- March 18, 2016
उच्च एवं तकनीकी संस्थानों के लिए एक मॉडल कैलेण्डर- मंत्री श्री कालीचरण सराफ
जयपुर —-उच्च शिक्षा मंत्री श्री कालीचरण सराफ ने गुरुवार को विधानसभा में बताया कि प्रदेश के सभी उच्च एवं तकनीकी संस्थानों के लिए एक मॉडल कैलेण्डर तैयार किया जायेगा। इस कैलेण्डर में प्रवेश, परीक्षाएं, उनके परिणाम, पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया, ग्रीष्मावकाश एवं राजपत्रित अवकाश आदि समान रूप से प्रभावी होंगे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के समस्त राजकीय विश्वविद्यालय एक गांव को गोद लेकर उसे स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करेंगे। साथ ही निजी विश्वविद्यालयों को 5 गांवों को गोद लेकर उनके समग्र विकास करने के लिए प्रेरित किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने निर्णय किया है कि राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानाें में देशभक्ति से ओतप्रोत वातावरण के निर्माण की दृष्टि से राष्ट्रीय ध्वज को सभी राजकीय एवं निजी विश्वविद्यालयों तथा राजकीय महाविद्यालयों में प्रतिदिन फहराया जायेगा।
उन्होंने बताया कि युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा स्थापित करने के लिए सभी राजकीय विश्वविद्यालयों को निर्देशित किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में पहली बार 5 करोड़ रुपये की लागत से अति आधुनिक 3डी प्रिंटिंग एवं रोबोटिक लैब की स्थापना राज्य की सेंटर फोर इलेक्ट्रोनिक गवर्नेंस संस्था, जयपुर में की जा रही है। श्री सराफ सदन में शिक्षा पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के अन्तर्गत राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद् का गठन कर दिया गया है।
वर्तमान में इस योजना के अन्तर्गत 352 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। 96 राजकीय महाविद्यालयों, 4 संस्कृत महाविद्यालयों को 2-2 करोड़ रूपये, 5 राजकीय विश्वविद्यालयों को 20-20 करोड़ रूपये तथा बारां एवं बाड़मेर में नये इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने के लिए प्रत्येक को 26 करोड़ स्वीकृत किये गये हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने तीन कुलपतियों की समिति का गठन किया है।
यह समिति प्रदेश के विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम एवं परीक्षा पैटर्न को प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुरूप रिवाइज करने के लिए कार्य योजना प्रस्तुत करेगी। साथ ही कक्षाओं में विद्यार्थियों की अधिकतम उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए उन्हें उपस्थिति के प्रतिशत के आधार पर बोनस अंक दिये जाने हेतु भी एक कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने एक समान परीक्षा शुल्क, परीक्षा सम्बन्धी कार्यों के लिए एक समान मानदेय तथा इसी प्रकार के अन्य भत्ते एवं मानदेयों में समानता सुनिश्चित करने के लिए भी एक समिति गठित की है। श्री सराफ ने बताया कि प्रदेश की उच्च एवं तकनीकी शिक्षण संस्थाओं के लिए हायर एजुकेशन वेब पोर्टल का निर्माण हो रहा है, जिसके अन्तर्गत प्रवेश से लेकर डिग्री प्रदान करने तक सम्पूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन की जायेगी तथा ई-लर्निंग को प्रोत्साहन करने के लिए शिक्षण सामग्री भी इस पोर्टल पर उपलब्ध कराई जायेगी।
श्री सराफ ने विद्यार्थियों में सामाजिक सरोकारों को विकसित करने के लिए पांच-सूत्रीय कार्यक्रम की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इनमें स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रदेश के सभी राजकीय एवं निजी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड. कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज एवं संस्कृत महाविद्यालयों के समस्त छात्रों और शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कार्मिकों के सहयोग द्वारा प्रत्येक माह में एक दिवस निश्चित करके सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता सम्बन्धी कार्यक्रम आयोजित के लिये निर्देश जारी किये गये हैं।
शिक्षण सत्र में 25सितम्बर (पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी दिवस) एवं 23 जनवरी (नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जयन्ती) को रक्तदान शिविर आयोजित किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्षा ऋतु मेंं शिक्षण संस्थाओं में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। शैक्षणिक परिसरों की दीवाराें पर महापुरूषों के अनमोल वचनों के लेखन का कार्य किया जाएगा।
श्री सराफ ने कहा कि महाविद्यालयों के छात्रों के अगली कक्षा में क्रमोन्नत होने के उपरान्त विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए उनके द्वारा उपयोग में ली गई पाठ्यपुस्तकों को एकत्रित करके प्रत्येक संस्था में बुक बैंक की स्थापना की जाएगी, जिससे जरूरतमंद विद्यार्थियों को आवश्यकता अनुसार पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध हो सकें।
उच्च शिक्षा विभाग श्री सराफ ने बताया कि राज्य सरकार ने 2 वर्षों में 16 नये राजकीय महाविद्यालय प्रारम्भ कर दिये हैं और 6 राजकीय महाविद्यालयों का पुनर्गठन कर 8 और नये राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना कर दी गई है और इस बजट सत्र में मुख्यमंत्री ने 8 नये राजकीय महाविद्यालय खोले जाने की घोषणा की है। साथ ही 13 महाविद्यालयों में स्नातक स्तर के नये विषय और 11 महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर के नवीन विषय प्रारम्भ किये जाने की घोषणा की है।
उन्होंने बताया कि नये महाविद्यालयों के भवन निर्माण के लिए 104.50 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। श्री सराफ ने कहा कि अति पिछड़े जनजाति जिलों बांसवाड़ा, डूंगरपुर,प्रतापगढ़ में स्थित जनजाति एवं आदिवासी विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा एवं शोघ की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए गोविन्दगुरू जनजाति विश्वविद्यालय की बांसवाड़ा में स्थापना करने का हमने निर्णय किया गया है और इस बजट सत्र में इससे संबंधित विधेयक प्रस्तुत किया जायेगा। उन्होंने बताया कि बीकानेर में तकनीकी विश्वविद्यालय की स्थापना की भी इस बजट में घोषणा की गई है।
श्री सराफ ने कहा कि प्रदेश में निजी महाविद्यालयों की एन.ओ.सी. दिये जाने के बारे में अनियमितताओं की शिकायतें प्राप्त होने पर समयबद्ध और पारदर्शिता के आधार पर एन.ओ.सी. जारी किये जाने हेतु एक स्थायी नीति का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि सीबीएसई और राजस्थान बोर्ड के प्रतिशत में अंतर की वजह से राजस्थान बोर्ड के विद्यार्थियों को फस्र्ट इयर में एडमिशन में पिछड़ने से रोकने के लिए कॉलेजों में एडमिशन हेतु पर्सेन्टाइल सिस्टम लागू किया गया जिससे राजस्थान बोर्ड से पास आउट ग्रामीण परिवेश के लगभग 70 प्रतिशत बच्चों को प्रवेश मिलना संभव हो सका।
उन्होंने बताया कि प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए इस वर्ष प्रदेश के सभी राजकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर ऑनलाइन एडमिशन की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई। अगले सत्र में पी.जी. में भी ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जायेगी। साथ ही फस्र्ट इयर में प्रवेश के बाद सेकंड और फाइनल इयर में बार-बार प्रवेश लेने की जटिलता को भी दूर किया गया है।
श्री सराफ ने कहा कि प्रदेश के प्रमुख विश्वविद्यालयों में दीक्षांत समारोह आयोजित कर वर्षों से लम्बित करीब 25 लाख उपाधियों का वितरण कर दिया गया है। साथ ही दीक्षान्त समारोह में गुलामी के प्रतीक काले गाउन की प्रथा को समाप्त कर उसकी जगह भारतीय परिधान पुरूषों के लिए सफेद कुर्ता-पजामा तथा महिलाओं के लिए सफेद साड़ी पहनना लागू किया गया। उन्होंने बताया कि कॉलेज शिक्षा विभाग में व्याख्याताओं के चयन के लिए नियमों में परिवर्तन कर 88 प्रतिशत की लिखित परीक्षा एवं 12 प्रतिशत के इन्टरव्यू की व्यवस्था की है।
राजकीय महाविद्यालयों में संचालित विभिन्न विषयों में व्याख्याताओं के चयन हेतु राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर द्वारा भर्ती की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है तथा अप्रेल-मई 2016 में लिखित परीक्षा का आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में 34 चयनित राजकीय महाविद्यालयो एवं आयुक्तालय, कॉलेज शिक्षा, जयपुर में डायनेमिक ई-क्लास रूम स्थापित किये जाने की प्रक्रिया जारी है।
इस योजना को चरणबद्ध रूप सभी राजकीय महाविद्यालयों में लागू किया जायेगा। साथ ही समस्त राजकीय महाविद्यालयों को यूजीसी की ई-लाईब्रेरी योजना द्वारा जोड़कर97 हजार ई-बुक्स एवं 6 हजार ई-जर्नल्स की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
तकनीकी शिक्षा विभाग श्री सराफ ने बताया कि स्टार्ट-अप योजना के अन्तर्गत आईआईएम, अहमदाबाद की सहभागिता से प्रदेश के सभी सातों संभागो में अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में “इंक्यूबेशन सेंटर“ की स्थापना की जा रही है। आगामी सत्र से सेंटर कार्य करना प्रारम्भ कर देंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में पहली बार 5 करोड रूपये की लागत से अति आधुनिक 3डी प्रिंटिंग एवं रोबोटिक लैब की स्थापना राज्य की सेंटर फोर इलेक्ट्रोनिक गवर्नेस संस्था (सीईजी), जयपुर में स्थापना की जा रही है।
उन्होंने बताया कि राज्य में आईआईटी, मुम्बई की सहभागिता से संभाग स्तर पर पोलिटेक्निक एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों में आधुनिक ई-यंत्र लैब स्थापित किये जा रहे हैं। शिक्षण प्रशिक्षण में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, जोधपुर, अजमेर, महिला अजमेर एवं भरतपुर में स्मार्ट क्लास रूम स्थापित कर विद्यार्थियों को नवीनतम तकनीक के साथ शिक्षा प्रदान की जा रही है।
उन्होंने बताया कि राज्य में तकनीकी शिक्षकों के लिए एक उच्च अध्ययन नीति जारी की गई है जिससे उच्च अध्ययन के लिए दी जाने वाली अनुमति में भेदभाव समाप्त हो जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इंजीनियरिंग, एमबीए और एमसीए में प्रवेश की राज्य स्तरीय परीक्षा को समाप्त किया गया है और केन्द्रीय प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से प्रवेश लिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष पॉलिटेक्नीक महाविद्यालयों में विभिन्न कम्पनियों द्वारा कैम्पस आयोजित किये गये, जिसमें एक हजार से अधिक छात्रों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया।
संस्कृत शिक्षा विभाग श्री सराफ ने संस्कृत शिक्षा विभाग की चर्चा करते हुए कहा कि अक्टूबर, 2015 में विद्यालय शाखा के सेवा नियम लागू हो चुके हैं, जिसके फलस्वरूप हमने वर्षों से लम्बित डीपीसी एवं नव नियुक्तियों के मार्ग की मुख्य बाधा को दूर कर दिया है। संस्कृत शिक्षा के महाविद्यालय शाखा के सेवानियमों का प्रारूप भी तैयार करवा लिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रथम कक्षा से संस्कृत के अध्ययन-अध्यापन आरम्भ करने के लिए प्रथम कक्षा की पुस्तकें प्रकाशित होने के लिए भेज दी गई हैं तथा आगामी सत्र से इनका अध्ययन-अध्यापन आरम्भ कर दिया जाएगा।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि एसटीसी, महापुरा को राज्य स्तरीय संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के रूप में विकसित करने हेतु मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में घोषणा की है। यह घोषणा संस्कृत के विकास की दृष्टि से दूरगामी परिणाम देने में सहायक होगी। अब संस्कृत शिक्षा में कार्यरत सभी शिक्षकों का प्रशिक्षण इसी संस्थान द्वारा करवाया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि संस्कृत माध्यम से संस्कृत भाषा गुणवत्ता के लिये संस्कृत प्रशिक्षण प्रकोष्ठ का गठन किया गया, जिसके अन्तर्गत राज्य स्तर पर संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला एवं प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया, जिसमें अब तक कुल 1000 प्रतिभागियों ने भाग लिया। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमने संस्कृत भाषा को बोलचाल की भाषा बनाने के लिए संस्कृत विभाग की सभी संस्थाओं में जुलाई माह को सम्भाषण मास के रूप में मनाने का निर्णय लिया था।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष 1 लाख 80 हजार छात्रों ने सम्भाषण मास के अन्तर्गत संस्कृत सम्भाषण का अभ्यास किया है। श्री सराफ ने जानकारी दी कि जगद्गुरू रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय में योग केन्द्र की स्थापना कर विभिन्न पाठ्यक्रम आरम्भ किये गये हैं। यह योग केन्द्र अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान कायम करे, इसके लिए विश्वविद्यालय में शैक्षणिक मीटिंग रूम एवं योग साधना केन्द्र का निर्माण हो चुका है।
संस्कृत विश्वविद्यालय के जीर्णोद्धार एवं नव निर्माण के लिए 23.12 करोड रुपये स्वीकृत किये हैं। इस राशि से आगामी तीन वर्षों में योग केन्द्र के भवन का विकास, ओपन एयर थियेटर एवं मंत्र प्रतिष्ठान भवन के निर्माण के साथ-साथ जीर्णोद्धार के कार्य किये जायेंगे। —