प्रदान करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।