- November 27, 2016
ई पशु हाट तरह का पोर्टल विकसित डेयरी देशों में भी उपलब्ध नहीं”
पशु पालको एवं प्रजननको को जोड़ने के लिए ई पशु हाट (www.epashuhaat.gov.in) पोर्टल विश्व मे पहली बार स्थापित किया गया है।
पेसूका ————— केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि पिछले दो वर्षों 2014-15 तथा 2015-16 में दूध उत्पादन ने 6.28% की विकास दर हासिल की है जो पिछले वर्षों की लगभग 4% विकास दर से कही अधिक है।
श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि इससे प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धतता 2013-14 के 307 ग्राम प्रति दिन से बढ़कर 2015-16 में 340 ग्राम प्रति दिन हो गई है, जो 5% की विकास दर है और 2014-15 में 3% से कम थी। केंद्रीय कृषि मंत्री ने यह बात आज राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में कही।
भारत में श्वेत क्रांति के जनक डा. वर्गीज कुरियन के जन्म दिन को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री श्री सुदर्शन भगत, कृषि मंत्रालय,पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग के वैज्ञानिक, अधिकारी और देश भर से आए दुग्ध परिसंघों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस अवसर पर राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के हिस्से के रूप में विभाग ने ई-पशु हाट (www.pashuhaat.gov.in) पोर्टल भी लांच किया।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा देश मे पहली बार राष्ट्रीय बोवाइन उत्पादकता मिशन के अंतर्गत ई पशुधन हाट पोर्टल स्थापित किया गया है। यह पोर्टल देशी नस्लों के लिए प्रजनकों और किसानों को जोड़ने मे एक महतवापूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस पोर्टल के द्वारा किसानो को देशी नस्लों की नस्ल वार सूचना प्राप्त होगी। इससे किसान एवं प्रजनक देशी नस्ल की गाय एवं भैंसो को खरीद एवं बेच सकेंगे। देश मे उपलब्ध जर्मप्लाज्म की सारी सूचना पोर्टल पर अपलोड कर दी गयी है। जिससे किसान इसका तुरंत लाभ उठा सके। इस तरह का पोर्टल विकसित डेयरी देशों मे भी उपलब्ध नहीं है। इस पोर्टल के द्वारा देशी नस्लों के संरक्षण एवं संवर्धन को एक नई दिशा मिलेगी।
श्री सिंह ने कहा कि डॉ. कुरियन ने दुग्ध सहकारी संस्थानों का निर्माण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि भारत पिछले 15 वर्षों से दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र मे दुनिया में नंबर वन बना हुआ है और इसका श्रेय छोटे दुग्ध उत्पादकों को जाता है। उन्होंने आगे कहा कि अभी इस क्षेत्र में बहुत काम करना है ताकि देश के हर बच्चे को दूध सहित पर्याप्त पोषण दिया जा सके।
उन्होंने जानकारी दी कि 190.90 मिलियन गोपशुओं के साथ (19वीं पशुधन संगणना 2012 के अनुसार) विश्व गोपशु आबादी का 13% भारत में है। इसमें से 151 मिलियन देशी है, जो कुल गोपशु आबादी का 80% है। 108.7 मिलियन भैंसों के साथ देश में विश्व भैंस आबादी का 57% है। हमारा देश बोवाईन आबादी में पहले स्थान पर है। यहां विश्व आबादी के कुल 18% बोवाईन हैं जो विश्व के कुल दुग्ध उत्पादन में 20% का योगदान कर रहे हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि देशी गोपशुओं की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए देशी नस्लों के विकास और संरक्षण हेतु आवंटन को कई गुना बढ़ाया गया है। अब इसे 2013 के 45 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 582 करोड़ रुपए कर दिया गया है। राष्ट्रीय बोवाईन प्रजनन तथा डेयरी विकास कार्यक्रम के अंतर्गत देश में पहली बार “राष्ट्रीय गौकुल मिशन” नामक एक नई पहल की गई। इसका उद्देश्य देशी बोवाईन नस्लों का संरक्षण तथा विकास करना है।
इस मिशन में 40% तक नॉडिस्क्रिप्ट नस्लों को शामिल करते हुए देशी नस्लों के विकास के लिए एकीकृत गोपशु विकास केंद्रों “गौकुल ग्राम” की स्थापना की परिकल्पना की गई है। अभी तक 582.09 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ 27 राज्यों की परियोजनाओं को अनुमोदित किया जा चुका है, जिसमें से 216.54 करोड़ रुपए कार्यान्वयन हेतु राज्यों को जारी किए जा चुके है।
129 करोड़ रुपए की इस योजना के अंतर्गत 14 गोकुल ग्रामों की स्थापना के लिए मंजूरी दे दी गयी है। श्री सिंह ने कहा कि देशी नस्लों के विकास तथा संरक्षण के लिए दो “राष्ट्रीय कामधेनु प्रजनन केंद्रों” की स्थापना की जा रही है। मध्य प्रदेश तथा आंध्र प्रदेश को क्रमश: उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्रों में एक-एक राष्ट्रीय कामधेनु प्रजनन केंद्र की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है।
श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि गर्मी सहने और रोग प्रतिरोधी होने के अलावा गायों की हमारी देशी नस्लें ए 2 टाइप का दूध उत्पादित करने के लिए जानी जाती हैं जो हमें विभिन्न पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे ह्दय तथा रक्त वाहिकाओं संबंधी मधुमेह तथा स्नायु संबंधी विकारों से बचाने के अलावा कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी लाभ प्रदान करता है।
देश में ए2 ए2 दूध को अलग से बेचे जाने की आवश्यकता है। श्री सिंह ने बताया कि ए2 ए2 दूध के विपणन के लिए ओडिशा तथा कर्नाटक दोनों को 2 करोड़ रुपए प्रत्येक की दर से राशि स्वीकृत की गई है। केंद्रीय कषि मंत्री ने सभी दुग्ध परिसंघों से आग्रह किया कि वे उपभोक्ताओं के लाभ के लिए देशी गोपशुओं के पालन में लगे गरीब किसानों के लिए ए2 ए2 दूध अलग से बेचे।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने आगे बताया कि दूध की बढ़ती मांग पूरा करने के साथ किसानो के लिए दुग्ध उत्पादन को और लाभदायक बनाने के लिए भारत सरकार ने एक नई योजना राष्ट्रीय बोवाईन उत्पादकता मिशन को 825 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ अनुमोदित किया है।