ई-रिक्शा गरीब लोगों के लिए बड़ी मददगार – नितिन गडकरी

ई-रिक्शा गरीब लोगों के लिए बड़ी मददगार –  नितिन गडकरी
सड़क परिवहन, राजमार्ग और शिपिंग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि ई-रिक्शा दलितों तथा अनुसूचित जाति, जनजाति, और अल्पसंख्यक वर्ग के गरीब लोगों के लिए बड़ी मददगार होगा। श्री गडकरी आज लोकसभा में मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2014 पर दो दिन की बहस का जवाब दे रहे थे। लोकसभा ने ई-रिक्शा के नियमन के लिए विधेयक को ध्वनिमत से से पारित कर दिया। ई-रिक्शा किफायती दर पर महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों सहित लाखों लोगों के लिए अंतिम छोर तक संपर्क साधन है।

श्री नितिन गडकरी ने सदन को बताया कि इस विधेयक के पारित होने के साथ ई-रिक्शा तथा ई-कार्ट को पंजीकरण नम्बर के अक्षर और संख्या दिखाना होगा, स्वामित्व हस्तांतरण और प्रमाण-पत्रों की वैधता तथा फिटनेश संबंधी कागजात रखने होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें संशोधित नियमों के अनुसार ई-रिक्शा का पंजीकरण करेंगी। दिल्ली में 2012 से ई-रिक्शा चल रहे हैं लेकिन अब तक उनके पास कोई पंजीकरण संख्या नहीं थी। उनका नियमन नहीं होता था।

श्री गडकरी ने कहा कि टेक्नोलॉजी में सुधार के साथ समाज अब वाहनों का मूल्य संवर्धन चाहता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मानव चालित रिक्शा अधिक से अधिक संख्या में बिजली से चलने वाले तिपहिया वाहनों के रूप में उन्नत होंगे। उन्होंने सदन को बताया कि कि एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टेरी) की सेवा दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा ली गई थी और टेरी ने ई-रिक्शा को मोटर वाहन मानने की सिफारिश की है।

सड़क पहिवाहन मंत्री ने ई-रिक्शा यात्रियों और सड़क पर चलने वालों की सुरक्षा के संबंध में कुछ सदस्यों की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि चालक को छोड़कर ई-रिक्शा में केवल चार यात्रियों के बैठने का नियम है और इसमें 40 किलोग्राम से अधिक सामान नहीं रखा जाएगा। ई-रिक्शा के मोटर की शक्ति 2000 वाट से अधिक नहीं होगी और इसकी गति 25 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी। इसे मोटर वाहन माना जाएगा।

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