- October 29, 2018
ई-डाक मतपत्र— सेवा मतदाताओं के लिए डाक मतपत्रों का इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप प्रेषित
रायपुर.—मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा पहले चरण के मतदान वाले आठ जिलों के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को उनके जिलों के 18 विधानसभाओं हेतु सेवा मतदाताओं के लिए डाक मतपत्रों का इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप भेज दिया गया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार ई-डाक मतपत्र के माध्यम से किए जाने वाले मतदान के संबंध में पूरी प्रक्रिया से भी अवगत कराया है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा प्रथम चरण के निर्वाचन हेतु ई-डाक मतपत्र के माध्यम से मतदान की विभिन्न प्रक्रियाओं के लिए तारीखों का निर्धारण किया गया है।
आयोग के निर्देशानुसार 27 अक्टूबर को पूर्वान्ह 11.59 बजे ई-डाक मतपत्र को डाउनलोड करने की शुरूआत हो चुकी है। दिनांक 03 नवम्बर 2018 को पूर्वान्ह 11.59 बजे ई-डाक मतपत्र डाउनलोड करने की अंतिम तिथि होगी। दिनांक 11 दिसम्बर 2018 को सुबह 07.59 बजे मतांकित/चिन्हित ई-डाक मतपत्रों को प्राप्त करने का समय निर्धारित किया गया है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू ने आज यहां बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने ई-डाक मतपत्र के संप्रेषण हेतु विस्तृत अनुदेश जारी किए हैं। श्री साहू ने सभी रिटर्निंग ऑफिसरों को निर्देशित किया है कि आयोग के अनुदेशों के अनुसार संबंधित दस्तावेजों का इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किए गए संप्रेषण के अनुरूप प्रक्रियाओं का परिपालन सुनिश्चित करें।
इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजे गए दस्तावेजों में पांच महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। इनमें डाक मतपत्र, निर्वाचक द्वारा घोषणा का प्रारूप 13क, प्रारूप 13ख हेतु लेबल आवरण (भीतरी लिफाफा), प्रारूप 13ग हेतु लेबल आवरण (बाहरी लिफाफा) और निर्वाचक हेतु दिशा-निर्देश प्रारूप 13घ शामिल हैं।
ई-डाक मतपत्र की सम्प्रेषण की प्रणाली
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने ई-डाक मतपत्र के संप्रेषण की प्रणाली के बारे में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को बताया कि केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकारी द्वारा डाक मतपत्रों के इलेक्ट्रॉनिक संप्रेषण हेतु जब आर.ओ. कार्य प्रणाली को क्रियाशील किया जाएगा तब रिटर्निंग ऑफिसर सिस्टम में लॉग-इन कर सकेंगे।
वे निर्वाचन कार्यक्रम के अनुसार निर्वाचन की जानकारी का अवलोकन (जैसे निर्वाचन का ब्यौरा, निर्वाचन क्षेत्र का राज्य कोड, निर्वाचन क्षेत्र का प्रकार – विधानसभा अथवा लोकसभा, निर्वाचन क्षेत्र की संख्या, निर्वाचन क्षेत्र का नाम, निर्वाचन की तारीख तथा डाक मतपत्र को वापस भेजने हेतु रिटर्निंग ऑफिसर का पता) कर सकेंगे।
वे डाउनलोड विन्डो यानि डाक मतपत्र हेतु आरंभ की तारीख एवं समय तथा समाप्ति की तारीख एवं समय का भी अवलोकन कर सकेंगे। रिटर्निंग ऑफिसर लॉग-इन कर निर्वाचन क्षेत्र के अनुरूप डाक मतपत्र का नमूना (Template) अपलोड करने, सिस्टम द्वारा उत्पन्न (Generated) सैम्पल डाक मतपत्र का अवलोकन एवं स्वीकृति, निर्वाचन क्षेत्रों से संबंधित पर्याप्त मात्रा में डाक मतपत्र हेतु पासवर्ड (PIN) तथा पासवर्ड सुरक्षित (Password Protected) डाक मतपत्र तैयार करने (Generate) का काम कर सकेंगे।
डाक मतपत्रों को डाउनलोड तथा प्रिंट करना
इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से संप्रेषण हेतु तैयार किए गए डाक मतपत्र को संबंधित ओ.टी.पी. का उपयोग करते हुए रिकार्ड के लिए उत्तरदायी अधिकारी/इकाई अधिकारी/नोडल अधिकारी या संबंधित सेवा मतदाता संप्रेषित डाक मतपत्र का, उन्हें दिए गए पिन की सहायता से प्रिंट आउट निकाल सकेंगे।
इकाई अधिकारी या नोडल अधिकारी भी संप्रेषित किए जाने वाले डाक मतपत्र का पिन की सहायता से प्रिंट आउट निकाल कर उसे सेवा मतदाता को प्रेषित कर सकते हैं। अन्य मामलों में इकाई अधिकारी या नोडल अधिकारी स्वयं प्रारूप 13क, प्रारूप 13ख एवं 13ग हेतु लेवल (लिफाफा) तथा निर्देश प्रारूप 13घ को डाक मतपत्र के साथ प्रिन्ट निकालकर संबंधित सेवा मतदाता को प्रेषित करेंगे।
रिकार्ड के लिए उत्तरदायी अधिकारी/इकाई अधिकारी/नोडल अधिकारी द्वारा यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से संप्रेषित किया जाने वाला डाक मतपत्र तथा उपरोक्त उल्लेखित सभी प्रारूप संबंधित सेवा मतदाता को ही प्रेषित किए जाएं, किसी अन्य व्यक्ति को नहीं। दो लिफाफे, एक प्रारूप 13ख हेतु छोटा लिफाफा तथा दूसरा प्रारूप 13ग हेतु बड़ा लिफाफा भी प्रत्येक सेवा मतदाता को प्रेषित किया जाना चाहिए।
संबंधित डी.ई.ओ. द्वारा पर्याप्त मात्रा में छोटे एवं बड़े लिफाफे पहले से ही रिकार्ड अधिकारी/ईकाई अधिकारी/कमांडेंट को उपलब्ध करा देना चाहिए। इकाई अधिकारी/नोडल अधिकारी द्वारा सेवा मतदाताओं को प्रेषित (Electronically Transmitted Postal Ballot Papers – ETPBs) प्रत्येक डाक मतपत्र का रिकार्ड रखना होगा। यह रिकार्ड संबंधित इकाई में पाँच साल के लिए संभालकर रखा जाना चाहिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर उच्च अधिकारियों के समक्ष अथवा न्यायालय में प्रस्तुत किया जा सके।
डाक मतपत्र से मतदान तथा डाक मतपत्र को वापस भेजना
डाक मतपत्र (ETPBs) तथा साथ में भेजे गए अन्य प्रारूप की प्राप्ति के बाद सेवा मतदाता को प्रारूप 13घ में दिए गए निर्देशानुसार मतपत्र पर अभ्यर्थी के नाम के समक्ष क्रॉस (X) या सही टिक-मार्क का चिन्ह बनाकर अपने मत की प्रविष्टि करना चाहिए। मतांकित मतपत्र को छोटे लिफाफे में रखकर लिफाफे को गोंद की मदद से बंद करना चाहिए।
प्रारूप 13ख के ऊपर यदि मतपत्र का क्रमांक पहले से मुद्रित न हो तो निर्धारित स्थान पर मतपत्र का क्रमांक भी दर्ज करना चाहिए। इसके बाद प्रारूप 13क में घोषणा की प्रविष्टि करना चाहिए तथा घोषणा के प्रारूप में सत्यापन हेतु परिनियोजित अधिकारी द्वारा सत्यापन का हस्ताक्षर करवाना चाहिए। तत्पश्चात बंद किया गया छोटा लिफाफा और घोषणा का प्रारूप, दोनों को बड़े लिफाफे में डालकर गोंद की सहायता से बंद करना चाहिए।
सेवा मतदाता को प्रारूप 13ग हेतु दिया गया लेबल बड़े लिफाफे पर चिपकाकर निर्धारित स्थान पर हस्ताक्षर करना होगा तथा इसे रिटर्निंग ऑफिसर के पते पर उपलब्ध डाक सुविधा की सहायता से प्रेषित करना होगा। यदि यह लिफाफा (प्रारूप 13ग) भारत में ही भेजा जा रहा है तो इस पर किसी डाक टिकट की आवश्यकता नहीं है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी या जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा डाक खर्च का वहन किया जाएगा।
डाक मतपत्रों की गणना
इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजे गए डाक मतपत्रों की गणना अन्य डाक मतपत्रों की तरह ही रिटर्निंग ऑफिसर की मेज पर होगी। केवल उन्हीं डाक मतपत्रों की गिनती की जाएगी जो मतगणना शुरू करने के लिए निर्धारित समय से पहले प्राप्त होंगे।
लिफाफों को खोलना
निर्धारित समय में प्राप्त प्रारूप 13ग के लिफाफों को सत्यापित कर एक के बाद एक खोला जाना चाहिये। बाहरी लिफाफे पर क्यू-आर कोड (QR Code) को कम्प्यूटर साफ्टवेयर से स्कैन किया जायेगा तथा क्यू-आर कोड रीडर तथा इसकी वैधता की जाँच की जायेगी।
बाहरी लिफाफे की वैधता जाँचने के बाद कम्प्यूटर एक यूनिक सिरियल क्रमांक देगा। रिटर्निंग ऑफिसर इस सिरियल क्रमांक को मैनुअली भी सत्यापित करेगा। कम्प्यूटर डाक से प्राप्त मतपत्रों की सूची में किसी भी संभावित डुप्लीकेट के लिये क्यू-आर कोड में प्रविष्टि की जांच करेगा।
कम्प्यूटर साफ्टवेयर क्यू-आर कोड की जांच वाले मतपत्रों के सिरियल नम्बर की सूची भी प्रदान करेगा। रिटर्निंग ऑफिसर सॉफ्टवेयर द्वारा इंगित किये गये सभी डुप्लीकेट लिफाफों का पता लगाएगा और उन्हें भौतिक रूप से एक साथ रखेगा। वह ऐसे सभी डुप्लीकेट या एक से अधिक (Multiple) वोटों को अमान्य करेगा। अमान्य घोषित ऐेसे सभी लिफाफे गिनती के लिये खोले नहीं जायेंगे और उन्हें भविष्य के संदर्भ के लिये अलग से संरक्षित किया जायेगा। ऐसे डुप्लीकेट डाक मतपत्रों की संख्या रजिस्टर में चिन्हित की जायेगी।
प्रारूप 13ग में ‘‘ख‘‘ आवरण को खोले जाने पर दो दस्तावेज प्राप्त होना चाहिए। प्रथम दस्तावेज प्रारूप 13क में मतदाता द्वारा घोषणा है तथा दूसरा भीतरी आवरण प्रारूप 13ख में डाक मतपत्र होता है। लिफाफा खुलते ही रिटर्निंग ऑफिसर को प्रारूप 13क में घोषणा तथा प्रारूप 13ख की भीतरी लिफाफा निकालना चाहिए और घोषणा की संवीक्षा करना चाहिए। प्रारूप 13ख जिसमें डाक मतपत्र होता है, खोलने से पूर्व रिटर्निंग ऑफिसर को घोषणा (प्रारूप 13क) की जांच अवश्य ही कर लेना चाहिए। प्रारूप 13ख को खोलने एवं गिनती के पूर्व ऐसे सभी प्रारूप (13क) को अलग कर सीलबंद कर लेना चाहिए।
डाक मतपत्रों की अस्वीकार्यता
यदि प्रारूप 13क में घोषणा आवरण में नहीं है अथवा इलेक्ट्रॉनिक डाक मतपत्र पहचान संख्या जारी संख्या से मेल नहीं खाता है, तो रिटर्निंग ऑफिसर भीतरी लिफाफे को खोले बिना ही डाक मतपत्र को अस्वीकार कर सकता है। घोषणा में हस्ताक्षर नहीं होने, सक्षम अधिकारी द्वारा सत्यापित नहीं होने या घोषणा में दर्शाये डाक मतपत्र पहचान संख्या और कवर में प्रदर्शित पहचान संख्या अलग-अलग होने पर भी रिटर्निंग ऑफिसर इसे अस्वीकार कर सकता है।
ऐसे प्रत्येक अस्वीकृत आवरण को उपयुक्त तरीके से पृष्ठांकित किया जाना चाहिए और घोषणा तथा आवरण को प्रारूप 13ग (बाहरी लिफाफे) के आवरण में पुनः लगा देना चाहिए। प्रारूप 13ग के ऐसे सभी आवरण को सम्यक रूप से सीलबंद एक अलग पैकेट में एक साथ रखा जाना चाहिए।
इन पैकेटों की सुगमतापूर्वक पहचान के लिए इनके ऊपर निर्वाचन क्षेत्र का नाम, मतगणना की तारीख तथा लिफाफे में रखे प्रपत्रों का संक्षिप्त ब्यौरा लिखा जाना चाहिए। जिन आवरणों में प्रारूप 13क की सभी घोषणाएं सही पायी गई हैं, उन्हें गिनती के लिए अलग पैकेट में रखना चाहिए। इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक डाक मतपत्रों की गिनती परंपरागत डाक मतपत्रों की गिनती के लिए जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार ही होगी।
रिटर्निंग ऑफिसर को इस बात का खास ध्यान रखना होगा कि क्यू-आर कोड की स्कैनिंग निर्धारित क्रमानुसार ही हो। प्रारूप 13ग की स्कैनिंग सबसे पहले, उसके बाद प्रारूप 13क और सबसे आखिरी में प्रारूप 13ब की स्कैनिंग किया जाना चाहिए। क्यू-आर कोड की स्कैनिंग का क्रम किसी भी हालत में बदला जाना नहीं चाहिए।