- July 10, 2015
उच्च न्यायालय के आदेश BCCI के ठेंगे पर :: ग्रामीण क्रिकेट असोसिएसन ??
ग्रामीण क्रिकेट एसोसिएसन द्वारा फिर से बीसीसीआई केखिलाफ उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ में ग्रामीण क्षेत्रों केखिलाड़ियों को स्वतंत्र रणजी क्रिकेट ट्राफी में टीम बनाने की मांग को लेकर ता. 07/07/2015 याचिका दाखिल की और इस याचिका की सुनवाई इसी सप्ताह में होने वाला है .
रणजी टीम में ग्रामीण खिलाड़ियों को लेनेके लिए औरंगाबाद कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसपर संज्ञान लेतेहुये मा. उच्च न्यायालय ने बीसीसीआई को ऑर्डर ता. 09 जुलाई 2014 जारी किया था पर BCCI ने ग्रामीण क्रिकेट असोसिएसन को एक पत्र भेजा है जिसमें स्पष्ट लिखा है कि “आप” BCCI के मेंबर नही है. मा. उच्च न्यायालय ने ग्रामीण क्रिकेट असोसिएसन के लिये मेंबर होने के लिये BCCI से नियमावली प्रारुप कि मांग की थी।
उक्तजानकारी देते हुये याचिकाकर्ता ग्रामीण संगठन के सचिव लवकुमार जाधव व उनकेवकील एड. प्रशांत सूर्यवंशी ने बताया कि खंडपीठ ने बीसीसीआई को आदेश दिया था. लेकिन BCCI ने उचित निर्णय नही लिया इसलिये ग्रामीण क्रिकेट असोसिएसन फिर से मा. उच्च न्यायालय में ता. 07/07/2015 पुनरावलोकन याचिका दायर कि है.
ग्रामीण क्रिकेट असोसिएसन के सचिव लवकुमार ने बताया कि एसोसिए्सन कीस्थापना 13 अप्रैल 2004 को हुई थी जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों कीप्रतिभाओं को उजागर करने के लिए विगत 10वर्षों से लगातार तहसील, जिला , राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर स्पर्धायें आयोजित की जा रही हैं। संस्थाने अब तक 12 प्रदेशों में 27 हजार से ज्यादा खिलाड़ी तैयार किये हैं।
जानकारी देते हुये कहा कि जिस तरह बीसीसीआई रणजी की शहरी टीमों केखिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में लेती रही है उसी तरह से ग्रामीण टीमों केखिलाड़ियों को भी राष्ट्रीय टीम में लेना चाहिये। इस संबंध में पहलेसंस्था द्वारा बीसीसीआई से कई बार पत्र व्यवहार किया गया मगर अभी तकबीसीसीआई की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया।
बीसीसीआईके इस व्यवहार से क्षुब्ध होकर ही संस्था ने विवश होकर अब न्यायालय कीशरण ली है। नये उदीयमान ग्रामीण खिलाड़ियों के भविष्य की खातिर न्यायालयही एक रास्ता शेष रह जाता है।
संपर्क – प्लाट – 223 , ग्रोथ सेंटर -II ,
सिडको वालुज महानगर -2 ,
औरंगाबाद , महाराष्ट्र
मो :- 9403204353